बेसिक शिक्षा विभाग में चल रहे निलंबन और बहाली के खेल के बीच एक नया मामला सामने आया है। तीन साल से सस्पेंड चल रहे एक शिक्षक की जब हालत बिगड़ गई। शिक्षक को हार्ट अटैक पड़ गया। इसकी भनक लगते ही अफसरों ने उसे बैक डेट में कागजों पर बहाल कर दिया।
विभाग के अफसर बता रहे हैं कि जांच अधिकारी ने समय से जांच आख्या नहीं दी जिससे बहाली में देर हुई। मामला पसगवां ब्लॉक के उच्च प्राथमिक स्कूल सिसौरा सहमत का है। यहां तैनात सहायक अध्यापक राकेश सिंह के पास उच्च प्राथमिक स्कूल कटघरा का भी प्रभार था। एमडीएम में गड़बड़ी मिलने पर विभाग ने 21 अक्तूबर 2014 को राकेश सिंह को निलंबित कर दिया। 2014 में निलंबित हुए राकेश सिंह बहाली के लिए ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय के अफसरों के चक्कर काटते रहे पर विभाग के अफसरों की न जांच पूरी हुई और न ही बहाली हुई। वैसे तो बेसिक शिक्षा विभाग में निलंबन और बहाली का काम बराबर चलता रहता है पर राकेश सिंह के मामले में अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। बहाली के लिए अफसरों के चक्कर लगा रहे शिक्षक को तीन दिन पहले अचानक हार्टअटैक पड़ गया। शिक्षक की हालत बिगड़ी और उसे अस्पताल में भर्ती गया गया तो अफसरों के होश उड़ गए। आनन-फानन में अफसरों ने बैक डेट में शिक्षक को बहाल कर दिया। बताया जाता है कि शिक्षक को दो जनवरी 2017 को विभाग ने बहाल कर दिया है। अब अफसर खुद को बचाने के लिए बता रहे हैं कि एमडीएम में घपले का मामला था। जांच अधिकारी ने समय से जांच आख्या नहीं दी जिससे बहाली में समय लग गया। अब जब टीचर की हालत बिगड़ गई तो विभाग की जांच भी पूरी हो गई और बहाली भी हो गई।मामला पुराना है। मैने कुछ दिन पहले ही ब्लॉक में ज्वाइन किया है। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि शिक्षक को कब और क्यों निलंबित किया गया था।सुरेश पाल, बीईओ पसगवां
विभाग के अफसर बता रहे हैं कि जांच अधिकारी ने समय से जांच आख्या नहीं दी जिससे बहाली में देर हुई। मामला पसगवां ब्लॉक के उच्च प्राथमिक स्कूल सिसौरा सहमत का है। यहां तैनात सहायक अध्यापक राकेश सिंह के पास उच्च प्राथमिक स्कूल कटघरा का भी प्रभार था। एमडीएम में गड़बड़ी मिलने पर विभाग ने 21 अक्तूबर 2014 को राकेश सिंह को निलंबित कर दिया। 2014 में निलंबित हुए राकेश सिंह बहाली के लिए ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय के अफसरों के चक्कर काटते रहे पर विभाग के अफसरों की न जांच पूरी हुई और न ही बहाली हुई। वैसे तो बेसिक शिक्षा विभाग में निलंबन और बहाली का काम बराबर चलता रहता है पर राकेश सिंह के मामले में अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। बहाली के लिए अफसरों के चक्कर लगा रहे शिक्षक को तीन दिन पहले अचानक हार्टअटैक पड़ गया। शिक्षक की हालत बिगड़ी और उसे अस्पताल में भर्ती गया गया तो अफसरों के होश उड़ गए। आनन-फानन में अफसरों ने बैक डेट में शिक्षक को बहाल कर दिया। बताया जाता है कि शिक्षक को दो जनवरी 2017 को विभाग ने बहाल कर दिया है। अब अफसर खुद को बचाने के लिए बता रहे हैं कि एमडीएम में घपले का मामला था। जांच अधिकारी ने समय से जांच आख्या नहीं दी जिससे बहाली में समय लग गया। अब जब टीचर की हालत बिगड़ गई तो विभाग की जांच भी पूरी हो गई और बहाली भी हो गई।मामला पुराना है। मैने कुछ दिन पहले ही ब्लॉक में ज्वाइन किया है। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि शिक्षक को कब और क्यों निलंबित किया गया था।सुरेश पाल, बीईओ पसगवां
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