कोटा:
देशभर में सरकारी नौकरियों के लिए हर साल कई लोग तैयारी करते हैं और आगे
भी निकलते हैं लेकिन राजस्थान में कुछ सरकारी कर्मचारी ऐसे भी हैं जिनकी
नौकरी कांग्रेस और बीजेपी के चक्कर में अटक गई है. दरअसल, कोटा में सरकारी
नौकरी पाने वाले 32 युवाओं की नौकरी अधर में अटक गई है.
दरअसल, राजस्थान सरकार ने हाल ही में तीन हजार शिक्षकों को शिक्षक भर्ती थर्ड ग्रेड अंग्रेजी में बतौर शिक्षक न्युक्ति किया है लेकिन पंचायत समिति के प्रधान उनकी प्रक्रिया को पूरा ही नहीं होने दे रहे हैं. ऐसे में अब अंतिम चरण की प्रक्रिया के रुकने से इन सभी शिक्षकों का भविष्य दाव पर लग गया है. जिसके चलते इन शिक्षकों के पास आंदोलन करने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं बचा है.
लाडपुरा पंचायत क्षेत्र में लगाए गए 32 शिक्षकों को पोस्टिंग ऑर्डर पंचायत समिति से नहीं मिला है. पंचायत स्तर पर प्रधान समेत 6 सदस्य है जिनकी मौजूदगी में पंचायत स्थापना स्थाई समिति की बैठक प्रधान की अध्यक्षता में होती है. लेकिन लाडपुरा पंचायत में कांग्रेस का बोर्ड है और एक सदस्य बीजेपी का और 5 सदस्य कांग्रेस के हैं और प्रदेश में सरकार भी बीजेपी की है. जिसने इन शिक्षकों को नौकरी दी है. ऐसे में कोंग्रेसियो को ये रास नहीं आ रहा की इन शिक्षकों को न्युक्ति मिले और सभी के सभी कोंग्रेसी डायरेक्टर प्रधान समेत लापता हो गए और परेशान शिक्षक जब इन सभी को फोन लगाने में जुटे तो एक के बाद एक बहाने टालमटोली वाला रवैया सामने आने लगा. कुल मिलाकर वो बैठक नहीं हुई और न ही इन शिक्षकों को नौकरी मिलने के बाद नौकरी मिली.
फिलहाल इन 32 शिक्षकों के लिए एक एक पल मुसीबत के साथ बीत रहा है क्योंकि प्रधान आने के लिए बहाने बाजी कर रहे हैं. प्रधान साहब कल आएंगे और फिर तय करेंगे कि मीटिंग कब होगी.
दरअसल, राजस्थान सरकार ने हाल ही में तीन हजार शिक्षकों को शिक्षक भर्ती थर्ड ग्रेड अंग्रेजी में बतौर शिक्षक न्युक्ति किया है लेकिन पंचायत समिति के प्रधान उनकी प्रक्रिया को पूरा ही नहीं होने दे रहे हैं. ऐसे में अब अंतिम चरण की प्रक्रिया के रुकने से इन सभी शिक्षकों का भविष्य दाव पर लग गया है. जिसके चलते इन शिक्षकों के पास आंदोलन करने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं बचा है.
लाडपुरा पंचायत क्षेत्र में लगाए गए 32 शिक्षकों को पोस्टिंग ऑर्डर पंचायत समिति से नहीं मिला है. पंचायत स्तर पर प्रधान समेत 6 सदस्य है जिनकी मौजूदगी में पंचायत स्थापना स्थाई समिति की बैठक प्रधान की अध्यक्षता में होती है. लेकिन लाडपुरा पंचायत में कांग्रेस का बोर्ड है और एक सदस्य बीजेपी का और 5 सदस्य कांग्रेस के हैं और प्रदेश में सरकार भी बीजेपी की है. जिसने इन शिक्षकों को नौकरी दी है. ऐसे में कोंग्रेसियो को ये रास नहीं आ रहा की इन शिक्षकों को न्युक्ति मिले और सभी के सभी कोंग्रेसी डायरेक्टर प्रधान समेत लापता हो गए और परेशान शिक्षक जब इन सभी को फोन लगाने में जुटे तो एक के बाद एक बहाने टालमटोली वाला रवैया सामने आने लगा. कुल मिलाकर वो बैठक नहीं हुई और न ही इन शिक्षकों को नौकरी मिलने के बाद नौकरी मिली.
फिलहाल इन 32 शिक्षकों के लिए एक एक पल मुसीबत के साथ बीत रहा है क्योंकि प्रधान आने के लिए बहाने बाजी कर रहे हैं. प्रधान साहब कल आएंगे और फिर तय करेंगे कि मीटिंग कब होगी.
No comments:
Post a Comment