उदयपुर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से शनिवार को घोषित 12वीं कला वर्ग
के परिणाम में सरकारी स्कूल ने दबदबा कायम किया। जिले की टॉप टेन की सूची
में 12 बच्चों में से 10 सरकारी स्कूलों के रहे। वहीं सूची में 12
विद्यार्थियों में से 11 छात्राएं होने से परिणाम में छात्राओं का दबदबा
रहा।
आइए, जानते हैं जिले के 3 टॉपर्स की कहानी, उनकी जुबानी-
परीक्षा के दिनों में चिकनपॉक्स- कैलाशचन्द्र मीणा 88.80 %
जिला वरीयता सूची में अव्वल रहे बाघपुरा (झाड़ोल) के कैलाशचन्द्र मीणा के लिए माता-पिता की सीख फायदेमंद रही। उन्होंने बताया, मैंने पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। यही कारण था कि परीक्षा के दौरान चिकनपॉक्स हो गया। इस दौरान मानसिक रूप से परेशान होने के बावजूद तैयारी को कमजोर नहीं किया। पिता शांतिलाल मीणा (सर्व शिक्षा अभियान में कनिष्ठ लिपिक) और शिक्षकों ने जी-जान लगाकर तैयारी करवाई। पिता ने बताया कि कैलाश बीमार नहीं होता तो राज्य मेरिट में भी जगह बना सकता था। कैलाश की कामयाबी का पता चलने पर गांवभर में मिठाई बंटी। उसका मुंह मीठा करवाने सब आए।
रोज साइकिल से स्कूल 5 किमी. का सफर- भावना मेनारिया 88.40 %
वल्लभनगर के पास विजयपुरा की रहने वाली भावना मेनारिया ने जिला स्तरीय वरीयता सूची में दूसरा स्थान पाया है। कस्बे की राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की इस छात्रा का लक्ष्य आगे चलकर प्रशासनिक अधिकारी बनना है। सालभर नियमित तीन घंटे पढऩे वाली भावना ने कहा कि लगातार अभ्यास से सफलता मिली। बिना क्रम तोड़े दोहरान भी किया। इसलिए रोज पांच किमी दूर साइकिल से स्कूल आने-जाने, खेत-मवेशी संभालने के बाद भी तैयारी पूरी रही। मां ममता गृहणी है और पिता नरेश वल्लभनगर में मिठाई की दुकान पर नौकरी करते हैं।
रोज किताबों को दिए आठ घंटे- निधि व्यास 88 %
खेरवाड़ा के पास सुन्दरा गांव की रहने वाली व कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा निधि व्यास ने जिला वरीयता सूची में तीसरा स्थान पाया है। बकौल निधि, रोज आठ घंटे पढ़ाई से यह सफलता मिली। आगे चलकर वह आरएएस बनना चाहती है। पिता कृष्णकान्त व्यास राउमावि, महुवाल में अध्यापक हैं। जबकि मां अनुसूया गृहणी है। माता-पिता के प्रोत्साहन और प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद सुथार व अंग्रेजी प्राध्यापक सतीश कुमार के मार्गदर्शन से उसने तैयारी की।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
आइए, जानते हैं जिले के 3 टॉपर्स की कहानी, उनकी जुबानी-
परीक्षा के दिनों में चिकनपॉक्स- कैलाशचन्द्र मीणा 88.80 %
जिला वरीयता सूची में अव्वल रहे बाघपुरा (झाड़ोल) के कैलाशचन्द्र मीणा के लिए माता-पिता की सीख फायदेमंद रही। उन्होंने बताया, मैंने पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। यही कारण था कि परीक्षा के दौरान चिकनपॉक्स हो गया। इस दौरान मानसिक रूप से परेशान होने के बावजूद तैयारी को कमजोर नहीं किया। पिता शांतिलाल मीणा (सर्व शिक्षा अभियान में कनिष्ठ लिपिक) और शिक्षकों ने जी-जान लगाकर तैयारी करवाई। पिता ने बताया कि कैलाश बीमार नहीं होता तो राज्य मेरिट में भी जगह बना सकता था। कैलाश की कामयाबी का पता चलने पर गांवभर में मिठाई बंटी। उसका मुंह मीठा करवाने सब आए।
रोज साइकिल से स्कूल 5 किमी. का सफर- भावना मेनारिया 88.40 %
वल्लभनगर के पास विजयपुरा की रहने वाली भावना मेनारिया ने जिला स्तरीय वरीयता सूची में दूसरा स्थान पाया है। कस्बे की राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की इस छात्रा का लक्ष्य आगे चलकर प्रशासनिक अधिकारी बनना है। सालभर नियमित तीन घंटे पढऩे वाली भावना ने कहा कि लगातार अभ्यास से सफलता मिली। बिना क्रम तोड़े दोहरान भी किया। इसलिए रोज पांच किमी दूर साइकिल से स्कूल आने-जाने, खेत-मवेशी संभालने के बाद भी तैयारी पूरी रही। मां ममता गृहणी है और पिता नरेश वल्लभनगर में मिठाई की दुकान पर नौकरी करते हैं।
रोज किताबों को दिए आठ घंटे- निधि व्यास 88 %
खेरवाड़ा के पास सुन्दरा गांव की रहने वाली व कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा निधि व्यास ने जिला वरीयता सूची में तीसरा स्थान पाया है। बकौल निधि, रोज आठ घंटे पढ़ाई से यह सफलता मिली। आगे चलकर वह आरएएस बनना चाहती है। पिता कृष्णकान्त व्यास राउमावि, महुवाल में अध्यापक हैं। जबकि मां अनुसूया गृहणी है। माता-पिता के प्रोत्साहन और प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद सुथार व अंग्रेजी प्राध्यापक सतीश कुमार के मार्गदर्शन से उसने तैयारी की।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC