झालावाड़ राजकीय
महाविद्यालय में बॉयोमेट्रिक मशीन लगाने के बाद अब निजी महाविद्यालयों में
भी ये मशीनें लगानी ही होंगी। आयुक्तालय ने राज्यपाल के आदेश पर निजी
महाविद्यालय में भी बॉयोमीटिक मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं।
अब निजी महाविद्यालय में शैक्षिक व अशैक्षिक कार्य करने वाले कर्मचारियों की हाजिरी मशीन से ली जाएगी।
इसलिए उठाया कदम
निजी महाविद्यालयों में धांधली की शिकायतों के के चलते यह कदम उठाया गया है। निजी महाविद्यालयों में अध्ययन कराने वाले शिक्षकों द्वारा एक से अधिक महाविद्यालयों में सेवाएं देने की शिकायतों के चलते ऐसा किया गया है।
सूत्रों की माने तो डिग्री कॉलेज व बीएड कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक कोई और होते हैं और एक वर्ष के अनुबंद के हिसाब से डाक्यूमेंट किसी अन्य शिक्षक के लगे होते हंै।
इस पर रोक लगाने के लिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं। अब प्रदेश के 21 विश्वविद्यालयों के अधीन आने वाले निजी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को ये मशीनें इसी सत्र से लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी निजी महाविद्यालयों को बॉयोमीट्रिक मशीनें इसी शिक्षा सत्र से लगानी अनिवार्य है। नहीं लगाने वाले महाविद्यालयों को मान्यता के समय परेशानी होगी।
एस.एन.गर्ग, सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा कोटा
एफिलेशन में होगी परेशानी
जिन निजी महाविद्यालयों द्वारा मशीनें नहीं लगाई जाएंगी। उनको विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता देने से रोक लगाई जाएगी। वहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
विवि रखेंगे ध्यान
निजी महाविद्यालयों में लगाई जाने वाली मशीनों की मॉनिटरिंग विश्वविद्यालयों द्वारा की जाएगी। विवि द्वारा शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी प्रतिदिन चैक की जाएगी। इसके बाद विवि निरीक्षण के दौरान हाजिरी का मिलान किया जाएगा।
इस प्रकार एक ही शिक्षक के दो-दो जगह हस्ताक्षर पर रोक लगेगी। साथ ही फर्जी दस्तावेज लगाकर काम निकालने वाले निजी महाविद्यालयों के रवैये पर भी अंकुश रहेगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अब निजी महाविद्यालय में शैक्षिक व अशैक्षिक कार्य करने वाले कर्मचारियों की हाजिरी मशीन से ली जाएगी।
इसलिए उठाया कदम
निजी महाविद्यालयों में धांधली की शिकायतों के के चलते यह कदम उठाया गया है। निजी महाविद्यालयों में अध्ययन कराने वाले शिक्षकों द्वारा एक से अधिक महाविद्यालयों में सेवाएं देने की शिकायतों के चलते ऐसा किया गया है।
सूत्रों की माने तो डिग्री कॉलेज व बीएड कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक कोई और होते हैं और एक वर्ष के अनुबंद के हिसाब से डाक्यूमेंट किसी अन्य शिक्षक के लगे होते हंै।
इस पर रोक लगाने के लिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं। अब प्रदेश के 21 विश्वविद्यालयों के अधीन आने वाले निजी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को ये मशीनें इसी सत्र से लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी निजी महाविद्यालयों को बॉयोमीट्रिक मशीनें इसी शिक्षा सत्र से लगानी अनिवार्य है। नहीं लगाने वाले महाविद्यालयों को मान्यता के समय परेशानी होगी।
एस.एन.गर्ग, सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा कोटा
एफिलेशन में होगी परेशानी
जिन निजी महाविद्यालयों द्वारा मशीनें नहीं लगाई जाएंगी। उनको विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता देने से रोक लगाई जाएगी। वहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
विवि रखेंगे ध्यान
निजी महाविद्यालयों में लगाई जाने वाली मशीनों की मॉनिटरिंग विश्वविद्यालयों द्वारा की जाएगी। विवि द्वारा शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी प्रतिदिन चैक की जाएगी। इसके बाद विवि निरीक्षण के दौरान हाजिरी का मिलान किया जाएगा।
इस प्रकार एक ही शिक्षक के दो-दो जगह हस्ताक्षर पर रोक लगेगी। साथ ही फर्जी दस्तावेज लगाकर काम निकालने वाले निजी महाविद्यालयों के रवैये पर भी अंकुश रहेगा।
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