रायपुर मारवाड़ । रायपुर मारवाड़. उपखण्ड क्षेत्र के कालबकलां गांव स्थित
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थी खतरे के साये में बैठकर
अध्ययन करने को मजबूर है। कुछ विद्यार्थियों का मैदान में बैठाकर
भविष्य संवारने का जतन किया जा रहा है। कालब कलां के राजकीय उच्च माध्यमिक
विद्यालय की 550 विद्यार्थी अध्ययनरत है। विद्यालय में शिक्षकों के पद
रिक्त है।
विद्यालय में बच्चों के बैठने तक का स्थान नहीं है। इसके बावजूद अन्य विकल्प नहीं होने से ग्रामीण यहां बच्चों को भेजते है।
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विद्यालय में बच्चों के बैठने तक का स्थान नहीं है। इसके बावजूद अन्य विकल्प नहीं होने से ग्रामीण यहां बच्चों को भेजते है।
टपकता है पानी
बारिश के दिनों में इस विद्यालय भवन की छत व दीवारों से पानी टपकता है। इस कारण कुछ दीवारों में दरारें भी आ गई है। इसके बावजूद भवन की मरम्मत की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कोई विकल्प नहीं
पहाड़ी क्षेत्र में आबाद इस गांव में के 10 से 15 किलोमीटर की दूरी में कोई विद्यालय नहीं है। यातायात के साधनों का भी अभाव है। एेसे में शिक्षकों की कमी व जर्जर भवन के बावजूद यहां बच्चे पढऩे को मजबूर है।
मिली थी राशि
इस विद्यालय भवन की मरम्मत के लिए पिछले साल राज्य सरकार ने रमसा के तहत 27 लाख रुपए स्वीकृत किए थी। इसका राजस्व कार्मिकों की ओर से समय पर सीमांकन नहीं करने से उपयोग नहीं हो सका।
पांच कक्ष जर्जर
विद्यालय में कुल 10 कक्ष है। इनमें से पांच कक्ष जर्जर हो चुके है। एेसे में हादसे की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। विद्यालय में कक्षा 1 व 2 के विद्यार्थी खुले में बैठते है।
हर समय खतरा
स्कूल का भवन जर्जर होने से हादसे की आशंका रहती है। मरम्मत की राशि का उपयोग नहीं हुआ। प्रधानाचार्य के अलावा अधिकांश पद रिक्त है। इस बारे में अधिकारियों को बताया है।
गजेन्द्र पटेल, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, राउमावि कालबकलां
मुख्यमंत्री से की मांग
मैंने विद्या
बारिश के दिनों में इस विद्यालय भवन की छत व दीवारों से पानी टपकता है। इस कारण कुछ दीवारों में दरारें भी आ गई है। इसके बावजूद भवन की मरम्मत की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कोई विकल्प नहीं
पहाड़ी क्षेत्र में आबाद इस गांव में के 10 से 15 किलोमीटर की दूरी में कोई विद्यालय नहीं है। यातायात के साधनों का भी अभाव है। एेसे में शिक्षकों की कमी व जर्जर भवन के बावजूद यहां बच्चे पढऩे को मजबूर है।
मिली थी राशि
इस विद्यालय भवन की मरम्मत के लिए पिछले साल राज्य सरकार ने रमसा के तहत 27 लाख रुपए स्वीकृत किए थी। इसका राजस्व कार्मिकों की ओर से समय पर सीमांकन नहीं करने से उपयोग नहीं हो सका।
पांच कक्ष जर्जर
विद्यालय में कुल 10 कक्ष है। इनमें से पांच कक्ष जर्जर हो चुके है। एेसे में हादसे की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। विद्यालय में कक्षा 1 व 2 के विद्यार्थी खुले में बैठते है।
हर समय खतरा
स्कूल का भवन जर्जर होने से हादसे की आशंका रहती है। मरम्मत की राशि का उपयोग नहीं हुआ। प्रधानाचार्य के अलावा अधिकांश पद रिक्त है। इस बारे में अधिकारियों को बताया है।
गजेन्द्र पटेल, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, राउमावि कालबकलां
मुख्यमंत्री से की मांग
मैंने विद्या
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