राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर राजस्थान की स्कूली शिक्षा का बेड़ा गर्क करने का आरोप लगाया है. अपने कोटा प्रवास के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए देवनानी ने दावा किया कि जब उनको शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई तो राजस्थान स्कूल शिक्षा के मामले में देश में 21 वें पायदान पर था और पहले दिन से ही उन्होंने ये संकल्प ले लिया था कि प्रदेश को स्कूल शिक्षा में देश के पहले पांच राज्यों में ले जाना है.
उन्होंने कहा कि करीब ढाई साल बाद राजस्थान स्कूली शिक्षा की रैंकिंग उछलकर 21 वें से 11 वें पायदान तक आ पहुंची है. अब भविष्य में उनकी कोशिश रहेगी कि इसे पूरे देश में 5वें नंबर पर लाया जाए. इसके लिए वे भरसक प्रयास कर रहे हैं.
देवनानी ने इस दौरान राजस्थान में सीनीयर सैकेण्डरी विद्यालयों की तादाद दोगुनी करने और खाली पदों को तेजी से भरने और सफलता के साथ डीपीसी कराने जैसी अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता, विश्वसनीयता, संस्कार और शिक्षक का सम्मान ये चार बिन्दु ही उनके ध्येय वाक्य हैं.
वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक घनश्याम तिवाड़ी के साथ दीनदयाल वाहिनी के गठन के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की कथित तैयारियों के बीच प्रदेश सरकार के मंत्री इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
मंत्री देवनानी से पत्रकारों ने तिवाड़ी पर कार्रवाई को लेकर राय पूछी तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया. देवनानी ने न तो तिवाड़ी पर प्रस्तावित बताई जा रही अनुशासनात्मक कार्रवाई के पक्ष में राय दी और न ही खिलाफ. बल्कि ये कहा कि ये मसला उनका नहीं पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का है और वो इस मसले पर बात करने के बजाय केवल शिक्षा विभाग से जुड़े मसलों पर ही बात करेंगे.
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उन्होंने कहा कि करीब ढाई साल बाद राजस्थान स्कूली शिक्षा की रैंकिंग उछलकर 21 वें से 11 वें पायदान तक आ पहुंची है. अब भविष्य में उनकी कोशिश रहेगी कि इसे पूरे देश में 5वें नंबर पर लाया जाए. इसके लिए वे भरसक प्रयास कर रहे हैं.
देवनानी ने इस दौरान राजस्थान में सीनीयर सैकेण्डरी विद्यालयों की तादाद दोगुनी करने और खाली पदों को तेजी से भरने और सफलता के साथ डीपीसी कराने जैसी अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता, विश्वसनीयता, संस्कार और शिक्षक का सम्मान ये चार बिन्दु ही उनके ध्येय वाक्य हैं.
वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक घनश्याम तिवाड़ी के साथ दीनदयाल वाहिनी के गठन के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की कथित तैयारियों के बीच प्रदेश सरकार के मंत्री इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
मंत्री देवनानी से पत्रकारों ने तिवाड़ी पर कार्रवाई को लेकर राय पूछी तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया. देवनानी ने न तो तिवाड़ी पर प्रस्तावित बताई जा रही अनुशासनात्मक कार्रवाई के पक्ष में राय दी और न ही खिलाफ. बल्कि ये कहा कि ये मसला उनका नहीं पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का है और वो इस मसले पर बात करने के बजाय केवल शिक्षा विभाग से जुड़े मसलों पर ही बात करेंगे.
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