नवभारत टाइम्स | एक विषय के रूप में मैथ्स ज्यादातर स्टूडेंट्स के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। पर कुछ ऐसे भी हैं जिनके लिए यह एक खेल भी है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं,
मसलन, बैंकिंग, एसएससी, रेलवे, एनडीए, सीडीएस, सीआरपीएफ, सीपीओ और पीसीएस का तो आपका मैथ्स से साबका पड़ेगा ही। अगर आपके लिए मैथ्स बड़ी परेशानी है तो हमारे एक्सपर्ट इसे आसान बना रहे हैं।
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10वीं तक के ही सवाल
अमूमन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में न्यूमेरिकल के सवाल जरूर होते हैं। ये सवाल अमूमन 10वीं क्लास तक के ही होते हैं। जब कोई स्टूडेंट 10वीं में पढ़ रहा होता है, तो उसे अपनी क्लास के मैथ्स को हल करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है, पर जब वही किसी दूसरे विषय के साथ ग्रैजुएशन पास कर जाता है, तो वह 10वीं की तैयारी को अमूमन भूल जाता है। इसलिए उसे नए सिरे से तैयारी करनी पड़ती है।
बेसिक बुक्स की पढ़ाई
कोचिंग में जाने से पहले यह जरूरी है कि आप मैथ्स की तैयारी के लिए बेसिक बुक्स की पढ़ाई जरूर करें। इसका फायदा यह होगा कि आपका बेस मजबूत हो जाएगा। साथ ही अगर आप एग्जामिनेशन हॉल में कुछ ट्रिक भूल भी गए तो बेसिक प्रोसेस के द्वारा आप उसे हल कर सकते हैं। ऐसे ढेरों बुक्स ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध हैं। मसलन, आर के अग्रवाल, एस डी यादव अरिहंत आदि। ये नाम केवल संकेत के लिए ही हैं। कुछ मासिक पत्रिकाओं की आदत भी डालनी चाहिए, जैसे बीएससी, किरण, दर्पण आदि।
ट्रिक्स जो फायदेमंद हों
इस बात को जरूर याद रखें कि हर सवाल के लिए ट्रिक का उपयोग नहीं हो सकता है। हां, कैलकुलेशन और खास तरह के सवालों के लिए ही आप ट्रिक्स का उपयोग कर पाएंगे।
कर सकते हैं कोचिंग भी
ध्यान रखें कि ऐसे ढेरों उदाहरण हैं जब लोगों ने बिना किसी कोचिंग के सफलता पाई है। पर कई बार इनकी जरूरत भी पड़ती है। कोचिंग के सिलेक्शन में इस बात का ध्यान रखें कि वहां पर किस तरह के टीचर हैं। क्या वह आपकी हर तरह की समस्या को हल करने के लिए तैयार है? यानी अगर आपको मैथ्स में प्रॉब्लम ज्यादा है, तो क्या टीचर आपको अलग से टाइम दे सकता है?
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
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10वीं तक के ही सवाल
अमूमन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में न्यूमेरिकल के सवाल जरूर होते हैं। ये सवाल अमूमन 10वीं क्लास तक के ही होते हैं। जब कोई स्टूडेंट 10वीं में पढ़ रहा होता है, तो उसे अपनी क्लास के मैथ्स को हल करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है, पर जब वही किसी दूसरे विषय के साथ ग्रैजुएशन पास कर जाता है, तो वह 10वीं की तैयारी को अमूमन भूल जाता है। इसलिए उसे नए सिरे से तैयारी करनी पड़ती है।
बेसिक बुक्स की पढ़ाई
कोचिंग में जाने से पहले यह जरूरी है कि आप मैथ्स की तैयारी के लिए बेसिक बुक्स की पढ़ाई जरूर करें। इसका फायदा यह होगा कि आपका बेस मजबूत हो जाएगा। साथ ही अगर आप एग्जामिनेशन हॉल में कुछ ट्रिक भूल भी गए तो बेसिक प्रोसेस के द्वारा आप उसे हल कर सकते हैं। ऐसे ढेरों बुक्स ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध हैं। मसलन, आर के अग्रवाल, एस डी यादव अरिहंत आदि। ये नाम केवल संकेत के लिए ही हैं। कुछ मासिक पत्रिकाओं की आदत भी डालनी चाहिए, जैसे बीएससी, किरण, दर्पण आदि।
ट्रिक्स जो फायदेमंद हों
इस बात को जरूर याद रखें कि हर सवाल के लिए ट्रिक का उपयोग नहीं हो सकता है। हां, कैलकुलेशन और खास तरह के सवालों के लिए ही आप ट्रिक्स का उपयोग कर पाएंगे।
कर सकते हैं कोचिंग भी
ध्यान रखें कि ऐसे ढेरों उदाहरण हैं जब लोगों ने बिना किसी कोचिंग के सफलता पाई है। पर कई बार इनकी जरूरत भी पड़ती है। कोचिंग के सिलेक्शन में इस बात का ध्यान रखें कि वहां पर किस तरह के टीचर हैं। क्या वह आपकी हर तरह की समस्या को हल करने के लिए तैयार है? यानी अगर आपको मैथ्स में प्रॉब्लम ज्यादा है, तो क्या टीचर आपको अलग से टाइम दे सकता है?
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