डेढ़ साल से लंबित कैबिनेट के 75 से ज्यादा फैसले
जयपुर. पिछले डेढ़ साल में कैबिनेट के लिए 75 से ज्यादा फैसले अब भी पेंडिंग हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अब हर मंत्री को उनके विभाग से संबंधित लंबित मामलों की सूची भेजी है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में हर मंत्री से इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। पेंडिंग मामलों में 20 हजार किमी लंबी सड़कों के पीपीपी मॉडल पर निर्माण सहित विकास के कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। जयपुर में विभिन्न संस्थाओं को रियायती दर पर दी जाने वाली जमीनों का मामला भी इसमें शामिल है। मंत्रियों को भेजी गई सूची के अनुसार 60 से ज्यादा मामले तो पिछले छह माह में हुई मंत्रिमंडल की बैठकों के लंबित हैं।
जयपुर. पिछले डेढ़ साल में कैबिनेट के लिए 75 से ज्यादा फैसले अब भी पेंडिंग हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अब हर मंत्री को उनके विभाग से संबंधित लंबित मामलों की सूची भेजी है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में हर मंत्री से इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। पेंडिंग मामलों में 20 हजार किमी लंबी सड़कों के पीपीपी मॉडल पर निर्माण सहित विकास के कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। जयपुर में विभिन्न संस्थाओं को रियायती दर पर दी जाने वाली जमीनों का मामला भी इसमें शामिल है। मंत्रियों को भेजी गई सूची के अनुसार 60 से ज्यादा मामले तो पिछले छह माह में हुई मंत्रिमंडल की बैठकों के लंबित हैं।
डेढ़ साल में नहीं हो पाई पिछली सरकार के छह माह के कार्यों की समीक्षा : मंत्रियों को भेजे गए परिपत्र के बिंदु संख्या 10 पर उद्योग विभाग में पिछली सरकार के अंतिम छह माह में हुए फैसलों की समीक्षा के निर्णय को भी अभी तक अनिर्णित बताया गया है। विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इस मामले में मंत्रिमंडल का तथ्यों से अवगत कराया जाना है।
खान विभाग में राज्य सरकार की माइनिंग कंपनी राजस्थान स्टेट कॉल माइनिंग कंपनी लिमिटेड को बंद करने संबंधी केबिनेट के फैसले को भी अभी तक लंबित बताया गया है। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कई संस्थाओं को रियायती दर पर जमीन आवंटित किए जाने संबंधी मामला और राजस्थान विरासत संरक्षण विधेयक 2014 और राजस्थान पुलिस संशोधन विधेयक 2015 के क्रियान्वित नहीं होने का भी हवाला दिया गया है।
खान विभाग में राज्य सरकार की माइनिंग कंपनी राजस्थान स्टेट कॉल माइनिंग कंपनी लिमिटेड को बंद करने संबंधी केबिनेट के फैसले को भी अभी तक लंबित बताया गया है। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कई संस्थाओं को रियायती दर पर जमीन आवंटित किए जाने संबंधी मामला और राजस्थान विरासत संरक्षण विधेयक 2014 और राजस्थान पुलिस संशोधन विधेयक 2015 के क्रियान्वित नहीं होने का भी हवाला दिया गया है।
इनमें भी लंबित हैं केबिनेट के फैसले : सामाजिक न्याय व अधिकारिता, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा, पशुपालन, खान, ऊर्जा, पर्यटन, कृषि, सहकारिता, कार्मिक, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा, लघु उद्योग, श्रम व नियोजन, ग्रामीण विकास व पंचायतीराज, उपभोक्ता मामले तथा सूचना प्रौद्योगिकी व संचार विभाग में भी केबिनेट के फैसलों की क्रियान्विति नहीं हुई।
No comments:
Post a Comment