बीकानेर .
शिक्षा निदेशालय अब स्कूलों में शिक्षकों की कार्य दक्षता का समुचित उपयोग
कर प्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता और शिक्षा का स्तर सुधारने पर सख्ती से
काम करेगा।
इसमें स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी (एसडीएमसी) की भूमिका को प्रभावी बनाकर सक्रिय करना शामिल है। अभी गांवों में एसडीएमसी की हर अमावस्या को बैठक होती है।
जिसे शिक्षक ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अब हर माह पाक्षिक या साप्ताहिक बैठक का प्रावधान किया गया है। शिक्षा निदेशालय का मानना है कि राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है। स्कूलों में शिक्षक योग्यताधारी, आवश्यक संसाधन और स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी का फण्ड है। शिक्षा पर सरकारी व्यय का प्रदेश की जनता को पूरा फायदा मिले इसकी पुख्ता व्यवस्था होगी।
अब कोई शिक्षक शाला से अनुपस्थित रहकर या कालांश नहीं लेकर वेतन नहीं ले सकेगा। स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों की सक्रियता बढ़ाकर स्कूलों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। वहीं अभिभावक को स्कूल के स्वामित्व का अहसास करवाया जाएगा।
डीईओ करेगा निस्तारण
एसडीएमसी को सक्रिय करने की जिम्मेदारी शाला प्रधान की होगी। हर बैठक में कमेटी के सदस्यों को बुलाकर शाला संचालन में आ रही कमियों के प्रस्तावों को एकत्र कर कार्रवाई के जिला शिक्षा अधिकारी को भेजना होगा। समस्याओं का निस्तारण जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के स्तर पर किया जाएगा।
शिक्षण में होगा सुधार
स्कूलों में शिक्षक पूरे टाइम ड्यूटी दे और बच्चों को विषय की पूरी पढ़ाई करवाएं। अब किसी शिक्षक की उपस्थिति और शिक्षण कार्य को लेकर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी की शाला संचालन एवं शिक्षण कार्य को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर पर रिपोर्ट ली जाएगी। इसके आधार पर कार्रवाई होगी।
नथमल डिडेल निदेशक माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर
किसानों को नि:शुल्क बीज बांटा
बीकानेर. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में किसानों को गुणवत्ता के चने के बीज का मंगलवार को कुलपति प्रो. बीआर छीपा नि:शुल्क वितरण किया। किसानों के खेत में नई कृषि तकनीकों के माध्यम से प्रदर्शन के लिए यह बीज उपलब्ध कराया गया है। उन्नत बीज के साथ ही बीजोपचार के लिए राइजोबियम कल्चर व बुआई से कटाई तक की विधि बताई गई।
इसमें स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी (एसडीएमसी) की भूमिका को प्रभावी बनाकर सक्रिय करना शामिल है। अभी गांवों में एसडीएमसी की हर अमावस्या को बैठक होती है।
जिसे शिक्षक ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अब हर माह पाक्षिक या साप्ताहिक बैठक का प्रावधान किया गया है। शिक्षा निदेशालय का मानना है कि राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है। स्कूलों में शिक्षक योग्यताधारी, आवश्यक संसाधन और स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी का फण्ड है। शिक्षा पर सरकारी व्यय का प्रदेश की जनता को पूरा फायदा मिले इसकी पुख्ता व्यवस्था होगी।
अब कोई शिक्षक शाला से अनुपस्थित रहकर या कालांश नहीं लेकर वेतन नहीं ले सकेगा। स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों की सक्रियता बढ़ाकर स्कूलों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। वहीं अभिभावक को स्कूल के स्वामित्व का अहसास करवाया जाएगा।
डीईओ करेगा निस्तारण
एसडीएमसी को सक्रिय करने की जिम्मेदारी शाला प्रधान की होगी। हर बैठक में कमेटी के सदस्यों को बुलाकर शाला संचालन में आ रही कमियों के प्रस्तावों को एकत्र कर कार्रवाई के जिला शिक्षा अधिकारी को भेजना होगा। समस्याओं का निस्तारण जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के स्तर पर किया जाएगा।
शिक्षण में होगा सुधार
स्कूलों में शिक्षक पूरे टाइम ड्यूटी दे और बच्चों को विषय की पूरी पढ़ाई करवाएं। अब किसी शिक्षक की उपस्थिति और शिक्षण कार्य को लेकर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूल डवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी की शाला संचालन एवं शिक्षण कार्य को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर पर रिपोर्ट ली जाएगी। इसके आधार पर कार्रवाई होगी।
नथमल डिडेल निदेशक माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर
किसानों को नि:शुल्क बीज बांटा
बीकानेर. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में किसानों को गुणवत्ता के चने के बीज का मंगलवार को कुलपति प्रो. बीआर छीपा नि:शुल्क वितरण किया। किसानों के खेत में नई कृषि तकनीकों के माध्यम से प्रदर्शन के लिए यह बीज उपलब्ध कराया गया है। उन्नत बीज के साथ ही बीजोपचार के लिए राइजोबियम कल्चर व बुआई से कटाई तक की विधि बताई गई।
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