उदयपुर । 16 साल की उम्र में अगर आपने 8वीं कक्षा पास कर ली तो आपका भविष्य उज्जवल है। इससे आप आगे न केवल नियमित पढ़ाई कर सकेंगे वरन चुनाव लड़ सकेंगे और वाणिज्यक गाड़ी चला पाएंगे। हाल ही सरकार ने इस आशय का आदेश जारी करते हुए इसे इसी सत्र से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि गांव की सरकार बनाने के दौरान कई अनपढ़ अभ्यर्थियों ने जुगाड़ लगाते हुए इधर-उधर से 8वीं पास की फर्जी अंक तालिका बनवा ली। चुनाव जीतने के बाद पंच, सरपंच और वार्ड पंच बन गए। प्रतिद्वंद्वियों ने उनकी पोल खोलते हुए कइयों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवा दिए। कई मामलों में गिरफ्तारी भी हुई तो फर्जी अंकतालिका बनाने वाले संस्था प्रधानों पर भी गाज गिरी।
इसमें सर्वाधिक नुकसान सत्ताधारी दल के पंच सरपंचों को हुआ। दूसरी ओर, वाणिज्यक वाहन के लाइसेंस के लिए भी आठवीं पास होना जरूरी है। इसमें भी कई फर्जी मामले सामने आए हैं। सरकार ने काफी मंथन के बाद आठवीं पास की उम्र तय कर दी है। इस उम्र में 8वीं पास करने वाला ही अब आगे चुनाव लड़ पाएगा, आगे की नियमित पढ़ाई कर सकेगा और वाणिज्यक वाहन चला सकेगा।
आदेशों की पालना करेंगे
प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा 2017 के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग के आदेश मिले हं। आदेशानुसार अब 16 साल से अधिक के विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। इसे इसी सत्र से लागू किया जाएगा।
*नारायण लाल प्रजापत, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रा.शि., उदयपुर*
ये दिया सरकार ने आदेश
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने हाल ही प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा 2017 के संबंध में आदेश जारी किए हैं। अब इस परीक्षा में समस्त राजकीय व गैर राजकीय विद्यालयों के नियमित विद्यार्थी ही भाग ले सकेंगे। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के लिए इस परीक्षा में कोई प्रावधान नहीं है।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 4 के अनुसार कोई भी विद्यार्थी प्रारंभिक शिक्षा की किसी कक्षा में कभी भी नामांकित हुआ अथवा नहीं हुआ हो लेकिन प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने से पूर्व विद्यालय छोड़ चुका हो तो एेसे बालक को आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश देने का प्रावधान है।
राजस्थान नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम-2011 के नियम-6 के अनुसार आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेशित बालक को 3 माह से 2 वर्ष की अवधि के दौरान प्रशिक्षण देकर नियमित कक्षा के स्तर तब लाया जाएगा।
अत: यदि कोई बालक 14 वर्ष की आयु पूर्ण करने से ठीक पूर्व किसी विद्यालय में आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश लेता है तो वह कक्षा 8 में प्रविष्ठ किया जाएगा और अधिकतम 2 वर्ष तक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने की स्थिति में अधिकतम 16 वर्ष की आयु तक ही नियमित विद्यार्थी के रूप में अध्ययनरत रहते हुए प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा में सम्मिलित हो सकेगा। अत: 16 वर्ष से अधिक आयु के बालक द्वारा यदि इस परीक्षा में आवेदन किया गया है तो उसे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निस्तर किया जाए।
गौरतलब है कि गांव की सरकार बनाने के दौरान कई अनपढ़ अभ्यर्थियों ने जुगाड़ लगाते हुए इधर-उधर से 8वीं पास की फर्जी अंक तालिका बनवा ली। चुनाव जीतने के बाद पंच, सरपंच और वार्ड पंच बन गए। प्रतिद्वंद्वियों ने उनकी पोल खोलते हुए कइयों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवा दिए। कई मामलों में गिरफ्तारी भी हुई तो फर्जी अंकतालिका बनाने वाले संस्था प्रधानों पर भी गाज गिरी।
इसमें सर्वाधिक नुकसान सत्ताधारी दल के पंच सरपंचों को हुआ। दूसरी ओर, वाणिज्यक वाहन के लाइसेंस के लिए भी आठवीं पास होना जरूरी है। इसमें भी कई फर्जी मामले सामने आए हैं। सरकार ने काफी मंथन के बाद आठवीं पास की उम्र तय कर दी है। इस उम्र में 8वीं पास करने वाला ही अब आगे चुनाव लड़ पाएगा, आगे की नियमित पढ़ाई कर सकेगा और वाणिज्यक वाहन चला सकेगा।
आदेशों की पालना करेंगे
प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा 2017 के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग के आदेश मिले हं। आदेशानुसार अब 16 साल से अधिक के विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। इसे इसी सत्र से लागू किया जाएगा।
*नारायण लाल प्रजापत, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रा.शि., उदयपुर*
ये दिया सरकार ने आदेश
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने हाल ही प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा 2017 के संबंध में आदेश जारी किए हैं। अब इस परीक्षा में समस्त राजकीय व गैर राजकीय विद्यालयों के नियमित विद्यार्थी ही भाग ले सकेंगे। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के लिए इस परीक्षा में कोई प्रावधान नहीं है।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 4 के अनुसार कोई भी विद्यार्थी प्रारंभिक शिक्षा की किसी कक्षा में कभी भी नामांकित हुआ अथवा नहीं हुआ हो लेकिन प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने से पूर्व विद्यालय छोड़ चुका हो तो एेसे बालक को आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश देने का प्रावधान है।
राजस्थान नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम-2011 के नियम-6 के अनुसार आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेशित बालक को 3 माह से 2 वर्ष की अवधि के दौरान प्रशिक्षण देकर नियमित कक्षा के स्तर तब लाया जाएगा।
अत: यदि कोई बालक 14 वर्ष की आयु पूर्ण करने से ठीक पूर्व किसी विद्यालय में आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश लेता है तो वह कक्षा 8 में प्रविष्ठ किया जाएगा और अधिकतम 2 वर्ष तक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने की स्थिति में अधिकतम 16 वर्ष की आयु तक ही नियमित विद्यार्थी के रूप में अध्ययनरत रहते हुए प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा में सम्मिलित हो सकेगा। अत: 16 वर्ष से अधिक आयु के बालक द्वारा यदि इस परीक्षा में आवेदन किया गया है तो उसे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निस्तर किया जाए।
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