जयपुर। राज्य में शिक्षा विभाग जहां
सरकारी विद्यालयों की दशा और सूरत बदलने में लगा है वहीं, शिक्षा विभाग में
ऐसे शिक्षक भी हैं जो छह-छह माह तक विद्यालयों में अपनी शक्ल तक नहीं
दिखाते हैं।
कुछ ऐसा ही हुआ दौसा जिले के देवरी गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में। यहां पर शिक्षक प्रेमप्रकाश अंतिम बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने आए थे लेकिन, उसके बाद उन्होंने छह माह तक विद्यालय में अपनी शक्ल तक नहीं दिखाई। इसके बाद प्रेमप्रकाश 26 जनवरी को विद्यालय पहुंचे। शिक्षक के इस रवैये से गुस्साए ग्रामीणों ने शिक्षक को स्कूल में बंधक बनाकर कमरे में बंद कर दिया। जिसके बाद मौके पर बीओ राजाराम मीणा पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश कर शिक्षक को बाहर निकाला। ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव का एकमात्र प्राथमिक विद्यालय है। यहां पहले दो शिक्षक लगे हुए थे लेकिन, एक शिक्षक का प्रमोशन होने के बाद वह यहां से चला गया। जिसके बाद विद्यालय में एक ही शिक्षक बचा। यह शिक्षक जुलाई माह से अगस्त तक तो विद्यालय में रहा जब विद्यालय में बच्चों का नामांकन 75 था लेकिन, अब इस विद्यालय में दो ही विद्यार्थी बचे हैं। इस विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस मनवाने के बाद यह शिक्षक फिर इस विद्यालय में नहीं देखा गया। जिसके बाद यह फिर से 26 जनवरी को आया। जिससे इतने दिन नहीं आने का कारण पूछा गया तो यह स्पष्ट जबाब नहीं दे सका और ग्रामीणों को ही धमकाने लगा। इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने शिक्षक को बंधक बना लिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची लवाण थाना पुलिस और बीओ की समझाइश के बाद छोड़ा गया। ग्रामीणों ने बीओ से मांग की है कि शिक्षक विद्यालय बजट का पूरा हिसाब दे और साथ ही विद्यालय में दूसरा शिक्षक लगाया जाए।
कुछ ऐसा ही हुआ दौसा जिले के देवरी गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में। यहां पर शिक्षक प्रेमप्रकाश अंतिम बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने आए थे लेकिन, उसके बाद उन्होंने छह माह तक विद्यालय में अपनी शक्ल तक नहीं दिखाई। इसके बाद प्रेमप्रकाश 26 जनवरी को विद्यालय पहुंचे। शिक्षक के इस रवैये से गुस्साए ग्रामीणों ने शिक्षक को स्कूल में बंधक बनाकर कमरे में बंद कर दिया। जिसके बाद मौके पर बीओ राजाराम मीणा पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश कर शिक्षक को बाहर निकाला। ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव का एकमात्र प्राथमिक विद्यालय है। यहां पहले दो शिक्षक लगे हुए थे लेकिन, एक शिक्षक का प्रमोशन होने के बाद वह यहां से चला गया। जिसके बाद विद्यालय में एक ही शिक्षक बचा। यह शिक्षक जुलाई माह से अगस्त तक तो विद्यालय में रहा जब विद्यालय में बच्चों का नामांकन 75 था लेकिन, अब इस विद्यालय में दो ही विद्यार्थी बचे हैं। इस विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस मनवाने के बाद यह शिक्षक फिर इस विद्यालय में नहीं देखा गया। जिसके बाद यह फिर से 26 जनवरी को आया। जिससे इतने दिन नहीं आने का कारण पूछा गया तो यह स्पष्ट जबाब नहीं दे सका और ग्रामीणों को ही धमकाने लगा। इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने शिक्षक को बंधक बना लिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची लवाण थाना पुलिस और बीओ की समझाइश के बाद छोड़ा गया। ग्रामीणों ने बीओ से मांग की है कि शिक्षक विद्यालय बजट का पूरा हिसाब दे और साथ ही विद्यालय में दूसरा शिक्षक लगाया जाए।
No comments:
Post a Comment