हीरेन जोशी/जयपुर राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शिक्षा विभाग बिना भर्ती के ही साल में छह माह के लिए एक लाख शिक्षकों की व्यवस्था करेगा। मौजूदा सत्र से ही यह प्रयोग शुरू किया जा रहा है। इसके तहत 800 से अधिक बीएड कॉलेजों के 94 हजार छात्रों और करीब 30 हजार बीएसटीसी छात्रों के लेसन सीधे सरकारी स्कूलों में ही दिलवाए जाएंगे।
ये छात्रों के कोर्स के तहत एक तरह से इंटर्नशिप होगी। इसके लिए विभाग ने नीतिगत बदलाव की तैयारी भी कर ली है।
बन चुकी सहमति
राज्य में मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद में शिक्षा से संबंधित समूह की इस पर ठोस राय बन चुकी है। वहीं, इसी सत्र से दो साल के किए गए बीएड पाठ्यक्रम के कारण ही यह योजना मूर्त रूप ले पाएगी। सरकार इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग में विशेष समन्वय भी कराएगी।
छात्रों की लेंगे सूची
शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि सभी बीएड कॉलेजों से स्थानीय डीईओ उनके छात्रों की विषयवार सूचियां लेंगे। इसके बाद कक्षा 6 से 10 तक उन्हें विद्यालयवार आवंटन किया जाएगा। इनके शिक्षण कार्य पर डीईओ कार्यालय से मॉनीटरिंग भी होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के स्तर पर भी कुछ परिवर्तन होंगे। इस संदर्भ में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से भी चर्चा की जा चुकी है। 8 फरवरी को दिल्ली में शिक्षा मंत्रियों की प्रस्तावित बैठक में भी इस बिंदु पर चर्चा होगी। मौजूदा सत्र में प्रायोगिक तौर पर डेढ़ माह के लिए जरूरत के अनुसार बीएड व बीएसटीसी प्रशिक्षणार्थियों से स्कूलों में शिक्षण कार्य करवाया जाएगा।
ठोस होगी ट्रेनिंग, स्कूलों को भी लाभ
शिक्षक प्रशिक्षण के विद्यार्थियों की ट्रेनिंग भी ठोस होगी और राजकीय स्कूलों को भी इससे लाभ मिलेगा। राज्य में इसी सत्र में करीब डेढ़ माह तक बीएड और बीएसटीसी विद्यार्थियों के लेसन सरकारी स्कूलों में होंगे। अगले साल इसे 6 माह की इनकी इंटर्नशिप भी कर सकते हैं जो सीधे सरकारी स्कूलों में होगी।- वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्य मंत्री