राज्य सरकार शिक्षक वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध- परिवहन राज्यमंत्री
जयपुर, 11 सितम्बर। परिवहन राज्यमंत्री श्री बाबूलाल वर्मा ने कहा कि शिक्षक वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग प्रतिस्पर्धात्मक है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवश्यकता है, इसके लिए शिक्षक समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता निभाएं।
परिवहन राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बेहतर शैक्षिक वातावरण निर्माण के लिए राज्य सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है। श्री वर्मा शनिवार को बूंदी के राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के शैक्षिक अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही बेहतर समाज का निर्माण संभव है। शिक्षक सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य कर बच्चों में संस्कार विकसित करें, ताकि वे आगे चलकर समाज की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांगों के संबंध में शिक्षा मंत्री से वार्ता कर उनकी बात को सरकार के समक्ष रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक सोच के साथ समाधान के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को माह की 5 तारीख से पहले वेतन आहरण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। अधिवेशन में अध्यक्ष पद से सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर श्री नरेश कुमार ठकराल ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को अपने आचरण से प्रेरणा दें। बच्चों के लिए नैतिक एवं चारित्रिक शिक्षा जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अभिभावकों के विश्वास को कायम रखें। हम सभी मिलकर सकारात्मक सोच के साथ एक बेहतर व्यवस्था कायम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा पर ज्यादा जोर देने की आवश्यकता है। इससे बच्चा बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए कोटा विश्वविद्यालय के उपकुलपति श्री परमेन्द्र दसोरा ने कहा कि शिक्षक इतिहास एवं परम्परा से जुड़कर सेवा करें एवं अपने चिंतन को गति दें। शिक्षक शिक्षा को सेवा के रूप में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की अपेक्षाओं को पूर्ण करने में अपना योगदान दें। भारत दुनिया की प्राचीनतम संस्कृति है एवं इसका इतिहास गौरवशाली रहा है। समाज के वंचित वर्ग को शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध होकर समर्पण भाव से कार्य करें। कार्यक्रम में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक राष्ट्रहित में कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर है। प्रांतीय पर्यवेक्षक श्री पन्नालाल शर्मा ने शिक्षकों से कहा कि वे सबल राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी श्री ओमप्रकाश गोस्वामी एवं श्री उदयलाल मेघवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा 60 सेवानिवृत शिक्षकों को माला पहनाकर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य मधु शर्मा को सम्मानित किया गया।
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जयपुर, 11 सितम्बर। परिवहन राज्यमंत्री श्री बाबूलाल वर्मा ने कहा कि शिक्षक वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग प्रतिस्पर्धात्मक है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवश्यकता है, इसके लिए शिक्षक समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता निभाएं।
परिवहन राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बेहतर शैक्षिक वातावरण निर्माण के लिए राज्य सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है। श्री वर्मा शनिवार को बूंदी के राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के शैक्षिक अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही बेहतर समाज का निर्माण संभव है। शिक्षक सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य कर बच्चों में संस्कार विकसित करें, ताकि वे आगे चलकर समाज की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांगों के संबंध में शिक्षा मंत्री से वार्ता कर उनकी बात को सरकार के समक्ष रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक सोच के साथ समाधान के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को माह की 5 तारीख से पहले वेतन आहरण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। अधिवेशन में अध्यक्ष पद से सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर श्री नरेश कुमार ठकराल ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को अपने आचरण से प्रेरणा दें। बच्चों के लिए नैतिक एवं चारित्रिक शिक्षा जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अभिभावकों के विश्वास को कायम रखें। हम सभी मिलकर सकारात्मक सोच के साथ एक बेहतर व्यवस्था कायम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा पर ज्यादा जोर देने की आवश्यकता है। इससे बच्चा बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए कोटा विश्वविद्यालय के उपकुलपति श्री परमेन्द्र दसोरा ने कहा कि शिक्षक इतिहास एवं परम्परा से जुड़कर सेवा करें एवं अपने चिंतन को गति दें। शिक्षक शिक्षा को सेवा के रूप में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की अपेक्षाओं को पूर्ण करने में अपना योगदान दें। भारत दुनिया की प्राचीनतम संस्कृति है एवं इसका इतिहास गौरवशाली रहा है। समाज के वंचित वर्ग को शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध होकर समर्पण भाव से कार्य करें। कार्यक्रम में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक राष्ट्रहित में कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर है। प्रांतीय पर्यवेक्षक श्री पन्नालाल शर्मा ने शिक्षकों से कहा कि वे सबल राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी श्री ओमप्रकाश गोस्वामी एवं श्री उदयलाल मेघवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा 60 सेवानिवृत शिक्षकों को माला पहनाकर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य मधु शर्मा को सम्मानित किया गया।
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