भास्कर संवाददाता | चित्तौड़गढ़
लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते शिक्षक भर्ती 2018 रीट लेवल -2 के रिशफल परिणाम के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रुक हुई थीं। राज्य निर्वाचन विभाग ने इस मामले में आदेश जारी कर नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया था। जिले में यह प्रक्रिया जिला परिषद के आदेश के इंतजार में कुछ दिनों से रुकी हुई थी।
जिला परिषद ने इस मामले में हरी झंडी देते हुए सभी विकास अधिकारियों को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए है। रिशफल सहित नवनियुक्त शिक्षक कुल मिलाकर जिले में 465 शिक्षकों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भूपालसागर एवं भदेसर के ब्लाकों के विकास अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए है। शेष ब्लाकों में आज एवं कल तक आदेश जारी होंगे।
जिले में 12 से 15 मार्च तक रिशफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई थीं। चुनाव संहिता लगी होने से इनको नियुक्ति नहीं दी गई। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगा था। राज्य निर्वाचन आयोग ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 लेवल सैकंड में रिक्त रही सीटों पर रिशफल परिणाम से प्रदेश में नव चयनित 5681 सहित कुल 10,881 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को स्वीकृति जारी कर थी है। दोनों कैटेगरी में चित्तौड़ जिले के 465 शिक्षक भी शामिल थे। निर्वाचन आयोग ने 28 मार्च को ही अनुमति दे दी थीं। इसके बाद हनुमानगढ़, उदयपुर सहित कुछ जिलों में तत्काल पदस्थापन आदेश भी जारी हो गए थे तब से जिले के चयनित अभ्यर्थी जिला परिषद के चक्कर काट रहे थे। तीन दिन पहले शुक्रवार को जिला परिषद ने पंचायतीराज के शीर्ष अधिकारियों से मार्गदर्शन लेने के साथ इन शिक्षकों को नियुक्ति देने के आदेश सभी विकास अधिकारियों को जारी कर दिए है। जानकारीनुसार भदेसर एवं भूपालसागर ब्लाक के विकास अधिकारियों ने तो नियुक्ति के आदेश भी जारी कर दिए है।
खूब इंतजार करना पड़ा... अभ्यर्थियों को अब ड्यूटी ज्वाइन करने का सपना साकार होता दिखने लगा
अचार संहिता के कारण ही पहले काउंसलिंग को लेकर भी जिला परिषद एवं प्रारंभिक शिक्षा विभाग असमंजस में रहा। प्रशासन जैसे तैसे काउंसलिंग के लिए तैयार हुआ। जिस दिन काउंसलिंग शुरू होनी थीं, उस दिन शिक्षा विभाग का पोर्टल खाली पद ही नहीं बता रहा था। इस कारण फिर प्रक्रिया देरी से शुरू हुई। काउंसलिंग में चयनित अभ्यर्थियों ने पसंद का स्कूल भी चयन कर लिया था, लेकिन पदस्थापन आदेश कब जारी होंगे। तब इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं था। अब हाल में चुनाव आयोग से मंजूरी मिली तो जिला परिषद की मंजूरी का इंतजार था लेकिन अब इंतजार की सभी घडिय़ां खत्म हो गई। अब शिक्षकों का स्कूल में ड्यूटी ज्वाइन करने का सपना साकार होता दिखाई पड़ने लगा है। कारण जिले में दो ब्लाकों में तो नियुक्ति के आदेश भी जारी हो चुके है।
लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते शिक्षक भर्ती 2018 रीट लेवल -2 के रिशफल परिणाम के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रुक हुई थीं। राज्य निर्वाचन विभाग ने इस मामले में आदेश जारी कर नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया था। जिले में यह प्रक्रिया जिला परिषद के आदेश के इंतजार में कुछ दिनों से रुकी हुई थी।
जिला परिषद ने इस मामले में हरी झंडी देते हुए सभी विकास अधिकारियों को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए है। रिशफल सहित नवनियुक्त शिक्षक कुल मिलाकर जिले में 465 शिक्षकों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भूपालसागर एवं भदेसर के ब्लाकों के विकास अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए है। शेष ब्लाकों में आज एवं कल तक आदेश जारी होंगे।
जिले में 12 से 15 मार्च तक रिशफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई थीं। चुनाव संहिता लगी होने से इनको नियुक्ति नहीं दी गई। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगा था। राज्य निर्वाचन आयोग ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 लेवल सैकंड में रिक्त रही सीटों पर रिशफल परिणाम से प्रदेश में नव चयनित 5681 सहित कुल 10,881 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को स्वीकृति जारी कर थी है। दोनों कैटेगरी में चित्तौड़ जिले के 465 शिक्षक भी शामिल थे। निर्वाचन आयोग ने 28 मार्च को ही अनुमति दे दी थीं। इसके बाद हनुमानगढ़, उदयपुर सहित कुछ जिलों में तत्काल पदस्थापन आदेश भी जारी हो गए थे तब से जिले के चयनित अभ्यर्थी जिला परिषद के चक्कर काट रहे थे। तीन दिन पहले शुक्रवार को जिला परिषद ने पंचायतीराज के शीर्ष अधिकारियों से मार्गदर्शन लेने के साथ इन शिक्षकों को नियुक्ति देने के आदेश सभी विकास अधिकारियों को जारी कर दिए है। जानकारीनुसार भदेसर एवं भूपालसागर ब्लाक के विकास अधिकारियों ने तो नियुक्ति के आदेश भी जारी कर दिए है।
खूब इंतजार करना पड़ा... अभ्यर्थियों को अब ड्यूटी ज्वाइन करने का सपना साकार होता दिखने लगा
अचार संहिता के कारण ही पहले काउंसलिंग को लेकर भी जिला परिषद एवं प्रारंभिक शिक्षा विभाग असमंजस में रहा। प्रशासन जैसे तैसे काउंसलिंग के लिए तैयार हुआ। जिस दिन काउंसलिंग शुरू होनी थीं, उस दिन शिक्षा विभाग का पोर्टल खाली पद ही नहीं बता रहा था। इस कारण फिर प्रक्रिया देरी से शुरू हुई। काउंसलिंग में चयनित अभ्यर्थियों ने पसंद का स्कूल भी चयन कर लिया था, लेकिन पदस्थापन आदेश कब जारी होंगे। तब इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं था। अब हाल में चुनाव आयोग से मंजूरी मिली तो जिला परिषद की मंजूरी का इंतजार था लेकिन अब इंतजार की सभी घडिय़ां खत्म हो गई। अब शिक्षकों का स्कूल में ड्यूटी ज्वाइन करने का सपना साकार होता दिखाई पड़ने लगा है। कारण जिले में दो ब्लाकों में तो नियुक्ति के आदेश भी जारी हो चुके है।
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