बांसवाड़ा| पंचायत सहायक भर्ती प्रक्रिया के मामले में बकाया 206 ग्राम
पंचायतों में आज साक्षात्कार कर प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही
लिफाफे में नाम बंद कर बीईईओ को तीन चयनित लोगों के दस्तावेज सौंपे
जाएंगे।
इसके पहले 17 फरवरी को प्रक्रिया करने के आदेश हुए थे, लेकिन ग्राम पंचायतों में बड़े स्तर पर हुई धांधली के बाद दूसरे दिन कराने का निर्णय हुआ। परंतु दूसरे दिन पीईईओ धरने पर बैठ गए। इसके चलते शासन सचिव ने आदेश जारी कर 20 फरवरी को किसी भी तरह से इस प्रक्रिया को कोर्ट के आदेशानुसार पूरी करने के आदेश दिए है।
अन्य भर्तियों की तरह ही विवादों में आई इस प्रक्रिया में विभाग के गलत नियम और अस्पष्ट मार्गदर्शन के चलते ग्राम पंचायतों में काफी हंगामे हुए। यहां तक की सरपंच ओर एसडीएमसी की मनमानी के चलते अन्य ग्राम पंचायतों से आवेदन करने वालों को साक्षात्कार तक नहीं लिए।
दोनोंडीईओ को जयपुर बुलाया
दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ओर से दोनों डीईओ प्रेमजी पाटीदार ओर फूलशंकर मीणा को जयपुर बुलाया गया है। बताया जाता है कि भर्ती प्रक्रिया के संबंध में ही सभी जिलों के डीईओ को बुलाया गया है। हालांकि प्रक्रिया के सवाल पर बांसवाड़ा में पूरी तरह से व्यवस्थाएं फेल हो गई। सभी ग्राम पंचायतों में पीईईओ के सामने ही सरपंच और एसडीएमसी की मनमर्जी चली और अपनी इच्छा से ही तीन लोगों का चयन कर रिपोर्ट भेजी गई।
आजभी हंगामे के आसार
दूसरीओर आज होने वाली प्रक्रिया में भी हंगामे के पूरे आसार बने हुए है। क्योंकि अधिकांश जगह पर बाहरी लोगों के साक्षात्कार लिए बिना ही लिफाफों में नाम फाइनल कर ब्लॉक में जमा कराए गए है। ऐसे में जो लोग बच गए थे, उनका इंटरव्यू होना है। इन लोगों का आरोप है कि पीईईओ उनका नाम शामिल करेंगे या फिर सरपंच, एसडीएमसी की मनमर्जी के तय नाम ही आगे भेजे है, वहीं फाइनल रहेंगे। वहीं डीईओ पाटीदार और मीणा ने बताया कि जहां ग्रामीणों, एसडीएमसी या सरपंच द्वारा साक्षात्कार की कार्रवाई में दखलअंदाजी की जाए या फिर बाधित करने का प्रयास करे, बाहरी लोगों को रोकने का प्रयास करें, तो पुलिस को बुलाए और नामजद मुकदमे इन लोगों के खिलाफ दर्ज कराए। निदेशक पीसी किशन ने बताया कि कार्रवाई को लेकर डीईओ को निर्देश दे दिए गए है।
वीडियोग्राफीके निर्देश
दूसरीओर कहा गया है कि स्कूल परिसर और बाहर पीईईओ अपने मोबाइल या अन्य किसी उपकरण के माध्यम से वीडियोग्राफी भी कराए। क्योंकि विभाग को लग रहा है कि परिणाम जारी होने के बाद इसकी जरूरत हो सकती है। वजह यह है कि अभी जो नाम फाइनल हुए है, या आज किए जाएंगे, वह निश्चित तौर पर बिना किसी आधार के और एसडीएमसी की मर्जी के होंगे। ऐसे में लोग कोर्ट में याचिका दायर निश्चित तौर पर करेंगे।
इसके पहले 17 फरवरी को प्रक्रिया करने के आदेश हुए थे, लेकिन ग्राम पंचायतों में बड़े स्तर पर हुई धांधली के बाद दूसरे दिन कराने का निर्णय हुआ। परंतु दूसरे दिन पीईईओ धरने पर बैठ गए। इसके चलते शासन सचिव ने आदेश जारी कर 20 फरवरी को किसी भी तरह से इस प्रक्रिया को कोर्ट के आदेशानुसार पूरी करने के आदेश दिए है।
अन्य भर्तियों की तरह ही विवादों में आई इस प्रक्रिया में विभाग के गलत नियम और अस्पष्ट मार्गदर्शन के चलते ग्राम पंचायतों में काफी हंगामे हुए। यहां तक की सरपंच ओर एसडीएमसी की मनमानी के चलते अन्य ग्राम पंचायतों से आवेदन करने वालों को साक्षात्कार तक नहीं लिए।
दोनोंडीईओ को जयपुर बुलाया
दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ओर से दोनों डीईओ प्रेमजी पाटीदार ओर फूलशंकर मीणा को जयपुर बुलाया गया है। बताया जाता है कि भर्ती प्रक्रिया के संबंध में ही सभी जिलों के डीईओ को बुलाया गया है। हालांकि प्रक्रिया के सवाल पर बांसवाड़ा में पूरी तरह से व्यवस्थाएं फेल हो गई। सभी ग्राम पंचायतों में पीईईओ के सामने ही सरपंच और एसडीएमसी की मनमर्जी चली और अपनी इच्छा से ही तीन लोगों का चयन कर रिपोर्ट भेजी गई।
आजभी हंगामे के आसार
दूसरीओर आज होने वाली प्रक्रिया में भी हंगामे के पूरे आसार बने हुए है। क्योंकि अधिकांश जगह पर बाहरी लोगों के साक्षात्कार लिए बिना ही लिफाफों में नाम फाइनल कर ब्लॉक में जमा कराए गए है। ऐसे में जो लोग बच गए थे, उनका इंटरव्यू होना है। इन लोगों का आरोप है कि पीईईओ उनका नाम शामिल करेंगे या फिर सरपंच, एसडीएमसी की मनमर्जी के तय नाम ही आगे भेजे है, वहीं फाइनल रहेंगे। वहीं डीईओ पाटीदार और मीणा ने बताया कि जहां ग्रामीणों, एसडीएमसी या सरपंच द्वारा साक्षात्कार की कार्रवाई में दखलअंदाजी की जाए या फिर बाधित करने का प्रयास करे, बाहरी लोगों को रोकने का प्रयास करें, तो पुलिस को बुलाए और नामजद मुकदमे इन लोगों के खिलाफ दर्ज कराए। निदेशक पीसी किशन ने बताया कि कार्रवाई को लेकर डीईओ को निर्देश दे दिए गए है।
वीडियोग्राफीके निर्देश
दूसरीओर कहा गया है कि स्कूल परिसर और बाहर पीईईओ अपने मोबाइल या अन्य किसी उपकरण के माध्यम से वीडियोग्राफी भी कराए। क्योंकि विभाग को लग रहा है कि परिणाम जारी होने के बाद इसकी जरूरत हो सकती है। वजह यह है कि अभी जो नाम फाइनल हुए है, या आज किए जाएंगे, वह निश्चित तौर पर बिना किसी आधार के और एसडीएमसी की मर्जी के होंगे। ऐसे में लोग कोर्ट में याचिका दायर निश्चित तौर पर करेंगे।
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