जयपुर, 3 अगस्त। राजस्थान को भारत के ज्ञान केन्द्र (नॉलेज हब ऑफ इण्डिया) के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से आगामी 5 एवं 6 अगस्त को सीतापुरा स्थित जयपुर एक्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित हो रहे ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ के मुख्य अतिथि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर हाेंगे। समारोह में यूएई के संस्कृति एवं ज्ञान विकास मंत्री श्री शेख नाह्यन मबारक अल नाह्यन विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेंगे।
शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि पूरी तरह से शिक्षा पर केन्दि्रत यह देश का पहला ऎसा आयोजन होगा जिसमें वैश्विक स्तर पर शिक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलावों और नवाचारों के केन्द्र में विभिन्न संवाद और शिक्षण संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के प्रस्तुतिकरण होंगे। उन्होंने बताया कि फेस्टिवल में शैक्षिक नीतियों के साथ ही 21 वीं सदी में तकनीकी शिक्षा के महत्व, भारत के लिए शैक्षिक उदाहरण, विद्यालयों की छवि निर्माण के लिए किए जाने वाले कार्यों, खेल और मनोरंजन के साथ शिक्षण आदि पर विशेष चर्चाएं देश-विदेश से आने वाले शिक्षाविदों, विषय विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी।
शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि दो दिवसीय ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ के जरिए राजस्थान देश का ‘नॉलेज हब’ बनकर उभरेगा। फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में ही 5 अगस्त को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए स्थापित किए जा रहे सीएसआर पोर्टल ‘ज्ञान संकल्प’ और ‘मुख्यमंत्री विद्यादान कोष’ को लॉन्च किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा। जेम्स एजूकेशन के समूह प्रमुख टोनी लिटल पहले दिन शिक्षा में परिवर्तन और परम्परा विषयक चर्चा में अपने अनुभव साझा करेंगें। इस सत्र का केनेडियन एजूकेशन सेंटर, भारत की पूर्व निदेशक मारिया मथई संयोजन करेगी। इस दौरान राजकीय विद्यालयों के आमूलचूल सुधार और विकास पर भी संवाद किया जाएगा और इस क्षेत्र में सफलता के अनुभवों को साझा किया जाएगा।
बगैर स्कूल के शिक्षा के भविष्य विषयक एक विशेष सत्र भी ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ में रखा गया है। इसमें डायना मार्टिन विशेष वक्ता होंगी। देश में कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर भी इस उत्सव में विशेष संवाद रखा गया है।
शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हो रहे क्रांतिकारी परिवर्र्तनों के संबंध में जयपुर एक्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में विशेष प्रदर्शनी हॉल भी इस बार दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगा। इसमें शिक्षा क्षेत्र में देश-विदेश में अपनायी जा रही नवीन प्रविधियों के साथ ही शिक्षण के नए आयामों पर शिक्षण संस्थाएं और विश्वविद्यालयों द्वारा अपने कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में अपनायी गई रणनीति और तेजी से हुए सकारात्म्क बदलावों के बारे में भी फेस्टिवल में विशेष रूप से आगतुंकों को बताया जाएगा।
तैयारियां अंतिम चरण में - ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ की तैयारियों को जोर-शोर से अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। सीतापुरा स्थित जयपुर एक्जीबिशन एवं कन्वेंशन संंेटर (जेईसीसी) में विभिन्न सत्रों के लिए तैयार किए जा रहे सभागारों, मुख्य कार्यक्रम हॉल, प्रदर्शनी हॉल आदि की तैयारियों के संबंध में गुरूवार को राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् के आयुक्त डॉ. जोगाराम ने वहीं प्रभारी अधिकारियों की समीक्षा बैठक की।
इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्तरो ंपर किए जा रहे कार्यों का जायजा भी लिया। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् की राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती आनंदी ने भी फेस्टिवल में शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शन कार्यक्रमों के बारे में जानकारी ली।
शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि पूरी तरह से शिक्षा पर केन्दि्रत यह देश का पहला ऎसा आयोजन होगा जिसमें वैश्विक स्तर पर शिक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलावों और नवाचारों के केन्द्र में विभिन्न संवाद और शिक्षण संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के प्रस्तुतिकरण होंगे। उन्होंने बताया कि फेस्टिवल में शैक्षिक नीतियों के साथ ही 21 वीं सदी में तकनीकी शिक्षा के महत्व, भारत के लिए शैक्षिक उदाहरण, विद्यालयों की छवि निर्माण के लिए किए जाने वाले कार्यों, खेल और मनोरंजन के साथ शिक्षण आदि पर विशेष चर्चाएं देश-विदेश से आने वाले शिक्षाविदों, विषय विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी।
शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि दो दिवसीय ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ के जरिए राजस्थान देश का ‘नॉलेज हब’ बनकर उभरेगा। फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में ही 5 अगस्त को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए स्थापित किए जा रहे सीएसआर पोर्टल ‘ज्ञान संकल्प’ और ‘मुख्यमंत्री विद्यादान कोष’ को लॉन्च किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा। जेम्स एजूकेशन के समूह प्रमुख टोनी लिटल पहले दिन शिक्षा में परिवर्तन और परम्परा विषयक चर्चा में अपने अनुभव साझा करेंगें। इस सत्र का केनेडियन एजूकेशन सेंटर, भारत की पूर्व निदेशक मारिया मथई संयोजन करेगी। इस दौरान राजकीय विद्यालयों के आमूलचूल सुधार और विकास पर भी संवाद किया जाएगा और इस क्षेत्र में सफलता के अनुभवों को साझा किया जाएगा।
बगैर स्कूल के शिक्षा के भविष्य विषयक एक विशेष सत्र भी ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ में रखा गया है। इसमें डायना मार्टिन विशेष वक्ता होंगी। देश में कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर भी इस उत्सव में विशेष संवाद रखा गया है।
शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हो रहे क्रांतिकारी परिवर्र्तनों के संबंध में जयपुर एक्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में विशेष प्रदर्शनी हॉल भी इस बार दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगा। इसमें शिक्षा क्षेत्र में देश-विदेश में अपनायी जा रही नवीन प्रविधियों के साथ ही शिक्षण के नए आयामों पर शिक्षण संस्थाएं और विश्वविद्यालयों द्वारा अपने कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में अपनायी गई रणनीति और तेजी से हुए सकारात्म्क बदलावों के बारे में भी फेस्टिवल में विशेष रूप से आगतुंकों को बताया जाएगा।
तैयारियां अंतिम चरण में - ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ की तैयारियों को जोर-शोर से अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। सीतापुरा स्थित जयपुर एक्जीबिशन एवं कन्वेंशन संंेटर (जेईसीसी) में विभिन्न सत्रों के लिए तैयार किए जा रहे सभागारों, मुख्य कार्यक्रम हॉल, प्रदर्शनी हॉल आदि की तैयारियों के संबंध में गुरूवार को राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् के आयुक्त डॉ. जोगाराम ने वहीं प्रभारी अधिकारियों की समीक्षा बैठक की।
इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्तरो ंपर किए जा रहे कार्यों का जायजा भी लिया। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् की राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती आनंदी ने भी फेस्टिवल में शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शन कार्यक्रमों के बारे में जानकारी ली।
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