कोचिंग की आड़ में चल रहे बिना मान्यता के स्कूल
ग्रामीणछात्र संगठन युवा कांग्रेस नेता ने निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी जांच की मांग की है। उन्होंंने बताया कि कोचिंग सेंटर के नाम पर प्रवेश लेकर ले रहे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्रामीण छात्र संगठन के हिम्मत गुर्जर ने जिला डीईओ को एक पत्र भेजकर कस्बे उपखंड क्षेत्र में चल रहे अवैध सेकंडरी सीनियर सेकंडरी स्कूलों की मान्यता की जांच की मांग की है। ताकि क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो।
ग्रामीणछात्र संगठन युवा कांग्रेस नेता ने निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी जांच की मांग की है। उन्होंंने बताया कि कोचिंग सेंटर के नाम पर प्रवेश लेकर ले रहे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्रामीण छात्र संगठन के हिम्मत गुर्जर ने जिला डीईओ को एक पत्र भेजकर कस्बे उपखंड क्षेत्र में चल रहे अवैध सेकंडरी सीनियर सेकंडरी स्कूलों की मान्यता की जांच की मांग की है। ताकि क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो।
गुर्जर ने पत्र में बताया कि कस्बे के कुछ स्कूल जिनकी मान्यता 8वीं तक
है, वे 10वींं तथा सेकंडरी स्कूल वाले 12वींं तक की कक्षाएं चला रहे हैं।
ऐसे स्कूल कहीं भी कोई परेशानी आते ही छात्रो का साथ छोड़ देते हैं। ऐसे
स्कूलाें के छात्रों नामांकन आदि की जांच कर इन पर लगाम लगाई जाए। वहीं यह
स्कूल इस तरह कांेचिंग का संचालन करते है तो इनके भी रजिट्रेशन की जांच की
जाए।
हो सकती है मान्यता निरस्त
ऐसेस्कूल जो अपनी मान्यता से बाहर दूसरी जगह के स्कूलों के छात्रों को प्रवेश देते हैं या बिना मान्यता के आगे की कक्षाएं संचालित करते हैं उनकी मान्यता रद्द हो सकती है। ऐसे में अभिवावकों की जागरूकता जरूरी है कि वो प्रवेश दिलाने से पूर्व संबंिधत स्कूल के बारे में पूरी जानकारी करने के बाद ही बच्चाें का एडमिशन कराएं।
ऐसे स्कूलों की यदि लिखित शिकायत आती है तो इनकी जांच करवाई जाएगी। -शाहिदमोहम्मद खान डीईओ माध्यमिक
कार्रवाई नहीं होने से चलाते है ऐसी कक्षाएं
शिक्षाविभाग की ओर से ऐसे स्कूलों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने समय-समय पर शिक्षा विभाग की ओर से जांच नहीं होने से ऐसे अवैध स्कूल बेखौफ चल रहे हैं।
नामांकन जांच में होता है खुलासा
जोस्कूल अपनी मान्यताओं से ऐसे सकूलों का संचालित करते हैं। उनकी नामांकन संख्या और उपस्थित छात्र संख्या में अंतर से ही इसका खुलासा होता है।
ऐसे लेते हैं प्रवेश
8वींवाले स्कूल कक्षा 9वीं 10वीं तथा सेकंडरी स्कूल 11वीं 12वीं में प्रवेश देते हैं। कई बार परीक्षा फार्म के समय संबंधित स्कूलों से तालमेल बिगड़ते ही ऐसे स्कूल छात्र का परीक्षा फार्म नहीं भर पाते या परीक्षा ही नहीं दिलवाते हैं। इसके चलते छात्र-छात्राआें का भविष्य अधर झूल में पड़ जाता है।
हो सकती है मान्यता निरस्त
ऐसेस्कूल जो अपनी मान्यता से बाहर दूसरी जगह के स्कूलों के छात्रों को प्रवेश देते हैं या बिना मान्यता के आगे की कक्षाएं संचालित करते हैं उनकी मान्यता रद्द हो सकती है। ऐसे में अभिवावकों की जागरूकता जरूरी है कि वो प्रवेश दिलाने से पूर्व संबंिधत स्कूल के बारे में पूरी जानकारी करने के बाद ही बच्चाें का एडमिशन कराएं।
ऐसे स्कूलों की यदि लिखित शिकायत आती है तो इनकी जांच करवाई जाएगी। -शाहिदमोहम्मद खान डीईओ माध्यमिक
कार्रवाई नहीं होने से चलाते है ऐसी कक्षाएं
शिक्षाविभाग की ओर से ऐसे स्कूलों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने समय-समय पर शिक्षा विभाग की ओर से जांच नहीं होने से ऐसे अवैध स्कूल बेखौफ चल रहे हैं।
नामांकन जांच में होता है खुलासा
जोस्कूल अपनी मान्यताओं से ऐसे सकूलों का संचालित करते हैं। उनकी नामांकन संख्या और उपस्थित छात्र संख्या में अंतर से ही इसका खुलासा होता है।
ऐसे लेते हैं प्रवेश
8वींवाले स्कूल कक्षा 9वीं 10वीं तथा सेकंडरी स्कूल 11वीं 12वीं में प्रवेश देते हैं। कई बार परीक्षा फार्म के समय संबंधित स्कूलों से तालमेल बिगड़ते ही ऐसे स्कूल छात्र का परीक्षा फार्म नहीं भर पाते या परीक्षा ही नहीं दिलवाते हैं। इसके चलते छात्र-छात्राआें का भविष्य अधर झूल में पड़ जाता है।
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