चूरू शिक्षकों की लेटलतीफी
पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने नया तरीका इजाद किया है। स्कूल खुलने के दस
मिनट में अब उपस्थिति रजिस्टर की फोटो एप पर डालनी होगी। इसके बाद
शिक्षकों की हाजिरी हो जाएगी। इसका जिम्मा स्कूल के प्रिंसीपल और
प्रधानाध्यापक का होगा।
शिक्षा मंत्री ने इसे सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। यह व्यवस्था जिले की 254 आदर्श विद्यालयों में लागू होगी। यहां प्रयोग सफल रहने के बाद जिले के समस्त स्कूलों में इस व्यवस्था का विस्तार किया जाएगा। इसमें उपस्थिति रजिस्टर की फोटो भी एप पर दो बार डालनी होगी।
स्कूल खुलने के समय और अंतिम कालांश के बाद स्कूल छोडऩे से पहले दस्तावेज की फोटो जाएगी। इससे सुनिश्चित होगा कि कौन सा शिक्षक या कार्मिक स्कूल में कितने बजे आया और कितने बजे गया।
गौरतलब है कि ग्रीष्मावकाश में चल रहे आवासीय शिक्षक प्रशिक्षणों में बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था की गई थी। शिक्षकों के ठहराव के लिए इस मशीन को प्रशिक्षण स्थल पर लगाया गया था। इसका विरोध होने के बावजूद यह व्यवस्था लागू की गई। प्रशिक्षण में ठहराव का परिणाम बेहतर नजर आया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने यह निर्णय किया गया।
मनमर्जीपर लगेगा अंकुश
शिक्षक आस-पास के स्कूलों में होकर भी समय पर विद्यालय नहीं पहुंचते थे। जब चाहे गए और जब चाहे आ गए। इसके लिए बहाने बनाने से भी बाज नहीं आते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। इसके लिए शिक्षकों निर्धारित समय पर स्कूल पहुंचना ही पड़ेगा। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए विद्यालयों में यह व्यवस्था की जा रही है।
''शिक्षा मंत्री ने हाल ही में चूरू में बैठक ली थी। जिसमें उन्होंने इस प्रकार की व्यवस्था लागू करने के लिए निर्देश दिए थे। इससे शिक्षकों का विद्यालय में ठहराव होगा। लेटलतीफी पर भी अंकुश लगेगा। नए शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था लागू होगी। इसकी तैयारियां की जा रही है।''
गोविन्दसिंह राठौड़, एडीपीसी रमसा, चूरू
शिक्षा मंत्री ने इसे सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। यह व्यवस्था जिले की 254 आदर्श विद्यालयों में लागू होगी। यहां प्रयोग सफल रहने के बाद जिले के समस्त स्कूलों में इस व्यवस्था का विस्तार किया जाएगा। इसमें उपस्थिति रजिस्टर की फोटो भी एप पर दो बार डालनी होगी।
स्कूल खुलने के समय और अंतिम कालांश के बाद स्कूल छोडऩे से पहले दस्तावेज की फोटो जाएगी। इससे सुनिश्चित होगा कि कौन सा शिक्षक या कार्मिक स्कूल में कितने बजे आया और कितने बजे गया।
गौरतलब है कि ग्रीष्मावकाश में चल रहे आवासीय शिक्षक प्रशिक्षणों में बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था की गई थी। शिक्षकों के ठहराव के लिए इस मशीन को प्रशिक्षण स्थल पर लगाया गया था। इसका विरोध होने के बावजूद यह व्यवस्था लागू की गई। प्रशिक्षण में ठहराव का परिणाम बेहतर नजर आया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने यह निर्णय किया गया।
मनमर्जीपर लगेगा अंकुश
शिक्षक आस-पास के स्कूलों में होकर भी समय पर विद्यालय नहीं पहुंचते थे। जब चाहे गए और जब चाहे आ गए। इसके लिए बहाने बनाने से भी बाज नहीं आते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। इसके लिए शिक्षकों निर्धारित समय पर स्कूल पहुंचना ही पड़ेगा। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए विद्यालयों में यह व्यवस्था की जा रही है।
''शिक्षा मंत्री ने हाल ही में चूरू में बैठक ली थी। जिसमें उन्होंने इस प्रकार की व्यवस्था लागू करने के लिए निर्देश दिए थे। इससे शिक्षकों का विद्यालय में ठहराव होगा। लेटलतीफी पर भी अंकुश लगेगा। नए शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था लागू होगी। इसकी तैयारियां की जा रही है।''
गोविन्दसिंह राठौड़, एडीपीसी रमसा, चूरू
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