उदयपुर.मदरसों में आधुनिक शिक्षा पहुंचाने के मकसद से अब छात्र-छात्राओं को विज्ञान और गणित किट के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार की प्रायोजित योजना के तहत आधुनिक विषयों के शिक्षण के लिए विज्ञान व गणित किट और अन्य जरूरी शैक्षणिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
इसी योजना के तहत अगर प्रत्येक विषय में कम से कम 10 विद्यार्थी हों तो विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, कंप्यूटर आदि को पढ़ाने के लिए स्नातक शिक्षक को 6 हजार रुपये प्रतिमाह और पीजी-बीएड शिक्षक को प्रतिमाह 12 हजार की दर से वेतन दिया जाएगा।
इन अनुदानों के लिए वही मदरसे पात्र होंगे जो कम से कम तीन वर्ष से राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं। वे मदरसे जिनमें शिक्षकों को मानदेय का भुगतान राज्य सरकार से किया जाता है, इस स्कीम के वेतन वाले बिंदु के लिए पात्र नहीं होंगे। फिर भी वे अन्य बिंदुओं के लिए पात्र होंगे।
लाइब्रेरी के लिए हर मदरसे को 50 हजार
पुस्तकालय या पुस्तक बैंक को सुदृढ़ बनाने और अध्ययन-अध्यापन सामग्री के लिए प्रत्येक मदरसे को एक मुश्त 50 हजार की सहायता दी जाएगी। इसके बाद पांच हजार का वार्षिक अनुदान भी मिलेगा।
626 मदरसे में शिक्षा सहयोगियों की संख्या शून्य
प्रदेश में संचालित 626 मदरसे में शिक्षा सहयोगियों की संख्या शून्य है। ऐसे में इन मदरसों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। मदरसा सदर/सचिव को आवेदन के प्रस्ताव जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को भिजवाने होंगे।
यह है स्थिति
- राजस्थान में 3842 मदरसे पंजीकृत हैं।
- उदयपुर में 45 मदरसे हैं।
- करीब 2.50 लाख से अधिक विद्यार्थी।
- इस योजना से उत्तरप्रदेश के 6259 मदरसे जुड़े। राजस्थान के मात्र 220।
राज्य स्तर पर भी आधुनिकता के प्रयास
मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत प्रदेश में संचालित मदरसों का आधारभूत विकास हो रहा है। इसके माध्यम से मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त आधुनिक शिक्षा प्रदान करने की कवायद हो रही है। मदरसों को आधुनिक शिक्षा देने के लिए क्लासरूम निर्माण, छात्रावास निर्माण, भवन मरम्मत कार्य और आधारभूत भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराना लक्ष्य है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इसी योजना के तहत अगर प्रत्येक विषय में कम से कम 10 विद्यार्थी हों तो विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, कंप्यूटर आदि को पढ़ाने के लिए स्नातक शिक्षक को 6 हजार रुपये प्रतिमाह और पीजी-बीएड शिक्षक को प्रतिमाह 12 हजार की दर से वेतन दिया जाएगा।
इन अनुदानों के लिए वही मदरसे पात्र होंगे जो कम से कम तीन वर्ष से राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं। वे मदरसे जिनमें शिक्षकों को मानदेय का भुगतान राज्य सरकार से किया जाता है, इस स्कीम के वेतन वाले बिंदु के लिए पात्र नहीं होंगे। फिर भी वे अन्य बिंदुओं के लिए पात्र होंगे।
लाइब्रेरी के लिए हर मदरसे को 50 हजार
पुस्तकालय या पुस्तक बैंक को सुदृढ़ बनाने और अध्ययन-अध्यापन सामग्री के लिए प्रत्येक मदरसे को एक मुश्त 50 हजार की सहायता दी जाएगी। इसके बाद पांच हजार का वार्षिक अनुदान भी मिलेगा।
626 मदरसे में शिक्षा सहयोगियों की संख्या शून्य
प्रदेश में संचालित 626 मदरसे में शिक्षा सहयोगियों की संख्या शून्य है। ऐसे में इन मदरसों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। मदरसा सदर/सचिव को आवेदन के प्रस्ताव जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को भिजवाने होंगे।
यह है स्थिति
- राजस्थान में 3842 मदरसे पंजीकृत हैं।
- उदयपुर में 45 मदरसे हैं।
- करीब 2.50 लाख से अधिक विद्यार्थी।
- इस योजना से उत्तरप्रदेश के 6259 मदरसे जुड़े। राजस्थान के मात्र 220।
राज्य स्तर पर भी आधुनिकता के प्रयास
मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत प्रदेश में संचालित मदरसों का आधारभूत विकास हो रहा है। इसके माध्यम से मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त आधुनिक शिक्षा प्रदान करने की कवायद हो रही है। मदरसों को आधुनिक शिक्षा देने के लिए क्लासरूम निर्माण, छात्रावास निर्माण, भवन मरम्मत कार्य और आधारभूत भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराना लक्ष्य है।
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