सीकर/झुंझुनूं|सीबीएसई ने नीट का रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया। झुंझुनूं के नितिन बाजिया ने देश में तीसरी रैंक हासिल की है। उसने 678 अंक हासिल किए हैं और पर्सेंटाइल स्कोर 99.99 रहा है। नितिन मेडिकल में नई ऊंचाई पाना चाहते हैं। वे न्यूरोसर्जन बनना चाहते हैं।
नितिन का परिवार नीमकाथाना के पास ढाणी गोपालपुरा का रहने वाला है,लेकिन कई सालों से वह झुंझुनूं मेें ही रह रहा है। उसके पिता भंवरसिंह बाजिया कोऑपरेटिव में डिप्टी रजिस्ट्रार हैं। वे हमेशा से चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियर बने,लेकिन नितिन के ताऊ पीडियाट्रिशियन डॉ.वीडी बाजिया को देखकर उन्होंने मेडिकल लाइन चुनना बेहतर समझा। नितिन ने कोटा में रहकर मेडिकल की तैयार की। शेष|पेज 2
नीटमें झुंझुनूं...
दैनिक भास्कर से बातचीत में नितिन ने कहा-खुद को भविष्य तय करना होता है। अक्सर युवा डॉक्टर बनने का सपना संजोकर कोटा जाते हैं और वहां जाकर भटक जाते हैं। पहले तो मौज-मस्ती करते हैं। फिर बोझ महसूस होता है तो तनाव में जाते हैं। मैं भी उन्हीं के बीच तीन साल रहा। पढ़ाई के अलावा कोई चार्म पैदा ही नहीं होने दिया। तीन साल में कभी नया कपड़ा भी नहीं खरीदा। किसी भी शादी समारोह में नहीं आया। दादा एक्सपायर हो हुए तो घर वालों ने बताया तक नहीं। मेरा सिर्फ पढ़ाई पर फोकस रहा। इसका ही रिजल्ट यह है कि मैं देशभर में तीसरी रैंक हासिल कर सका। नितिन एम्स के रिजल्ट में सैकंड टॉपर रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
नितिन का परिवार नीमकाथाना के पास ढाणी गोपालपुरा का रहने वाला है,लेकिन कई सालों से वह झुंझुनूं मेें ही रह रहा है। उसके पिता भंवरसिंह बाजिया कोऑपरेटिव में डिप्टी रजिस्ट्रार हैं। वे हमेशा से चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियर बने,लेकिन नितिन के ताऊ पीडियाट्रिशियन डॉ.वीडी बाजिया को देखकर उन्होंने मेडिकल लाइन चुनना बेहतर समझा। नितिन ने कोटा में रहकर मेडिकल की तैयार की। शेष|पेज 2
नीटमें झुंझुनूं...
दैनिक भास्कर से बातचीत में नितिन ने कहा-खुद को भविष्य तय करना होता है। अक्सर युवा डॉक्टर बनने का सपना संजोकर कोटा जाते हैं और वहां जाकर भटक जाते हैं। पहले तो मौज-मस्ती करते हैं। फिर बोझ महसूस होता है तो तनाव में जाते हैं। मैं भी उन्हीं के बीच तीन साल रहा। पढ़ाई के अलावा कोई चार्म पैदा ही नहीं होने दिया। तीन साल में कभी नया कपड़ा भी नहीं खरीदा। किसी भी शादी समारोह में नहीं आया। दादा एक्सपायर हो हुए तो घर वालों ने बताया तक नहीं। मेरा सिर्फ पढ़ाई पर फोकस रहा। इसका ही रिजल्ट यह है कि मैं देशभर में तीसरी रैंक हासिल कर सका। नितिन एम्स के रिजल्ट में सैकंड टॉपर रहा है।
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