अजमेर. दुनिया के सभी देशों में कक्षाओं के अध्ययन-अध्यापन की पद्धति तेजी से
बदल रही है। ई-कंटेंट और ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली को बढ़ावा देना आवश्यक है।
यह बात कॉलेज शिक्षा निदेशक प्रदीप कुमार बोरड़ ने सोफिया कॉलेज में
ई-लर्निंग एन्ड मूक्स इन हायर एज्यूकेशन विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार
में कही।
कॉलेज शिक्षा निदेशालय, सोफिया कॉलेज और पं. मदनमोहन मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एन्ड ट्रेनिंग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि कई उच्च शिक्षण संस्थानों में विषयवार शिक्षकों की कमी है।
ऐसे में ई-कंटेंट शिक्षण कार्य में जरूरी हो गया है। देश के कई विश्वविद्यालय और संस्थान अब शिक्षकों और विद्यार्थियों को ऑनलाइन डिग्री, सर्टिफिकेट मुहैया करा रहे हैं। निदेशालय ने सभी कॉलेज में नि:शुल्क प्रतियोगी कक्षाएं शुरू की हैं। सभी कॉलेज से विषयवार ऑफलाइन ई-कंटेंट बनाने को कहा है। इनसे नियमित कक्षाओं में भी पढ़ाई कराई जाएगी।
टीचर्स की कमी सब जगह
पीएडीएम विश्वविद्यालय बहादुरगढ़ के कुलपति प्रो. ए. के. बख्शी ने कहा कि देश में नए कॉलेज-यूनिवर्सिटी खुलने के बावजूद उच्च शिक्षा में मात्र 25.2 प्रतिशत विद्यार्थी अध्ययनरत है। शिक्षकों की कमी से देश के सभी संस्थान जूझ रहे हैं। ई-केंटेंट और ऑनलाइन शिक्षण सबके लिए फायदेमंद साबित हुआ है। देश के किसी भी संस्थान में रिकॉर्ड ई-व्याख्यान से अध्ययन-अध्यापन कराया जा सकता है। डॉ.जसविंद सिंह ने ई-कंटेंट और ऑनलाइन व्याख्यान तैयार करने की जानकारी दी।
नवाचार अपनाने जरूरी
डॉ. विमल रार ने तकनीकी पहलुओं और शिक्षकों की नवाचार में भूमिका विषय पर चर्चा की। श्रम उद्यमिता विभाग के सचिव नवीन जैन ने भी संबोधित किया। प्राचार्य डॉ. सिस्टर पर्ल ने स्वागत किया। संयोजक डॉ. मोनिका कानन, डॉ. ज्योति तंवर और अन्य मौजूद रहे। सिस्टर रानी ने धन्यवाद दिया।
कॉलेज शिक्षा निदेशालय, सोफिया कॉलेज और पं. मदनमोहन मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एन्ड ट्रेनिंग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि कई उच्च शिक्षण संस्थानों में विषयवार शिक्षकों की कमी है।
ऐसे में ई-कंटेंट शिक्षण कार्य में जरूरी हो गया है। देश के कई विश्वविद्यालय और संस्थान अब शिक्षकों और विद्यार्थियों को ऑनलाइन डिग्री, सर्टिफिकेट मुहैया करा रहे हैं। निदेशालय ने सभी कॉलेज में नि:शुल्क प्रतियोगी कक्षाएं शुरू की हैं। सभी कॉलेज से विषयवार ऑफलाइन ई-कंटेंट बनाने को कहा है। इनसे नियमित कक्षाओं में भी पढ़ाई कराई जाएगी।
टीचर्स की कमी सब जगह
पीएडीएम विश्वविद्यालय बहादुरगढ़ के कुलपति प्रो. ए. के. बख्शी ने कहा कि देश में नए कॉलेज-यूनिवर्सिटी खुलने के बावजूद उच्च शिक्षा में मात्र 25.2 प्रतिशत विद्यार्थी अध्ययनरत है। शिक्षकों की कमी से देश के सभी संस्थान जूझ रहे हैं। ई-केंटेंट और ऑनलाइन शिक्षण सबके लिए फायदेमंद साबित हुआ है। देश के किसी भी संस्थान में रिकॉर्ड ई-व्याख्यान से अध्ययन-अध्यापन कराया जा सकता है। डॉ.जसविंद सिंह ने ई-कंटेंट और ऑनलाइन व्याख्यान तैयार करने की जानकारी दी।
नवाचार अपनाने जरूरी
डॉ. विमल रार ने तकनीकी पहलुओं और शिक्षकों की नवाचार में भूमिका विषय पर चर्चा की। श्रम उद्यमिता विभाग के सचिव नवीन जैन ने भी संबोधित किया। प्राचार्य डॉ. सिस्टर पर्ल ने स्वागत किया। संयोजक डॉ. मोनिका कानन, डॉ. ज्योति तंवर और अन्य मौजूद रहे। सिस्टर रानी ने धन्यवाद दिया।
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