धौलपुर| राजस्थानशिक्षक संघ शेखावत के प्रान्तीय आह्वान पर सातवां वेतनमान
लागू करने सहित 11 सूत्रीय मांग-पत्र को लेकर उपशाखा अध्यक्ष हरी सिंह राना
एवं मंत्री रमाकान्त गालव ने उपखण्डाधिकारी धौलपुर के माध्यम से
मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया।
जिलामंत्री विशाल गिरि ने बताया कि राज्य में सातवां वेतनमान शीघ्रातिशीघ्र लागू किए जाने, छंटवें वेतनमान की विसंगतियां दूर करने, तृतीय वेतन शृंखला के अध्यापकों के स्थानान्तरण पर 8 बर्ष से लगी रोक को हटाकर स्थानान्तरण किए जाने, प्रतिबंधित जिलों की अवधारणा समाप्त कर प्रतिबंधित जिलों के शिक्षकों के उनके गृह जिलों में स्थानान्तरण करने, अनिल बोर्डिया समिति की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षकों के स्थानान्तरण नियम बनाने, संस्कृत शिक्षा विभाग मंक स्थानान्तरण नीति लागू करने, विधालय समयावधि में की गई वृद्धि को वापस कर विद्यालयों का समय पूर्व की भांति करने, विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने तथा पूर्व में बंद किए गए विद्यालयों को पुनः खोले जाने, 2012 में नियुक्त शिक्षकों के एरियर का भुगतान करने, स्थायीकरण से वंचित 2012 से 2015 के शिक्षकों के स्थायीकरण करने, समस्त प्रकार के शिक्षकों को महीने की 5 तारीख से पूर्व वेतन भुगतान करने, अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पूर्व की भांति परिभाषित पेंशन योजना लागू करने आदि 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तथा प्रारंम्भिक शिक्षा के शिक्षकों के वेतन का वजट जारी करने की मांग की। इस मौके पर प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष यादवेन्द्र शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तोरनसिहं, अरविन्द सिंह, हरी सिंह, रमाकान्त गालव, श्यामवरन, राजेन्द्र कुमार लिम्बा आदि शिक्षक मौजूद थे। इसी प्रकार 11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर बाडी, बसेडी, सैंपऊ एवं राजाखेडा में भी विरोध प्रदर्शन हुआ।
जिलामंत्री विशाल गिरि ने बताया कि राज्य में सातवां वेतनमान शीघ्रातिशीघ्र लागू किए जाने, छंटवें वेतनमान की विसंगतियां दूर करने, तृतीय वेतन शृंखला के अध्यापकों के स्थानान्तरण पर 8 बर्ष से लगी रोक को हटाकर स्थानान्तरण किए जाने, प्रतिबंधित जिलों की अवधारणा समाप्त कर प्रतिबंधित जिलों के शिक्षकों के उनके गृह जिलों में स्थानान्तरण करने, अनिल बोर्डिया समिति की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षकों के स्थानान्तरण नियम बनाने, संस्कृत शिक्षा विभाग मंक स्थानान्तरण नीति लागू करने, विधालय समयावधि में की गई वृद्धि को वापस कर विद्यालयों का समय पूर्व की भांति करने, विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने तथा पूर्व में बंद किए गए विद्यालयों को पुनः खोले जाने, 2012 में नियुक्त शिक्षकों के एरियर का भुगतान करने, स्थायीकरण से वंचित 2012 से 2015 के शिक्षकों के स्थायीकरण करने, समस्त प्रकार के शिक्षकों को महीने की 5 तारीख से पूर्व वेतन भुगतान करने, अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पूर्व की भांति परिभाषित पेंशन योजना लागू करने आदि 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तथा प्रारंम्भिक शिक्षा के शिक्षकों के वेतन का वजट जारी करने की मांग की। इस मौके पर प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष यादवेन्द्र शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तोरनसिहं, अरविन्द सिंह, हरी सिंह, रमाकान्त गालव, श्यामवरन, राजेन्द्र कुमार लिम्बा आदि शिक्षक मौजूद थे। इसी प्रकार 11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर बाडी, बसेडी, सैंपऊ एवं राजाखेडा में भी विरोध प्रदर्शन हुआ।
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