राजस्थान विश्वविद्यालय पर विद्यार्थियों
को उच्च शिक्षा में निपुण बनाने का जिम्मा है लेकिन वह अपने ही शिक्षकों की
भर्ती के लिए सही प्रश्न पत्र नहीं बना पा रहा है। विवि ने अंतिम आंसर-की
जारी कर अपने ही बनाए पेपर में से 23 प्रतिशत प्रश्नों को अमान्य घोषित कर
दिया है।
भौतिक विज्ञान के पेपर में कुल 180 प्रश्न पूछे गए थे, जिनमें से
41 प्रश्नों को खुद विवि ने ही रद्द घोषित कर दिया है। यह हाल केवल एक विषय
का नहीं है बल्कि हर विषय में 5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत प्रश्न अमान्य
घोषित किए गए हैं।
टीम पर उठे सवाल
विवि में हर परीक्षा का पेपर गोपनीय तरीके से योग्य शिक्षकों से बनवाया जाता है। विशेषज्ञों के बनाए पेपर में से एक पेपर तैयार किया जाता है। ऐसे में ४१ प्रश्नों के अमान्य होने पर विवि की प्रक्रिया और टीम की विशेषज्ञता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
विवि में हर परीक्षा का पेपर गोपनीय तरीके से योग्य शिक्षकों से बनवाया जाता है। विशेषज्ञों के बनाए पेपर में से एक पेपर तैयार किया जाता है। ऐसे में ४१ प्रश्नों के अमान्य होने पर विवि की प्रक्रिया और टीम की विशेषज्ञता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
ऑनलाइन थी परीक्षा
विवि ने सहायक आचार्य के 110 पदों पर भर्ती की 25 मार्च व 8 अप्रेल को ऑनलाइन परीक्षा हुई थी। कूकस के 4 केन्द्रों पर परीक्षा में 9040 अभ्यर्थी थे। हर विषय के 180 प्रश्न थे। अस्थाई आंसर जारी कर आपत्तियां मांगी गई थी। 31 मार्च तक आपत्तियां दर्ज कराई।
विवि ने सहायक आचार्य के 110 पदों पर भर्ती की 25 मार्च व 8 अप्रेल को ऑनलाइन परीक्षा हुई थी। कूकस के 4 केन्द्रों पर परीक्षा में 9040 अभ्यर्थी थे। हर विषय के 180 प्रश्न थे। अस्थाई आंसर जारी कर आपत्तियां मांगी गई थी। 31 मार्च तक आपत्तियां दर्ज कराई।
चीनी भाषा सीखेंगे आइटीबीपी के जवान
भारत-चीन सीमा पर आ रही भाषाई समस्या से निपटने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के अफसर और जवान मंदारिन (चीनी भाषा) सीखेंगे। डोकलाम सहित कई बार सीमा विवाद के मौकों पर चीन से बातचीत में भाषा परेशानी बनी थी। आइटीबीपी का दल अब सांची यूनिवर्सिटी ऑफ बुद्धिस्ट-इंडिक स्टडीज में मंदारिन सीखने आ रहा है। रजिस्ट्रार राजेश गुप्ता ने कहा कि जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में 25 सदस्यों को अलग बैच अलग में पढ़ाया जाएगा। एक वर्षीय कोर्स के दौरान सभी यूनिवर्सिटी परिसर में ही रहेंगे। इससे पहले आइटीबीपी के दो अफसर और दो जवान यह कोर्स कर चुके हैं। चीन के दौरे पर गईं सुषमा स्वराज ने एक दिन पहले ही कहा था कि दोनों देशों को एक दूसरे की भाषा सीखनी चाहिए।
भारत-चीन सीमा पर आ रही भाषाई समस्या से निपटने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के अफसर और जवान मंदारिन (चीनी भाषा) सीखेंगे। डोकलाम सहित कई बार सीमा विवाद के मौकों पर चीन से बातचीत में भाषा परेशानी बनी थी। आइटीबीपी का दल अब सांची यूनिवर्सिटी ऑफ बुद्धिस्ट-इंडिक स्टडीज में मंदारिन सीखने आ रहा है। रजिस्ट्रार राजेश गुप्ता ने कहा कि जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में 25 सदस्यों को अलग बैच अलग में पढ़ाया जाएगा। एक वर्षीय कोर्स के दौरान सभी यूनिवर्सिटी परिसर में ही रहेंगे। इससे पहले आइटीबीपी के दो अफसर और दो जवान यह कोर्स कर चुके हैं। चीन के दौरे पर गईं सुषमा स्वराज ने एक दिन पहले ही कहा था कि दोनों देशों को एक दूसरे की भाषा सीखनी चाहिए।
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