जयपुर चुनावी गहमागहमी के बीच हर तरफ अब मुद्दों,
नेताओं, सरकार, राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की चर्चाएं हैं। आधी आबादी
भी इससे अछूती नहीं है। किसी दौर में महिलाएं भले ही चुनावी चर्चाओं से दूर
रहा करती थीं लेकिन आज महिला मतदाता न सिर्फ मतदान के प्रति जागरूक हुई
हैं बल्कि सियासी चाल-गणित भी खूब
समझती हैं। यही नहीं, मुद्दों-नेताओं आदि के बारे में भी जानकारी रखती हैं। मिलिए आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करते इन दो महिला समूहों से, पढि़ए चुनाव को लेकर टोंक रोड पर उनसे हुई चर्चा के प्रमुख अंश।
चर्चा करते-करते शुरू हो गई बहस
प्रतापनगर में ग्लास फैक्ट्री के पास 17 महिलाओं का एक समूह काफी सामान के साथ बैठा था। प्रतापनगर स्कीम 3 निवासी इन महिलाओं को परिचय देकर चुनाव के बारे में बात की तो 2 महिलाएं तपाक से बोलीं, महंगाई से निजात पानी है तो बदलाव लाना होगा। मोदी केवल भाषण देते हैं, काम कुछ दिखा नहीं। इस पर 4 महिलाएं मानो झगड़ ही पड़ीं। बोलीं, देश को मोदी ही सुधार सकते हैं। बहुत कुछ सुधरा है, अगले 5 साल में और सुधार होगा। समय तो लगता ही है। कुछ बदलता है तो दिक्कत भी होती ही है। इतने में 2 महिलाएं चर्चा में और कूदीं। बोलीं, मोदी सरकार ने सिलेंडर 930 रुपए का कर दिया, उसे कौन देखेगा? पेट्रोल आए दिन मंहगा हो रहा है। इस पर चारों महिलाएं फिर जोर से बोलीं, तुम सिलेंडर ही खाती और पेट्रोल ही पीती हो क्या? केवल 2 चीजों का रोना रोते रहो, बढिय़ा काम हुए उन्हें मत देखना। हालांकि कुछ महिलाओं ने कहा, हालत में सुधार सतत प्रक्रिया है। बदलाव भी होता रहना चाहिए।
नौकरी मिली, महंगाई से निजात भी मिले
प्रतापनगर में ही ग्लास फैक्ट्री से कुछ दूर सफाईकर्मी महिलाओं और लड़कियों का समूह बैठा हुआ था। कांता ने कहा, दो लड़कियां सवर्ण वर्ग से हैं। ये भी किसी की बेटी हैं। रोजगार किसी को भी मिले, अच्छा है। समूह में 3 लड़कियां शिक्षित थीं। इनमें से 2 तो शिक्षक भर्ती परीक्षाएं भी दे रही हैं। इन लड़कियों ने बताया, सफाईकर्मी में ही नंबर आ गया तो अभी यहां नौकरी कर रहे हैं। महिलाएं बोलीं, नौकरी मिल जाए और महंगाई कम हो जाए तो और क्या चाहिए?
समझती हैं। यही नहीं, मुद्दों-नेताओं आदि के बारे में भी जानकारी रखती हैं। मिलिए आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करते इन दो महिला समूहों से, पढि़ए चुनाव को लेकर टोंक रोड पर उनसे हुई चर्चा के प्रमुख अंश।
चर्चा करते-करते शुरू हो गई बहस
प्रतापनगर में ग्लास फैक्ट्री के पास 17 महिलाओं का एक समूह काफी सामान के साथ बैठा था। प्रतापनगर स्कीम 3 निवासी इन महिलाओं को परिचय देकर चुनाव के बारे में बात की तो 2 महिलाएं तपाक से बोलीं, महंगाई से निजात पानी है तो बदलाव लाना होगा। मोदी केवल भाषण देते हैं, काम कुछ दिखा नहीं। इस पर 4 महिलाएं मानो झगड़ ही पड़ीं। बोलीं, देश को मोदी ही सुधार सकते हैं। बहुत कुछ सुधरा है, अगले 5 साल में और सुधार होगा। समय तो लगता ही है। कुछ बदलता है तो दिक्कत भी होती ही है। इतने में 2 महिलाएं चर्चा में और कूदीं। बोलीं, मोदी सरकार ने सिलेंडर 930 रुपए का कर दिया, उसे कौन देखेगा? पेट्रोल आए दिन मंहगा हो रहा है। इस पर चारों महिलाएं फिर जोर से बोलीं, तुम सिलेंडर ही खाती और पेट्रोल ही पीती हो क्या? केवल 2 चीजों का रोना रोते रहो, बढिय़ा काम हुए उन्हें मत देखना। हालांकि कुछ महिलाओं ने कहा, हालत में सुधार सतत प्रक्रिया है। बदलाव भी होता रहना चाहिए।
नौकरी मिली, महंगाई से निजात भी मिले
प्रतापनगर में ही ग्लास फैक्ट्री से कुछ दूर सफाईकर्मी महिलाओं और लड़कियों का समूह बैठा हुआ था। कांता ने कहा, दो लड़कियां सवर्ण वर्ग से हैं। ये भी किसी की बेटी हैं। रोजगार किसी को भी मिले, अच्छा है। समूह में 3 लड़कियां शिक्षित थीं। इनमें से 2 तो शिक्षक भर्ती परीक्षाएं भी दे रही हैं। इन लड़कियों ने बताया, सफाईकर्मी में ही नंबर आ गया तो अभी यहां नौकरी कर रहे हैं। महिलाएं बोलीं, नौकरी मिल जाए और महंगाई कम हो जाए तो और क्या चाहिए?
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