बांदीकुई. ग्राम पंचायत सहायक भर्ती प्रक्रिया में उपखण्ड
क्षेत्र की 46 ग्राम पंचायतों में से मात्र अभी तक 3 ग्राम पंचायतों में 5
पंचायत सहायकों का चयन हो सका है। ऐसे में अभी भी 43 ग्राम पंचायतों में
अभ्यिर्थियों को चयन का इंतजार है।
इसमें ग्राम पंचायत पीचूपाड़ा कलां में 2, ढिगारियाभीम 2 व केसरीसिंहपुरा में मात्र 1 का चयन हुआ।
उपखण्ड क्षेत्र में करीब 2800 अभ्यर्थियों ने ग्राम पंचायत सहायक के लिए आवेदन भरे थे, लेकिन चयन प्रक्रिया में धांधली होने व जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप होने से अभी तक चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। हालांकि अभी उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। इससे कुछ हद तक अभ्यर्थियों में आस जगी है।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की ओर से ग्राम पंचायत के सीनियर सैकण्डरी स्कूल के प्रधानाचार्य को पीईईओ (पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी) बनाया गया था। जहां फरवरी 2017 में ग्राम पंचायत सहायक चयन की इन पीईईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई। इस चयन प्रक्रिया में जनप्रतिनिधि एवं विद्यालय विकास समिति सदस्यों को भी शामिल किया गया था।
इस चयन प्रक्रिया में विद्यार्थी मित्रों को वरीयता दिए जाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन यह चयन प्रक्रिया स्पष्ट दिशा-निर्देश व जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के कारण उलझ गई। ऐसे में अधिकांश पीईईओ की ओर से चयन प्रक्रिया पर सहमति नहीं बन पाने के कारण सभी अभ्यर्थियों की सूची बनाकर भेज दी गई। इस पर कुछ अभ्यर्थियों के उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर देने से मामला विचाराधीन हो गया।
अब उच्च न्यायालय ने समिति गठित कर 15 दिवस में अभ्यावेदनों का निस्तारण कर पालना रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के उप शासन सचिव ने 27 मई 2017 को उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रत्येक जिले में अभ्यावेदनों का निस्तारण करने के लिए कमेटी गठित की गई है।
इसमें अध्यक्ष जिला कलक्टर, सदस्य जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक को शामिल किया गया है। समिति रिकॉर्ड जांच कर अभ्यावेदनों का निस्तारण आदेश की प्रति रजिस्टर्ड डाक से अभ्यर्थी को भेजकर चयन प्रक्रिया को पूरी करेगी।
ऐसे में अब अथ्यर्थियों को चयन की आस बंधी है। अतिरिक्त ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी बाबूलाल गुर्जर ने बताया कि यह मामला जिला स्तर पर गठित समिति के अधीन है, जो कि अभ्यावेदनों की जांच कर निस्तारण करेगी।
इसमें ग्राम पंचायत पीचूपाड़ा कलां में 2, ढिगारियाभीम 2 व केसरीसिंहपुरा में मात्र 1 का चयन हुआ।
उपखण्ड क्षेत्र में करीब 2800 अभ्यर्थियों ने ग्राम पंचायत सहायक के लिए आवेदन भरे थे, लेकिन चयन प्रक्रिया में धांधली होने व जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप होने से अभी तक चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। हालांकि अभी उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। इससे कुछ हद तक अभ्यर्थियों में आस जगी है।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की ओर से ग्राम पंचायत के सीनियर सैकण्डरी स्कूल के प्रधानाचार्य को पीईईओ (पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी) बनाया गया था। जहां फरवरी 2017 में ग्राम पंचायत सहायक चयन की इन पीईईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई। इस चयन प्रक्रिया में जनप्रतिनिधि एवं विद्यालय विकास समिति सदस्यों को भी शामिल किया गया था।
इस चयन प्रक्रिया में विद्यार्थी मित्रों को वरीयता दिए जाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन यह चयन प्रक्रिया स्पष्ट दिशा-निर्देश व जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के कारण उलझ गई। ऐसे में अधिकांश पीईईओ की ओर से चयन प्रक्रिया पर सहमति नहीं बन पाने के कारण सभी अभ्यर्थियों की सूची बनाकर भेज दी गई। इस पर कुछ अभ्यर्थियों के उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर देने से मामला विचाराधीन हो गया।
अब उच्च न्यायालय ने समिति गठित कर 15 दिवस में अभ्यावेदनों का निस्तारण कर पालना रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के उप शासन सचिव ने 27 मई 2017 को उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रत्येक जिले में अभ्यावेदनों का निस्तारण करने के लिए कमेटी गठित की गई है।
इसमें अध्यक्ष जिला कलक्टर, सदस्य जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक को शामिल किया गया है। समिति रिकॉर्ड जांच कर अभ्यावेदनों का निस्तारण आदेश की प्रति रजिस्टर्ड डाक से अभ्यर्थी को भेजकर चयन प्रक्रिया को पूरी करेगी।
ऐसे में अब अथ्यर्थियों को चयन की आस बंधी है। अतिरिक्त ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी बाबूलाल गुर्जर ने बताया कि यह मामला जिला स्तर पर गठित समिति के अधीन है, जो कि अभ्यावेदनों की जांच कर निस्तारण करेगी।
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