जयपुर सर प्लीज साल खराब
हो जाएगा। सर ऑनलाइन फॉर्म भर दिया फीस भी जमा करवा दी....प्लीज परमिशन
लैटर जारी करवा दो। राजस्थान विश्वविद्यालय के कमरा नम्बर 101 में परीक्षा
नियंत्रक के सामने विद्यार्थी आपको कुछ एेसी ही गुहार लगाते और अपने भविष्य
के लिए मन्नतें मांगते नजर आएंगे।
लेकिन परीक्षा नियंत्रक जबाब देते है कि अब कुछ नहीं हो सकता। साल खराब हो तो हम क्या करे। यह वह विद्यार्थी है जिन्होंने विश्वविद्यालय की यूजी और पीजी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया और फीस भी जमा करवा दी लेकिन हार्डकॉपी जमा नहीं करवाने के चलते अब इन परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया हैं।
वही परीक्षा कार्यों से जुड़े कार्मिकों की माने तो हार्डकॉपी जमा नहीं करवाने के कारण इस साल लगभग दस हजार से अधिक विद्यार्थी परीक्षा ही नहीं दे सकेंगे। जिस कारण से उनका एक साल खराब हो जाएगा। वह भी एेसे में जब उन्होंने परीक्षा के लिए फॉर्म भर फीस भी जमा करवा दी हैं। लेकिन हार्डकॉपी जमा नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय ने एेसे परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र ही जारी नहीं किए हैं। अब यह परीक्षार्थी कई दिनों से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में अपने भविष्य को खराब होने से बचाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है।
और परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएल गुप्ता से परीक्षा देने का मौका मांग रहे है लेकिन परीक्षा नियंत्रक ने इन्हें साफ जबाव दे दिया है कि साल खराब होता है तो हम क्या करे हमारे हाथ में कुछ नहीं हैं। ऑनलाइन आवेदन फिर हार्डकॉपी क्यो अब सवाल यह उठने लगा है कि जब विद्यार्थियों के लिए आवेदन से लेकर पूरी परीक्षा प्रकिया ऑनलाइन है तो अब हार्डकॉपी नहीं जमा करवाने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा देने से वंचित क्यो कर दिया गया। जेईई, आरपीएससी सहित कई परीक्षाएं एेसी होती है जिनमें दस लाख से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देते है और उनके ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद उनसे कोई भी हार्डकॉपी नहीं ली जाती।
लेकिन विश्वविद्यालय के इस नियम के चलते साल भर से परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी बगैर परीक्षा दिए ही फेल हो जाएंगे। मनमर्जी के नियम परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएल गुप्ता मनमर्जी से नियम बना रहे हैं। जबकि गत वर्ष परीक्षाओं में हार्डकॉपी जमा नहीं करवाने वाले विद्यार्थियों को उनकी परीक्षा शुरू होने से पहले तक हार्डकॉपी जमा करवाकर परीक्षा दिलवाई गई थी। इसी के साथ यूजी में इम्प्रूव के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थी के तीन साल पूरे होने पर उसका परीक्षा फॉर्म को नियमों के चलते पीजी में परिवर्तन करने का नियम हैं।
विश्वविद्यालय से एेसे विद्यार्थियों को फॉर्म पीजी में परिवर्तन करने के लिए पत्र भी भेजा लेकिन परीक्षा नियंत्रक ने इन विद्यार्थियों को भी परीक्षा देने से रोक दिया। वही कुछ कॉलेज वालों ने हार्डकॉपी जमा कर विश्वविद्यालय तक नहीं भेजी जिन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं। डिप्रेशन में आकर आत्महत्या तक कर लेते है कई विद्यार्थी साल खराब होने पर कई विद्यार्थियों के चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा हैं।
लेकिन परीक्षा नियंत्रक जबाब देते है कि अब कुछ नहीं हो सकता। साल खराब हो तो हम क्या करे। यह वह विद्यार्थी है जिन्होंने विश्वविद्यालय की यूजी और पीजी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया और फीस भी जमा करवा दी लेकिन हार्डकॉपी जमा नहीं करवाने के चलते अब इन परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया हैं।
वही परीक्षा कार्यों से जुड़े कार्मिकों की माने तो हार्डकॉपी जमा नहीं करवाने के कारण इस साल लगभग दस हजार से अधिक विद्यार्थी परीक्षा ही नहीं दे सकेंगे। जिस कारण से उनका एक साल खराब हो जाएगा। वह भी एेसे में जब उन्होंने परीक्षा के लिए फॉर्म भर फीस भी जमा करवा दी हैं। लेकिन हार्डकॉपी जमा नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय ने एेसे परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र ही जारी नहीं किए हैं। अब यह परीक्षार्थी कई दिनों से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में अपने भविष्य को खराब होने से बचाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है।
और परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएल गुप्ता से परीक्षा देने का मौका मांग रहे है लेकिन परीक्षा नियंत्रक ने इन्हें साफ जबाव दे दिया है कि साल खराब होता है तो हम क्या करे हमारे हाथ में कुछ नहीं हैं। ऑनलाइन आवेदन फिर हार्डकॉपी क्यो अब सवाल यह उठने लगा है कि जब विद्यार्थियों के लिए आवेदन से लेकर पूरी परीक्षा प्रकिया ऑनलाइन है तो अब हार्डकॉपी नहीं जमा करवाने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा देने से वंचित क्यो कर दिया गया। जेईई, आरपीएससी सहित कई परीक्षाएं एेसी होती है जिनमें दस लाख से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देते है और उनके ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद उनसे कोई भी हार्डकॉपी नहीं ली जाती।
लेकिन विश्वविद्यालय के इस नियम के चलते साल भर से परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी बगैर परीक्षा दिए ही फेल हो जाएंगे। मनमर्जी के नियम परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएल गुप्ता मनमर्जी से नियम बना रहे हैं। जबकि गत वर्ष परीक्षाओं में हार्डकॉपी जमा नहीं करवाने वाले विद्यार्थियों को उनकी परीक्षा शुरू होने से पहले तक हार्डकॉपी जमा करवाकर परीक्षा दिलवाई गई थी। इसी के साथ यूजी में इम्प्रूव के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थी के तीन साल पूरे होने पर उसका परीक्षा फॉर्म को नियमों के चलते पीजी में परिवर्तन करने का नियम हैं।
विश्वविद्यालय से एेसे विद्यार्थियों को फॉर्म पीजी में परिवर्तन करने के लिए पत्र भी भेजा लेकिन परीक्षा नियंत्रक ने इन विद्यार्थियों को भी परीक्षा देने से रोक दिया। वही कुछ कॉलेज वालों ने हार्डकॉपी जमा कर विश्वविद्यालय तक नहीं भेजी जिन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं। डिप्रेशन में आकर आत्महत्या तक कर लेते है कई विद्यार्थी साल खराब होने पर कई विद्यार्थियों के चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा हैं।
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