राजस्थानउच्च न्यायालय के आदेशों के बाद जिला परिषद शिक्षा विभाग की ओर से
जारी 2013 शिक्षक भर्ती परीक्षा के संशोधित परिणाम के बाद वरीयता सूची में
जिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन भी नहीं कराए उनको भी शामिल कर दिया।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन में कई वर्तमान में स्कूल लेक्चरर से लेकर केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक पद पर पहले से कार्यरत हैं। इसके बाद भी उनको वरीयता सूची में शामिल कर दिया। इसके चलते 19 सितंबर को पद स्थापन को लेकर होने वाली काउंसलिंग में वंचित रहे अभ्यर्थियों को भर्ती से वंचित रहना पड़ सकता है। इधर, पाली को छोड़ अन्य जिलों में नियमानुसार दस्तावेज सत्यापन नहीं कराने वाले अभ्यर्थियों के स्थान पर नए अभ्यर्थियों को शामिल करके वरीयता सूची बनाकर पदस्थापन दिया जा रहा है। पाली में शिक्षा विभाग जिला परिषद के अधिकारियों ने अपने मनमर्जी के नियम बनाकर पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही सवालों के घेरे में ला दिया है।
पहलीमेरिट लिस्ट में मिला था मौका, अब रह जाएंगे वंचित : 2013की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की पहली मेरिट लिस्ट में शिक्षा विभाग ने जिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए उनको लिस्ट से हटाकर मेरिट लिस्ट जारी की थी। इसके चलते जो योग्य अभ्यर्थी थे उनको मेरिट लिस्ट में मौका मिला था। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसी भर्ती में डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की। इसमें जिन्होंने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए उनको भी शामिल कर दिया।
नएको मौका नहीं, पुराने भी हो रहे बाहर : एकगुणा लिस्ट में उन अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जा रहा है जिन्होंने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए हैं। वर्तमान में जिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए हैं वो फर्स्ट ग्रेड, सैकंड ग्रेड, जूनियर अकाउंटेंट, केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक, 2012 में तृतीय श्रेणी अध्यापक पद पर नियुक्ति पा चुके हैं। इसके बाद भी एक गुणा लिस्ट में इनको शामिल किया जा रहा है। इसके चलते इनके पद रिक्त रह जाएंगे। इधर, नए अभ्यर्थी जो डेढ़ गुणा कटऑफ में रहे हैं उनको मौका नहीं मिल पाएगा।
^ विभाग की ओर से जारी निर्देशानुसार ही वरीयता सूची बनाई गई है। इसके बाद भी उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर ही आगे की कार्रवाई करेंगे। काउंसलिंग भी नियमानुसार ही होगी। गोरधनलालसुथार, डीईओ प्रारंभिक
^ जिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराएं उनको भी वरीयता सूची में शामिल कर दिया। इसके चलते हमारे जैसे अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिला, जबकि अन्य जिलों में नए अभ्यर्थियों को मौका मिला है। -भरतरामकुमावत, अभ्यर्थी
ऐसे समझें जिला परिषद शिक्षा विभाग की मनमर्जी की भर्ती का मामला
{2013में 20 हजार पदों पर जिला परिषदों के माध्यम से हुई शिक्षक भर्ती।
{प्रथम लेवल के 11 हजार लेवल-2 के 9 हजार पदों पर हुई थी परीक्षा।
{गलत सवालों के चलते मामला हाईकोर्ट में पहुंचा।
{कोर्ट ने शिक्षा विभाग को वापस संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश जारी किए।
{इसके बाद 18 अगस्त को जिला परिषद ने पुन: संशोधित परिणाम जारी किया।
{22 अगस्त को डेढ़ गुणा कटऑफ जारी की गई।
{इसके बाद दस्तावेज सत्यापन सत्यापन नहीं कराने वालों को भी शामिल करते हुए एक गुणा कटऑफ जारी की गई
{अब मंगलवार को इन अभ्यर्थियों की पदस्थापन के लिए काउंसलिंग की तैयारी।
100 पद खाली रह जाएंगे
दस्तावेजसत्यापन नहीं कराने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट से नहीं हटाने के चलते लेवल-1 2 में जिले में 100 पद रिक्त रह जाएंगे। इसके चलते नए अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पाएगा।
बड़ासवाल : जबदस्तावेज सत्यापन ही नहीं कराए तो रिक्त सीटों पर नियुक्ति किस को? दस्तावेजसत्यापन नहीं करने के बाद भी मेरिट लिस्ट में शामिल किए गए अभ्यर्थियों की सीटें रिक्त रहने पर शिक्षा विभाग इन पदों पर किन अभ्यर्थियों को नियुक्ति देगा? इसको लेकर कोई गाइडलाइन तय नहीं है। ही नए अभ्यर्थियों को शामिल करने को लेकर शिक्षा विभाग स्थिति स्पष्ट कर रहा है।
भास्कर एक्सपोज
मनमर्जीकी शिक्षक भर्ती
फैक्ट फाइल
{लेवल-1केकुल पद - 138
-इसमें से 30 अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए।
- इसके बाद इनको एक गुणा लिस्ट में शामिल कर दिया।
{द्वितीय लेवल- 2 कुल पद - 255
-इसमें 60 अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए।
- इसके बाद भी इनको एक गुणा लिस्ट में शामिल किया।
2012 की भर्ती में कोर्ट के आदेश भी नहीं मान रहा शिक्षा विभाग जिला परिषद
2012की शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी कोर्ट के आदेशों के बाद भी अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग जिला परिषद ने नियुक्ति नहीं दी है। जबकि वर्तमान में उनसे कम नंबर वाले अभ्यर्थी स्कूलों में अध्यापन कराएं रहे हैं। इसको लेकर अभ्यर्थी विभाग जिला परिषद के चक्कर काट रहे हैं।
अन्य जिलों में नए अभ्यर्थियों को किया शामिल
पालीको छोड़कर अन्य जिलों में दस्तावेज सत्यापन नहीं कराने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट से हटाते हुए जो अभ्यर्थी वेटिंग लिस्ट में थे उनको शामिल किया है। इसके चलते बेरोजगार युवाओं को मौका मिला है। इधर, पाली में एक गुणा लिस्ट में नए या वेटिंग लिस्ट वाले अभ्यर्थियों को वरीयता सूची में शामिल ही नहीं किया।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन में कई वर्तमान में स्कूल लेक्चरर से लेकर केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक पद पर पहले से कार्यरत हैं। इसके बाद भी उनको वरीयता सूची में शामिल कर दिया। इसके चलते 19 सितंबर को पद स्थापन को लेकर होने वाली काउंसलिंग में वंचित रहे अभ्यर्थियों को भर्ती से वंचित रहना पड़ सकता है। इधर, पाली को छोड़ अन्य जिलों में नियमानुसार दस्तावेज सत्यापन नहीं कराने वाले अभ्यर्थियों के स्थान पर नए अभ्यर्थियों को शामिल करके वरीयता सूची बनाकर पदस्थापन दिया जा रहा है। पाली में शिक्षा विभाग जिला परिषद के अधिकारियों ने अपने मनमर्जी के नियम बनाकर पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही सवालों के घेरे में ला दिया है।
पहलीमेरिट लिस्ट में मिला था मौका, अब रह जाएंगे वंचित : 2013की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की पहली मेरिट लिस्ट में शिक्षा विभाग ने जिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए उनको लिस्ट से हटाकर मेरिट लिस्ट जारी की थी। इसके चलते जो योग्य अभ्यर्थी थे उनको मेरिट लिस्ट में मौका मिला था। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसी भर्ती में डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की। इसमें जिन्होंने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए उनको भी शामिल कर दिया।
नएको मौका नहीं, पुराने भी हो रहे बाहर : एकगुणा लिस्ट में उन अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जा रहा है जिन्होंने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए हैं। वर्तमान में जिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए हैं वो फर्स्ट ग्रेड, सैकंड ग्रेड, जूनियर अकाउंटेंट, केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक, 2012 में तृतीय श्रेणी अध्यापक पद पर नियुक्ति पा चुके हैं। इसके बाद भी एक गुणा लिस्ट में इनको शामिल किया जा रहा है। इसके चलते इनके पद रिक्त रह जाएंगे। इधर, नए अभ्यर्थी जो डेढ़ गुणा कटऑफ में रहे हैं उनको मौका नहीं मिल पाएगा।
^ विभाग की ओर से जारी निर्देशानुसार ही वरीयता सूची बनाई गई है। इसके बाद भी उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर ही आगे की कार्रवाई करेंगे। काउंसलिंग भी नियमानुसार ही होगी। गोरधनलालसुथार, डीईओ प्रारंभिक
^ जिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराएं उनको भी वरीयता सूची में शामिल कर दिया। इसके चलते हमारे जैसे अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिला, जबकि अन्य जिलों में नए अभ्यर्थियों को मौका मिला है। -भरतरामकुमावत, अभ्यर्थी
ऐसे समझें जिला परिषद शिक्षा विभाग की मनमर्जी की भर्ती का मामला
{2013में 20 हजार पदों पर जिला परिषदों के माध्यम से हुई शिक्षक भर्ती।
{प्रथम लेवल के 11 हजार लेवल-2 के 9 हजार पदों पर हुई थी परीक्षा।
{गलत सवालों के चलते मामला हाईकोर्ट में पहुंचा।
{कोर्ट ने शिक्षा विभाग को वापस संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश जारी किए।
{इसके बाद 18 अगस्त को जिला परिषद ने पुन: संशोधित परिणाम जारी किया।
{22 अगस्त को डेढ़ गुणा कटऑफ जारी की गई।
{इसके बाद दस्तावेज सत्यापन सत्यापन नहीं कराने वालों को भी शामिल करते हुए एक गुणा कटऑफ जारी की गई
{अब मंगलवार को इन अभ्यर्थियों की पदस्थापन के लिए काउंसलिंग की तैयारी।
100 पद खाली रह जाएंगे
दस्तावेजसत्यापन नहीं कराने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट से नहीं हटाने के चलते लेवल-1 2 में जिले में 100 पद रिक्त रह जाएंगे। इसके चलते नए अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पाएगा।
बड़ासवाल : जबदस्तावेज सत्यापन ही नहीं कराए तो रिक्त सीटों पर नियुक्ति किस को? दस्तावेजसत्यापन नहीं करने के बाद भी मेरिट लिस्ट में शामिल किए गए अभ्यर्थियों की सीटें रिक्त रहने पर शिक्षा विभाग इन पदों पर किन अभ्यर्थियों को नियुक्ति देगा? इसको लेकर कोई गाइडलाइन तय नहीं है। ही नए अभ्यर्थियों को शामिल करने को लेकर शिक्षा विभाग स्थिति स्पष्ट कर रहा है।
भास्कर एक्सपोज
मनमर्जीकी शिक्षक भर्ती
फैक्ट फाइल
{लेवल-1केकुल पद - 138
-इसमें से 30 अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए।
- इसके बाद इनको एक गुणा लिस्ट में शामिल कर दिया।
{द्वितीय लेवल- 2 कुल पद - 255
-इसमें 60 अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए।
- इसके बाद भी इनको एक गुणा लिस्ट में शामिल किया।
2012 की भर्ती में कोर्ट के आदेश भी नहीं मान रहा शिक्षा विभाग जिला परिषद
2012की शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी कोर्ट के आदेशों के बाद भी अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग जिला परिषद ने नियुक्ति नहीं दी है। जबकि वर्तमान में उनसे कम नंबर वाले अभ्यर्थी स्कूलों में अध्यापन कराएं रहे हैं। इसको लेकर अभ्यर्थी विभाग जिला परिषद के चक्कर काट रहे हैं।
अन्य जिलों में नए अभ्यर्थियों को किया शामिल
पालीको छोड़कर अन्य जिलों में दस्तावेज सत्यापन नहीं कराने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट से हटाते हुए जो अभ्यर्थी वेटिंग लिस्ट में थे उनको शामिल किया है। इसके चलते बेरोजगार युवाओं को मौका मिला है। इधर, पाली में एक गुणा लिस्ट में नए या वेटिंग लिस्ट वाले अभ्यर्थियों को वरीयता सूची में शामिल ही नहीं किया।
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