राजकीयस्कूलों में प्रारम्भिक शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग
द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इन योजनाओं और प्रशिक्षण शिविरों
को लेकर शिक्षक वर्ग गम्भीर नजर नहीं रहा है। इससे सरकारी स्कूलों का
शिक्षा स्तर सुधरने के प्रयासों पर सवाल उठ रहे हैं।
इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को एसआईक्यूई कार्यक्रम के तहत शिक्षा देने के उद्देश्य से जवाजा ब्लॉक तीन स्कूलों में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में दिखाई दिया। दरअसल, शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा 1 से कक्षा 5वीं तक विद्यार्थियों की नींव मजबूत करने के मकसद से एसआईक्यूई कार्यक्रम को शुरू किया गया है। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाया जा सके, लेकिन गुरुवार को विभाग की ओर से जवाजा ब्लॉक के तीन स्कूलों राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जवाजा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय काबरा में सैटेलाइट प्रसारण से शिक्षकों को कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्विति की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में करीब 300 शिक्षकों को भाग लेना था, लेकिन कार्यक्रम में महज आधे शिक्षकों ने ही शिरकत की। ऐसे में शिक्षा विभाग की प्रारम्भिक स्तर की शिक्षा सुधारने की कवायद पूरी होती नहीं दिख रही है। ज्ञात हो कि विभाग ने इसी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छह दिवसीय आवासीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का चार चरणों में आयोजन किया था, जहां शिक्षकों ने पहले चरण में सुविधाओं को लेकर शिविर का विरोध कर हंगामा कर दिया था। जिस के बाद विभाग ने सुविधा के लिए शिविर का आयोजन निजी स्कूल छात्रावास में शिविर का आयोजन करवाया।
इनका कहना है
^एसआईक्यूईकार्यक्रम के तहत जवाजा ब्लॉक के तीन उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सैटेलाइट प्रसारण सुविधा के माध्यम से शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित हुई, लेकिन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जवाजा काबरा में शिक्षकों की संख्या कम रही है तथा इंटरनेट की सुविधा भी बाधित रही। ऐसे में आगामी 28 जून को होने वाली कॉन्फ्रेंस में समस्त शिक्षकों को पाबंद कर अपने निर्धारित स्कूलों में उपस्थित हाेने के लिए आदेशित किया जाएगा। पूरणचंद,आरपी, सर्व शिक्षा अभियान, जवाजा ब्लॉक
ब्यावर. राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान उपस्थित शिक्षक। इधर वीसी के दौरान बाहर बैठी शिक्षिकाएं।
इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को एसआईक्यूई कार्यक्रम के तहत शिक्षा देने के उद्देश्य से जवाजा ब्लॉक तीन स्कूलों में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में दिखाई दिया। दरअसल, शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा 1 से कक्षा 5वीं तक विद्यार्थियों की नींव मजबूत करने के मकसद से एसआईक्यूई कार्यक्रम को शुरू किया गया है। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाया जा सके, लेकिन गुरुवार को विभाग की ओर से जवाजा ब्लॉक के तीन स्कूलों राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जवाजा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय काबरा में सैटेलाइट प्रसारण से शिक्षकों को कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्विति की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में करीब 300 शिक्षकों को भाग लेना था, लेकिन कार्यक्रम में महज आधे शिक्षकों ने ही शिरकत की। ऐसे में शिक्षा विभाग की प्रारम्भिक स्तर की शिक्षा सुधारने की कवायद पूरी होती नहीं दिख रही है। ज्ञात हो कि विभाग ने इसी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छह दिवसीय आवासीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का चार चरणों में आयोजन किया था, जहां शिक्षकों ने पहले चरण में सुविधाओं को लेकर शिविर का विरोध कर हंगामा कर दिया था। जिस के बाद विभाग ने सुविधा के लिए शिविर का आयोजन निजी स्कूल छात्रावास में शिविर का आयोजन करवाया।
इनका कहना है
^एसआईक्यूईकार्यक्रम के तहत जवाजा ब्लॉक के तीन उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सैटेलाइट प्रसारण सुविधा के माध्यम से शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित हुई, लेकिन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जवाजा काबरा में शिक्षकों की संख्या कम रही है तथा इंटरनेट की सुविधा भी बाधित रही। ऐसे में आगामी 28 जून को होने वाली कॉन्फ्रेंस में समस्त शिक्षकों को पाबंद कर अपने निर्धारित स्कूलों में उपस्थित हाेने के लिए आदेशित किया जाएगा। पूरणचंद,आरपी, सर्व शिक्षा अभियान, जवाजा ब्लॉक
ब्यावर. राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान उपस्थित शिक्षक। इधर वीसी के दौरान बाहर बैठी शिक्षिकाएं।
No comments:
Post a Comment