अगर आप शिक्षक के तौर पर अपना करियर बनाना चाहते हैं और इसके लिए लगातार तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद और उच्च
शिक्षा से जुड़े शिक्षण संस्थानों में टीचर्स की भर्ती करने के लिए एक आयोग बनाने के लिए मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शासन ने मसौदा बनाने के लिए जो कमेटी गठित की है जिसमें उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सचिव कीर्ति गौतम और बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह को शामिल किया है.
ये कमेटी जल्द ही इसका प्रस्ताव शासन को भेजेगी. साथ ही आवश्यक संशोधन के बाद नये आयोग का गठन किया जाएगा. हालांकि अभी ये बात स्पष्ट नहीं हुई है कि फिलहाल रिक्त पदों की भर्ती वर्तमान में काम कर रही संस्थाएं ही कराएंगी या फिर नया आयोग बनाए जाने पर उसे इसकी जिम्मेदारी मिलेगी.
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में राजकीय विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी भर्ती की जिम्मेदारी नये आयोग को मिल सकती है. बता दें कि 2017 में सरकार के गठन के बाद माध्यमिक और उच्च शिक्षा की भर्तियों के लिए एक आयोग बनाने की कवायद शुरू की गई थी. दोनों आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एवं सदस्यों ने इस्तीफा भी दे दिया था.
यूपी में खाली हैं शिक्षकों के इतने पद
एडेड इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व सहायक अध्यापक के 39704 पद रिक्त हैं. वहीं सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 2000 पद खाली हैं. इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापकों के सहायक अध्यापकों के 69000 पद खाली हैं.
शिक्षा से जुड़े शिक्षण संस्थानों में टीचर्स की भर्ती करने के लिए एक आयोग बनाने के लिए मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शासन ने मसौदा बनाने के लिए जो कमेटी गठित की है जिसमें उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सचिव कीर्ति गौतम और बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह को शामिल किया है.
ये कमेटी जल्द ही इसका प्रस्ताव शासन को भेजेगी. साथ ही आवश्यक संशोधन के बाद नये आयोग का गठन किया जाएगा. हालांकि अभी ये बात स्पष्ट नहीं हुई है कि फिलहाल रिक्त पदों की भर्ती वर्तमान में काम कर रही संस्थाएं ही कराएंगी या फिर नया आयोग बनाए जाने पर उसे इसकी जिम्मेदारी मिलेगी.
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में राजकीय विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी भर्ती की जिम्मेदारी नये आयोग को मिल सकती है. बता दें कि 2017 में सरकार के गठन के बाद माध्यमिक और उच्च शिक्षा की भर्तियों के लिए एक आयोग बनाने की कवायद शुरू की गई थी. दोनों आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एवं सदस्यों ने इस्तीफा भी दे दिया था.
यूपी में खाली हैं शिक्षकों के इतने पद
एडेड इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व सहायक अध्यापक के 39704 पद रिक्त हैं. वहीं सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 2000 पद खाली हैं. इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापकों के सहायक अध्यापकों के 69000 पद खाली हैं.
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