उदयपुर. प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने नई पहल की है। इसके तहत बीएड प्रशिक्षु के साथ-साथ रिसोर्स पर्सन (आरपी) को भी शिक्षकों का काम करना होगा।
उदयपुर जिले में 17 ब्लॉक के लगभग 50 आरपी सहित प्रदेश के 33 जिलों के लगभग 286 ब्लॉक के 1000 संदर्भ व्यक्तियों को शामिल किया है। हालांकि कुछ ब्लॉक में इनके पद रिक्त हैं, उनको भी पूरा करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। देवनानी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी को 11 प्रतिशत तक लाया जाए। इसके लिए आगामी दिनों में 60 हजार शिक्षकों का भी पदस्थापन किया जाएगा।
एक आरपी के पास 30 स्कूलों की जिम्मेदारी
प्रत्येक ब्लॉक में 3-4 आरपी औसतन होते हैं। इसमें एक आरपी के पास करीब 30 स्कूल आते हैं। जिसमें से प्रतिमाह 15 स्कूलों को निरीक्षण करने का लक्ष्य है। लेकिन आरपी 10 ही करते हैं। आरपी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभागीय काम के अलावा योजनाओं पर काम करने का अधिक भार रहता है। इससे 10 स्कूलों का निरीक्षण भी मुश्किल से हो पाता है।
*यह काम है आरपी का*
आरपी वह शिक्षक होते हैं जो वरिष्ठ अध्यापक श्रेणी में आते हैं। जिन्हें विभागीय कार्य के अलावा स्कूल निरीक्षण में कक्षा कक्ष का अवलोकन, शिक्षण और एसएमसी सदस्य प्रशिक्षण, एसएसए की अनुदान राशि की मॉनिटरिंग करना, शिक्षा से वंचित बच्चों काे जोड़ने का काम, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त किया जाता है।
उदयपुर जिले में 17 ब्लॉक के लगभग 50 आरपी सहित प्रदेश के 33 जिलों के लगभग 286 ब्लॉक के 1000 संदर्भ व्यक्तियों को शामिल किया है। हालांकि कुछ ब्लॉक में इनके पद रिक्त हैं, उनको भी पूरा करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। देवनानी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी को 11 प्रतिशत तक लाया जाए। इसके लिए आगामी दिनों में 60 हजार शिक्षकों का भी पदस्थापन किया जाएगा।
एक आरपी के पास 30 स्कूलों की जिम्मेदारी
प्रत्येक ब्लॉक में 3-4 आरपी औसतन होते हैं। इसमें एक आरपी के पास करीब 30 स्कूल आते हैं। जिसमें से प्रतिमाह 15 स्कूलों को निरीक्षण करने का लक्ष्य है। लेकिन आरपी 10 ही करते हैं। आरपी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभागीय काम के अलावा योजनाओं पर काम करने का अधिक भार रहता है। इससे 10 स्कूलों का निरीक्षण भी मुश्किल से हो पाता है।
*यह काम है आरपी का*
आरपी वह शिक्षक होते हैं जो वरिष्ठ अध्यापक श्रेणी में आते हैं। जिन्हें विभागीय कार्य के अलावा स्कूल निरीक्षण में कक्षा कक्ष का अवलोकन, शिक्षण और एसएमसी सदस्य प्रशिक्षण, एसएसए की अनुदान राशि की मॉनिटरिंग करना, शिक्षा से वंचित बच्चों काे जोड़ने का काम, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त किया जाता है।