अलवर प्रदेश के सरकारी
स्कूलों के संस्था प्रधान पहले ही आए दिन आने वाली सरकारी चिट्ठियों और
सरकारी अन्य गैर सरकारी कार्यों से परेशान हैं। अब आदर्श सीनियर माध्यमिक
स्कूलों के संस्था प्रधानों को जल्दी ही अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के
निरीक्षण सहित कई जिम्मेदारियों को संभालनी होंगी।
इसके लिए आदर्श विद्यालयों के संस्था प्रधानो को पंचायत शिक्षा अधिकारी का पद नाम देने की तैयारी की जा रही है। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी कई बार सार्वजनिक मंचों पर इसकी घोषणाा कर चुके हैं।
सरकार इससे पहले भी शिक्षा विभाग में कई बड़े प्रयोग कर चुकीे है। इस नए प्रयोग से शिक्षा विभााग में व्यापक परिवर्तन के प्रभाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
शिक्षा विभााग के अधिकारी सरकार के इस नए निर्णय को पचा नहीं पा रहे हैं तो आदर्श विद्यालयों के संस्था प्रधान इसे न्याय संगत नहीं मान रहे हैं।
इतने सार काम और स्कूल
आदर्श विद्यालयों के संस्था प्रधानों को अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के विकास के लिए कार्ययोजना बनानी होगी । इसी के साथ इन विद्यालयों का निरीक्षण, नामांकन बढ़ोतरी और अन्य काम भी संभालने होंगे।
विद्यालय संस्था प्रधानों का कहना है कि उनके पास पहले ही रूटीन के काम इतने हैं कि वे उसमें ही उलझे रहते हैं और अब सरकार यह नए काम देने जा रही है।
विरोध में आए शिक्षक नेता
शिक्षक कांग्रेस, अलवर के जिलाध्यक्ष मनोज यादव के अनुसार ब्लॉक स्तर पर पंचायत शिक्षा अधिकारी का पद सृजित किया जा रहा है लेकिन इसके लिए उन्हें पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध कराए जाने चाहिए। संसाधनों के अभाव में शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो सकता है।
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष विनोद पाल यादव के अनुसार सरकार के इस निर्णय की हम विरोध करते हैं। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बंद होने से शिक्षकों की समस्याएं और बढ़ेंगी। पंचायत शिक्षा अधिकारी का पद तो ठीक है लेकिन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बंद नहीं होने चाहिए।
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इसके लिए आदर्श विद्यालयों के संस्था प्रधानो को पंचायत शिक्षा अधिकारी का पद नाम देने की तैयारी की जा रही है। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी कई बार सार्वजनिक मंचों पर इसकी घोषणाा कर चुके हैं।
सरकार इससे पहले भी शिक्षा विभाग में कई बड़े प्रयोग कर चुकीे है। इस नए प्रयोग से शिक्षा विभााग में व्यापक परिवर्तन के प्रभाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
शिक्षा विभााग के अधिकारी सरकार के इस नए निर्णय को पचा नहीं पा रहे हैं तो आदर्श विद्यालयों के संस्था प्रधान इसे न्याय संगत नहीं मान रहे हैं।
इतने सार काम और स्कूल
आदर्श विद्यालयों के संस्था प्रधानों को अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के विकास के लिए कार्ययोजना बनानी होगी । इसी के साथ इन विद्यालयों का निरीक्षण, नामांकन बढ़ोतरी और अन्य काम भी संभालने होंगे।
विद्यालय संस्था प्रधानों का कहना है कि उनके पास पहले ही रूटीन के काम इतने हैं कि वे उसमें ही उलझे रहते हैं और अब सरकार यह नए काम देने जा रही है।
विरोध में आए शिक्षक नेता
शिक्षक कांग्रेस, अलवर के जिलाध्यक्ष मनोज यादव के अनुसार ब्लॉक स्तर पर पंचायत शिक्षा अधिकारी का पद सृजित किया जा रहा है लेकिन इसके लिए उन्हें पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध कराए जाने चाहिए। संसाधनों के अभाव में शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो सकता है।
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष विनोद पाल यादव के अनुसार सरकार के इस निर्णय की हम विरोध करते हैं। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बंद होने से शिक्षकों की समस्याएं और बढ़ेंगी। पंचायत शिक्षा अधिकारी का पद तो ठीक है लेकिन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बंद नहीं होने चाहिए।
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