जोधपुर जयनारायण
व्यास विश्वविद्यालय के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार
निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अगस्त 2014 में तत्कालीन कुलपति सहित 17 शिक्षकों
व चयनित अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।एसीबी ने इन 17
आरोपियों के अलावा अप्रेल 2015 में कोर्ट में प्रस्तुत की गई तथ्यात्मक
रिपोर्ट में 5 शिक्षकों व कर्मचारियों को भी आरोपी माना।
इन पांच आरोपियों में सिंडीकेट सदस्य डॉ. डूंगरसिंह खींची, कनिष्ठ लिपिक (स्थापना शाखा) केशवन एब्रारन, पूर्व विधायक जुगल काबरा, पूर्व डीन (लॉ संकाय) प्रो. श्याम सुंदर शर्मा, चयन समिति सदस्य प्रो. डीएस चुण्डावत शामिल हैं।
इन पांच आरोपियों में सिंडीकेट सदस्य डॉ. डूंगरसिंह खींची, कनिष्ठ लिपिक (स्थापना शाखा) केशवन एब्रारन, पूर्व विधायक जुगल काबरा, पूर्व डीन (लॉ संकाय) प्रो. श्याम सुंदर शर्मा, चयन समिति सदस्य प्रो. डीएस चुण्डावत शामिल हैं।
एसीबी ने आरोप किए प्रमाणित
इन सभी आरोपियों पर एसीबी ने पद का दुरुपयोग करना, अंतिम तिथि तक भर्ती विज्ञापन व अध्यादेश में उल्लिखित न्यूनतम योग्यता नहीं होने के बावजूद कुछ चहेतों को साक्षात्कार में शामिल करना, साक्षात्कार के दौरान आवेदकों के अंकों की गणना नहीं कर मेरिट लिस्ट अनुसार चयन नहीं कर नियम विरुद्ध चयन करना, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होने पर भी कुछ आवेदकों के आवेदन पत्रों को नियम विरुद्ध निरस्त करना, रिकॉर्ड में काट-छांट कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर असली रूप में उपयोग लेना, रिकॉर्ड को गायब करना और राजस्थान से बाहर के अभ्यर्थियों को एससी आरक्षण का गलत लाभ देना प्रमाणित पाया है।
नई धाराएं जोड़ी
गत अगस्त 2014 में एसीबी ने 17 शिक्षकों के खिलाफ पीसी एक्ट 1988 धारा 13(1) सी, डी और 13(2) एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी में मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में प्रस्तुत की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट में अब एसीबी ने नई धाराएं जोड़ी हैं, उनमें आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 477-ए, 201, 119 शामिल हैं।
इनका नाम भी एफआईआर में
गत अगस्त 2014 में हुए एफआईआर में जेएनवीयू के तत्कालीन कुलपति प्रो. भंवर सिंह राजपुरोहित, प्रो. नरेन्द्र अवस्थी, प्रो. रामचन्द्रसिंह राजपुरोहित, डॉ. जे.के. शर्मा, डॉ. भीमसिंह चौहान, प्रो. कल्पना पुरोहित, डॉ. विनिता परिहार, डॉ. राजेन्द्र परिहार, प्रो. आर.एन.प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इसके अलावा इस घोटाले के लाभार्थी और नियमों के विरुद्ध चयनितों में विधि संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर सुनील आसोपा, असिस्टेंट प्रोफेसर ऋषभ गहलोत, मनीष वढ़ेरा, मोहित जींनगर और विवेक शामिल हंै। इसके अलावा सिंडीकेट सदस्य डॉ. डूंगर सिंह खींची के भाई समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह खींची और राजेन्द्र सिंह खींची की पत्नी लोकप्रशासन में असिस्टेंट प्रोफेसर शरद शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
पत्रिका ने उजागर किया था फर्जीवाड़ा
विवि में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया व साक्षात्कार में चहेतों को लाभ देने के लिए विवि ने पहले नियमों में बदलाव किए, जिसका खुलासा राजस्थान पत्रिका ने किया था।
धाराएं जोड़ी गई हैं
एसीबी ने जेएनवीयू शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश कर दी है। जांच में प्रमाणों के आधार पर एफआईआर में नए नाम और धाराएं जोड़ी गई हैं।
- चन्द्र प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसीबी (ग्रामीण)
इन सभी आरोपियों पर एसीबी ने पद का दुरुपयोग करना, अंतिम तिथि तक भर्ती विज्ञापन व अध्यादेश में उल्लिखित न्यूनतम योग्यता नहीं होने के बावजूद कुछ चहेतों को साक्षात्कार में शामिल करना, साक्षात्कार के दौरान आवेदकों के अंकों की गणना नहीं कर मेरिट लिस्ट अनुसार चयन नहीं कर नियम विरुद्ध चयन करना, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होने पर भी कुछ आवेदकों के आवेदन पत्रों को नियम विरुद्ध निरस्त करना, रिकॉर्ड में काट-छांट कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर असली रूप में उपयोग लेना, रिकॉर्ड को गायब करना और राजस्थान से बाहर के अभ्यर्थियों को एससी आरक्षण का गलत लाभ देना प्रमाणित पाया है।
नई धाराएं जोड़ी
गत अगस्त 2014 में एसीबी ने 17 शिक्षकों के खिलाफ पीसी एक्ट 1988 धारा 13(1) सी, डी और 13(2) एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी में मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में प्रस्तुत की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट में अब एसीबी ने नई धाराएं जोड़ी हैं, उनमें आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 477-ए, 201, 119 शामिल हैं।
इनका नाम भी एफआईआर में
गत अगस्त 2014 में हुए एफआईआर में जेएनवीयू के तत्कालीन कुलपति प्रो. भंवर सिंह राजपुरोहित, प्रो. नरेन्द्र अवस्थी, प्रो. रामचन्द्रसिंह राजपुरोहित, डॉ. जे.के. शर्मा, डॉ. भीमसिंह चौहान, प्रो. कल्पना पुरोहित, डॉ. विनिता परिहार, डॉ. राजेन्द्र परिहार, प्रो. आर.एन.प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इसके अलावा इस घोटाले के लाभार्थी और नियमों के विरुद्ध चयनितों में विधि संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर सुनील आसोपा, असिस्टेंट प्रोफेसर ऋषभ गहलोत, मनीष वढ़ेरा, मोहित जींनगर और विवेक शामिल हंै। इसके अलावा सिंडीकेट सदस्य डॉ. डूंगर सिंह खींची के भाई समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह खींची और राजेन्द्र सिंह खींची की पत्नी लोकप्रशासन में असिस्टेंट प्रोफेसर शरद शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
पत्रिका ने उजागर किया था फर्जीवाड़ा
विवि में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया व साक्षात्कार में चहेतों को लाभ देने के लिए विवि ने पहले नियमों में बदलाव किए, जिसका खुलासा राजस्थान पत्रिका ने किया था।
धाराएं जोड़ी गई हैं
एसीबी ने जेएनवीयू शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश कर दी है। जांच में प्रमाणों के आधार पर एफआईआर में नए नाम और धाराएं जोड़ी गई हैं।
- चन्द्र प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसीबी (ग्रामीण)
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