राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से पिछले कुछ सालों में की
गई भर्तियों में बैक लॉग रखा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अभ्यर्थी ओवर एज
हो रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे कई पद खाली पड़े हैं तो वहीं
योग्य होने के बावजूद अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिल पा रही है। ताजा मामला
साल 2013 की एलडीसी भर्ती का है। भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों
ने गुरुवार को अपना रोष जताया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि आरपीएससी अजमेर की ओर
से लिपिक ग्रेड द्वितीय की लिखित परीक्षा 11 जनवरी 2013 को आयोजित की गई।
लेकिन पेपर आउट होने के कारण परीक्षा दोबारा आयोजित करवाई गई। यह परीक्षा
23 अक्टूबर 2016 को हुई। प्रथम चरण की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का
टाइपिंग टेस्ट 7 व 8 मार्च को लिया गया। दोनों चरणों की परीक्षाओं में सफल
हुए अभ्यर्थियों की अंतिम सूची 31 मार्च को जारी कर दी गई। इस भर्ती के तहत
कुल पदों की संख्या 7776 थी, लेकिन परीक्षा परिणाम 6420 अभ्यर्थियों का ही
निकाला गया। आयोग ने करीब 1400 पद रिक्त रख लिए हैं।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने पिछले 20 सालो में तीन बार लिखित भर्ती आयोजित की गई। यह परीक्षा साल 2001, 2011 व 2013 में हुई है। इन सभी परीक्षाओं में बैक लॉग भी रखा गया है। बैकलॉग के नाम परपद खाली रखने के चलते सामान्य व ओबीसी के अभ्यर्थी योग्य होते हुए भी भर्ती से बाहर हो गए हैं। साल 2013 की लिपिक भर्ती को लंबित होने के कारण योग्य अभ्यर्थी तय आयु सीमा पार कर चुके हैं। कई बार गुहार लगाने के बावजूद कुछ हासिल नहीं हुआ है।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने पिछले 20 सालो में तीन बार लिखित भर्ती आयोजित की गई। यह परीक्षा साल 2001, 2011 व 2013 में हुई है। इन सभी परीक्षाओं में बैक लॉग भी रखा गया है। बैकलॉग के नाम परपद खाली रखने के चलते सामान्य व ओबीसी के अभ्यर्थी योग्य होते हुए भी भर्ती से बाहर हो गए हैं। साल 2013 की लिपिक भर्ती को लंबित होने के कारण योग्य अभ्यर्थी तय आयु सीमा पार कर चुके हैं। कई बार गुहार लगाने के बावजूद कुछ हासिल नहीं हुआ है।
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