राजस्थानशिक्षक संघ (राष्ट्रीय) उपशाखा कापरेन के तत्वावधान में रविवार को शहर के सीनियर सैकंडरी स्कूल परिसर में स्नेह मिलन एवं शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपनिदेशक कोटा रश्मि शर्मा ने कहा कि विद्यालयों में आने वाली समस्याओं को शिक्षक गंभीरता से लें और विभाग तक पहुंचाएं। उनका समाधान होगा।
छात्र देश का भविष्य हैं और शिक्षक निर्माता। सार्थक और जीवन मूल्यों को निर्धारित करने वाली शिक्षा के साथ ही बच्चों को संस्कारवान भी बनाएं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व संयुक्त निदेशक कालू लाल चंद्रसेन ने कहा कि देश की पहचान संतों से है। संत हैं तो संस्कृति है और संस्कृति है तो संस्कार जीवंत है। हमारी सार्थकता तब ही है जब हम सामने वालों को कुछ दे सकें। तन की शुद्धि नहाने, मन की शुद्धि मनन से धन की दान से और संस्कारों की सत्संग से होती है। उन्हाेंने कहा कि हमारा संबंध बच्चों से है और शिक्षण भी संतों का ही कार्य है। संतों की परंपरा का निवार्ह करें।
डीईओ (मा.) पारसचंद जैन, डीईओ (प्रा.) मनोहर भाटी, केशवरायपाटन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी लख्मीसिंह चौधरी, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय संरक्षक चौथमल सनाढ्य ने भी संबोधित किया। इससे पहले उपशाखा अध्यक्ष तुलसीराम वर्मा, मंत्री बृजमोहन मीणा ने संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाते हुए भागीदारी बढ़ाने का आव्हान किया। इससे पहले अतिथियों का स्वागत किया। उपशाखा सदस्यों द्वारा क्षेत्र के 21 सेवानिवृत्त शिक्षकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। अंत में उपशाखा के सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण करवाया गया। संचालन प्रेमशंकर मेघवाल, शिवशंकर मेहरा ने किया। संयोजक जयशंकर मीणा ने आभार जताया। इस दौरान बाबूलाल कारपेंटर, सत्यनारायण शर्मा, रामस्वरूप मीणा, रामस्वरूप बैरवा, ओम गोस्वामी, ओम महावर, कमलेश साहू, इंद्रजीत मालव, सरस्वती शर्मा, शशिकला शर्मा, कमलेश आर्य, आशा मीणा, देवकीनंदन शर्मा, मदनलाल बैरवा, रामकेश गुर्जर, रामराज मीणा, अंतिम जैन, ओम सुमन, लोकेंद्र शर्मा, रमेशचंद शर्मा, महेंद्र व्यास, मूलचंद मालव, गिरिराज बैरवा सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
छात्र देश का भविष्य हैं और शिक्षक निर्माता। सार्थक और जीवन मूल्यों को निर्धारित करने वाली शिक्षा के साथ ही बच्चों को संस्कारवान भी बनाएं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व संयुक्त निदेशक कालू लाल चंद्रसेन ने कहा कि देश की पहचान संतों से है। संत हैं तो संस्कृति है और संस्कृति है तो संस्कार जीवंत है। हमारी सार्थकता तब ही है जब हम सामने वालों को कुछ दे सकें। तन की शुद्धि नहाने, मन की शुद्धि मनन से धन की दान से और संस्कारों की सत्संग से होती है। उन्हाेंने कहा कि हमारा संबंध बच्चों से है और शिक्षण भी संतों का ही कार्य है। संतों की परंपरा का निवार्ह करें।
डीईओ (मा.) पारसचंद जैन, डीईओ (प्रा.) मनोहर भाटी, केशवरायपाटन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी लख्मीसिंह चौधरी, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय संरक्षक चौथमल सनाढ्य ने भी संबोधित किया। इससे पहले उपशाखा अध्यक्ष तुलसीराम वर्मा, मंत्री बृजमोहन मीणा ने संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाते हुए भागीदारी बढ़ाने का आव्हान किया। इससे पहले अतिथियों का स्वागत किया। उपशाखा सदस्यों द्वारा क्षेत्र के 21 सेवानिवृत्त शिक्षकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। अंत में उपशाखा के सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण करवाया गया। संचालन प्रेमशंकर मेघवाल, शिवशंकर मेहरा ने किया। संयोजक जयशंकर मीणा ने आभार जताया। इस दौरान बाबूलाल कारपेंटर, सत्यनारायण शर्मा, रामस्वरूप मीणा, रामस्वरूप बैरवा, ओम गोस्वामी, ओम महावर, कमलेश साहू, इंद्रजीत मालव, सरस्वती शर्मा, शशिकला शर्मा, कमलेश आर्य, आशा मीणा, देवकीनंदन शर्मा, मदनलाल बैरवा, रामकेश गुर्जर, रामराज मीणा, अंतिम जैन, ओम सुमन, लोकेंद्र शर्मा, रमेशचंद शर्मा, महेंद्र व्यास, मूलचंद मालव, गिरिराज बैरवा सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।
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