जिले में तृतीयश्रेणी शिक्षक भर्ती 2016 लेवल-2 में चयनित 404 शिक्षकों में
बाहर से डिग्रियां हासिल कर शामिल आए 48 जनों के दस्तावेजों की फिर जांच
कराने के निर्णय से शुक्रवार को असंतोष सामने आया।
इससे नियुक्तियां टलने की आशंका पर चयनितों ने जिला परिषद पहुंचकर सीईओ से बात की। इस पर हर हाल में 6 दिसंबर तक सभी का पदस्थापन कराने का आश्वासन मिला, तो चयनितों को कुछ राहत मिली। दरअसल, दूसरे जिलों में पदस्थापन हो चुके होने के कई दिन बाद भी बांसवाड़ा में चयन प्रक्रिया धीमी चलने से चयनित पहले से परेशान थे। फिर जिला परिषद स्थापना समिति की बैठक में उनके चयन का अनुमाेदन तो कर दिया गया, लेकिन इसके साथ ही बाहर से डिग्रियां लेकर आए चयनितों के दस्तावेज जांच के लिए डीईओ प्रारंभिक को भेजने से फिर आशंका गहरा गई। इसे लेकर चयनितों का कहना है कि डिग्रियों की जांच कभी भी संभव है, लेकिन इसकी आड़ में नियुक्तियां टलने पर उन्हें नुकसान होगा। युवाओं ने सभी के नियुक्ति आदेश एक साथ और जल्दी कराने की मांग की। दूसरी ओर, इस बारे में सीईओ हर्ष सावनसुखा ने बताया कि डिग्रियों की जांच विभाग की अंदरुनी प्रक्रिया है, इससे नियुक्तियों पर असर नहीं पड़ेगा। विभागीय स्तर पर अभी केवल यही देखा जा रहा है कि डिग्रियां मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय, संस्थानों से है या नहीं। गलत होने पर कभी भी कार्रवाई संभव है। ऐसे में किसी तरह की आशंका नहीं रखनी चाहिए। ब्लॉक स्तर पर अनुमोदन के बाद 6 दिसंबर तक सभी के पदस्थापन आदेश जारी करवा दिए जाएंगे।
इससे नियुक्तियां टलने की आशंका पर चयनितों ने जिला परिषद पहुंचकर सीईओ से बात की। इस पर हर हाल में 6 दिसंबर तक सभी का पदस्थापन कराने का आश्वासन मिला, तो चयनितों को कुछ राहत मिली। दरअसल, दूसरे जिलों में पदस्थापन हो चुके होने के कई दिन बाद भी बांसवाड़ा में चयन प्रक्रिया धीमी चलने से चयनित पहले से परेशान थे। फिर जिला परिषद स्थापना समिति की बैठक में उनके चयन का अनुमाेदन तो कर दिया गया, लेकिन इसके साथ ही बाहर से डिग्रियां लेकर आए चयनितों के दस्तावेज जांच के लिए डीईओ प्रारंभिक को भेजने से फिर आशंका गहरा गई। इसे लेकर चयनितों का कहना है कि डिग्रियों की जांच कभी भी संभव है, लेकिन इसकी आड़ में नियुक्तियां टलने पर उन्हें नुकसान होगा। युवाओं ने सभी के नियुक्ति आदेश एक साथ और जल्दी कराने की मांग की। दूसरी ओर, इस बारे में सीईओ हर्ष सावनसुखा ने बताया कि डिग्रियों की जांच विभाग की अंदरुनी प्रक्रिया है, इससे नियुक्तियों पर असर नहीं पड़ेगा। विभागीय स्तर पर अभी केवल यही देखा जा रहा है कि डिग्रियां मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय, संस्थानों से है या नहीं। गलत होने पर कभी भी कार्रवाई संभव है। ऐसे में किसी तरह की आशंका नहीं रखनी चाहिए। ब्लॉक स्तर पर अनुमोदन के बाद 6 दिसंबर तक सभी के पदस्थापन आदेश जारी करवा दिए जाएंगे।
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