मदन लाल जाट . कोथून माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सुधार के लिए अब विषय अध्यापकों के ट्यूशन की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है। निदेशालय ने पिछले सप्ताह इसे लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा है कि स्कूल में शिक्षण व्यवस्था पर ध्यान न देकर घर जाकर ट्यूशन करने और कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर सीसीए-17 के तहत कड़ी व दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पूरे सत्र में कोई भी शिक्षक उच्च माध्यमिक व माध्यमिक कक्षाओं के लिए केवल तीन विद्यार्थियों को ही ट्यूशन पढ़ा सकेगा, लेकिन इसके लिए भी उसे संबंधित संस्था प्रधान से लिखित में अनुमति लेनी होगी। निर्देश यह भी दिए गए हैं कि सभी विषयाध्यापकों को ट्यूशन नहीं पढ़ाने के संबंध में संस्था प्रधान को लिखित में शपथ-पत्र भी देना होगा।
स्कूल में बाधा पड़ी तो होगा निरस्त
अगर ट्यूशन के कारण किसी शिक्षक के विद्यालय के नियमित कार्य में व्यवधान होने पर उसके ट्यूशन पढ़ाने की अनुज्ञा भी संस्था प्रधान निरस्त कर सकेंगे और भविष्य में कहीं भी किसी भी कोचिंग संस्थान या किसी भी विद्यार्थी को ट्यूशन पढ़ाने की आज्ञा नहीं दी जाएगी। घर जाकर ट्यूशन करने और कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर सीसीए-17 के तहत कड़ी व दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विद्यार्थियों से करना होगा सीधा संपर्क
स्कूलों में उच्च माध्यमिक कक्षाओं में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, लेखाशास्त्र व अंग्रेजी और माध्यमिक कक्षाओं में अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषयों में विद्यार्थियों में ट्यूशन पढऩे की प्रवृत्ति अधिक पाई जाती है। ऐसे में संस्था प्रधान को इन विषयों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा करवाने व शिक्षक संधारण डायरी का भी ध्यान रखना होगा।
विद्यार्थियों से होगा सीधा संपर्क
वहीं इन कक्षाओं के विद्यार्थियों से सीधा सम्पर्क कर उनकी समस्या सुनने के साथ ही उनका कक्षाओं में ठहराव सुनिश्चित करना होगा। इसकी प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट संस्था प्रधान लेंगे और जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करेंगे। जो अध्यापक लिखित में प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करवाएगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सक्षम अधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तावित की जाएगी।
कोचिंग संस्थान से भी दूरी
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की कोचिंग संस्थानों से जुडऩे की शिकायतों पर भी निदेशालय ने दिशा-निर्देश दिए हैं। इसमें बताया है कि कोचिंग संस्थानों से अतिरिक्त आमदनी के चलते बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कोई शिक्षक कोचिंग में जाता है या खुद का कोचिंग संस्थान संचालित कर रहे हैं तो उनके खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा एवं आचरण अधिनियम-17 के तहत कार्रवाई की जाए।
पालना इसी सत्र से
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को राजकीय सेवा में कार्यरत शिक्षकों की ओर से ट्यूशन करने, कोचिंग पढ़ाने व कोचिंग संस्थानों के संचालन पर अंकुश लगाने के निर्देश जारी किए है। सत्र 2016-17 से इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए निदेशालय की ओर से यह कदम उठाया गया है।
सुवालाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर
संस्था प्रधान के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
निदेशालय के निर्देशों के अनुसार घर पर व कोचिंग संस्थानों में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों को पहले चेतावनी दी जाएगी व इस आशय का एक शपथ-पत्र लिया जाएगा। उसके बाद सुधार नहीं होने पर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सीसीए-17 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
विष्णुदत्त स्वामी, डीईओ-जयपुर प्रथम
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
पूरे सत्र में कोई भी शिक्षक उच्च माध्यमिक व माध्यमिक कक्षाओं के लिए केवल तीन विद्यार्थियों को ही ट्यूशन पढ़ा सकेगा, लेकिन इसके लिए भी उसे संबंधित संस्था प्रधान से लिखित में अनुमति लेनी होगी। निर्देश यह भी दिए गए हैं कि सभी विषयाध्यापकों को ट्यूशन नहीं पढ़ाने के संबंध में संस्था प्रधान को लिखित में शपथ-पत्र भी देना होगा।
स्कूल में बाधा पड़ी तो होगा निरस्त
अगर ट्यूशन के कारण किसी शिक्षक के विद्यालय के नियमित कार्य में व्यवधान होने पर उसके ट्यूशन पढ़ाने की अनुज्ञा भी संस्था प्रधान निरस्त कर सकेंगे और भविष्य में कहीं भी किसी भी कोचिंग संस्थान या किसी भी विद्यार्थी को ट्यूशन पढ़ाने की आज्ञा नहीं दी जाएगी। घर जाकर ट्यूशन करने और कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर सीसीए-17 के तहत कड़ी व दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विद्यार्थियों से करना होगा सीधा संपर्क
स्कूलों में उच्च माध्यमिक कक्षाओं में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, लेखाशास्त्र व अंग्रेजी और माध्यमिक कक्षाओं में अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषयों में विद्यार्थियों में ट्यूशन पढऩे की प्रवृत्ति अधिक पाई जाती है। ऐसे में संस्था प्रधान को इन विषयों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा करवाने व शिक्षक संधारण डायरी का भी ध्यान रखना होगा।
विद्यार्थियों से होगा सीधा संपर्क
वहीं इन कक्षाओं के विद्यार्थियों से सीधा सम्पर्क कर उनकी समस्या सुनने के साथ ही उनका कक्षाओं में ठहराव सुनिश्चित करना होगा। इसकी प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट संस्था प्रधान लेंगे और जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करेंगे। जो अध्यापक लिखित में प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करवाएगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सक्षम अधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तावित की जाएगी।
कोचिंग संस्थान से भी दूरी
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की कोचिंग संस्थानों से जुडऩे की शिकायतों पर भी निदेशालय ने दिशा-निर्देश दिए हैं। इसमें बताया है कि कोचिंग संस्थानों से अतिरिक्त आमदनी के चलते बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कोई शिक्षक कोचिंग में जाता है या खुद का कोचिंग संस्थान संचालित कर रहे हैं तो उनके खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा एवं आचरण अधिनियम-17 के तहत कार्रवाई की जाए।
पालना इसी सत्र से
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को राजकीय सेवा में कार्यरत शिक्षकों की ओर से ट्यूशन करने, कोचिंग पढ़ाने व कोचिंग संस्थानों के संचालन पर अंकुश लगाने के निर्देश जारी किए है। सत्र 2016-17 से इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए निदेशालय की ओर से यह कदम उठाया गया है।
सुवालाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर
संस्था प्रधान के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
निदेशालय के निर्देशों के अनुसार घर पर व कोचिंग संस्थानों में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों को पहले चेतावनी दी जाएगी व इस आशय का एक शपथ-पत्र लिया जाएगा। उसके बाद सुधार नहीं होने पर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सीसीए-17 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
विष्णुदत्त स्वामी, डीईओ-जयपुर प्रथम
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