विपिन सोलंकी/उदयपुर आईटीआई में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थी अंक तालिका पर जिला शिक्षा अधिकारी के काउंटर हस्ताक्षर करवाने के नियम से घनचक्कर हो रहे हैं। वहीं राज्य सरकार के इस संबंध में आदेश से शिक्षा अधिकारी भी सिर पकड़ कर बैठे हैं।
आईटीआई में प्रवेश के लिए राज्य सरकार ने 8वीं कक्षा पास की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित कर रखी है। यह आदेश भी दिया है कि विद्यालय मान्यता प्राप्त है या नहीं, इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी अंकतालिका प्रमाणित करें। यह शर्त शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए परेशानी बन गई है।
विभाग के पास मान्यता प्राप्त विद्यालय की सूची तो है लेकिन विद्यार्थी का प्रगति पत्र असली है या नहीं, यह जांच करना मुश्किल हो गया है। शिक्षा अधिकारी छात्रों से अपने विद्यालयों के परीक्षा रजिस्टर तक मंगवा रहे हैं जिससे प्रमाणिक हो जाए कि विद्यार्थी उसी विद्यालय का है या नहीं। इधर, निजी विद्यालय हर विद्यार्थी को परीक्षा रजिस्टर देना उचित नहीं समझ रहे। इससे ढेरों विद्यार्थी प्रवेश से वंचित हो रहे हैं।
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प्रमाणीकरण के लिए आ रही फर्जी टीसी
शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि कई छात्र एेसे आए जिनकी अंकतालिका में अंकों पर कई जगह संशोधन था। कुछ ने 8वीं कक्षा किसी विद्यालय से पास की और टीसी भी उसी विद्यालय की जमा करवा रहे है, जबकि अध्ययन जारी रखने वाले विद्यार्थियों को अगले स्कूल में टीसी जमा करवानी पड़ती है। एेसे में वे स्कूल के प्रमाणीकरण के लिए आठवीं कक्षा की फर्जी टीसी लेकर आ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि अंकतालिका से प्रमाणित नहीं हो पाता है कि विद्यार्थी उसी विद्यालय का है या नहीं। टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) पर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के सेमीस कोड दिए होते हैं। इस कोड को ऑनलाइन डालने पर विद्यालय का पूरा विवरण सामने आ जाता है। टीसी में उसकी विद्यालय उपस्थिति, प्रोग्रेस रिपोर्ट आदि जानकारी होती है। इसे जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से आसानी से प्रमाणित किया जा सकता है और छात्रों को भी सहूलियत होगी।
अध्यापकों की कमी से गुस्साए विद्यार्थियों ने ढाई घंटे रोड को किया जाम
विद्यार्थी व विद्यालय की पूरी जानकारी के बाद ही प्रमाणीकरण किया जा रहा है। विद्यार्थी अपने विद्यालय से परीक्षा रजिस्टर लेकर आ रहे है उसी को मान्य मान रहे है।
वीरेन्द्र पंचोली, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक प्रथम
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
आईटीआई में प्रवेश के लिए राज्य सरकार ने 8वीं कक्षा पास की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित कर रखी है। यह आदेश भी दिया है कि विद्यालय मान्यता प्राप्त है या नहीं, इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी अंकतालिका प्रमाणित करें। यह शर्त शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए परेशानी बन गई है।
विभाग के पास मान्यता प्राप्त विद्यालय की सूची तो है लेकिन विद्यार्थी का प्रगति पत्र असली है या नहीं, यह जांच करना मुश्किल हो गया है। शिक्षा अधिकारी छात्रों से अपने विद्यालयों के परीक्षा रजिस्टर तक मंगवा रहे हैं जिससे प्रमाणिक हो जाए कि विद्यार्थी उसी विद्यालय का है या नहीं। इधर, निजी विद्यालय हर विद्यार्थी को परीक्षा रजिस्टर देना उचित नहीं समझ रहे। इससे ढेरों विद्यार्थी प्रवेश से वंचित हो रहे हैं।
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शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि कई छात्र एेसे आए जिनकी अंकतालिका में अंकों पर कई जगह संशोधन था। कुछ ने 8वीं कक्षा किसी विद्यालय से पास की और टीसी भी उसी विद्यालय की जमा करवा रहे है, जबकि अध्ययन जारी रखने वाले विद्यार्थियों को अगले स्कूल में टीसी जमा करवानी पड़ती है। एेसे में वे स्कूल के प्रमाणीकरण के लिए आठवीं कक्षा की फर्जी टीसी लेकर आ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि अंकतालिका से प्रमाणित नहीं हो पाता है कि विद्यार्थी उसी विद्यालय का है या नहीं। टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) पर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के सेमीस कोड दिए होते हैं। इस कोड को ऑनलाइन डालने पर विद्यालय का पूरा विवरण सामने आ जाता है। टीसी में उसकी विद्यालय उपस्थिति, प्रोग्रेस रिपोर्ट आदि जानकारी होती है। इसे जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से आसानी से प्रमाणित किया जा सकता है और छात्रों को भी सहूलियत होगी।
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