राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर जारी है और ऐसी झुलसा देने वाले मौसम
में अब स्कूल जाने वाले बच्चे भी परेशान होने लगे हैं. इसी के चलते स्कलों
के समय में बदलाव की मांग उठने लगी है.
पैरेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी के अध्यक्ष दिनेश कांवट ने जहां जयपुर कलेक्टर से तो कई शिक्षक संगठनों ने सरकारी स्कूलों के समय में बदलाव के लिए शिक्षा मंत्री तक से गुहार लगाई है. शिक्षक संघ से जुड़े नारायण सिंह के अनुसार गर्मियों की सीजन में स्कूलों का समय पहले सुबह सात बजे से दोपहर बारह बजे का होता था. लेकिन अब पिछले सत्रों से मौजूदा समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे कर दिया गया है. लिहाजा, दोपहर में स्कूल से बाहर निकलने वाले बच्चों को तपती गर्मी से जूझना पड़ता हैं.
कई सरकारी विद्यालयों में जहां कक्षा एक से चार, छह, सात, नौ और ग्यारह की स्थानीय परीक्षाएं जारी हैं. तो कई स्कूलों में अभी भी कक्षाएं लग रही हैं. परिणाम आए बगैर ही पांचवी, आठवीं और दसवीं के विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में प्रवेश दिया जा रहा हैं. लिहाजा प्रवेश के साथ कक्षाएं भी लगानी पड़ रही हैं. शिक्षकों की माने तो इस गर्मी में परिणाम से पहले दाखिले देकर विद्यार्थियों के लिए परेशानियां बढ़ाई हैं. जिन स्कूल भवनों में बिजली की व्यवस्था नहीं हैं वहां हालात बहुत ज्यादा बुरे हैं. इससे उपस्थिति भी इन दिनों काफी कम हो गई हैं.
पैरेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी के अध्यक्ष दिनेश कांवट ने जहां जयपुर कलेक्टर से तो कई शिक्षक संगठनों ने सरकारी स्कूलों के समय में बदलाव के लिए शिक्षा मंत्री तक से गुहार लगाई है. शिक्षक संघ से जुड़े नारायण सिंह के अनुसार गर्मियों की सीजन में स्कूलों का समय पहले सुबह सात बजे से दोपहर बारह बजे का होता था. लेकिन अब पिछले सत्रों से मौजूदा समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे कर दिया गया है. लिहाजा, दोपहर में स्कूल से बाहर निकलने वाले बच्चों को तपती गर्मी से जूझना पड़ता हैं.
कई सरकारी विद्यालयों में जहां कक्षा एक से चार, छह, सात, नौ और ग्यारह की स्थानीय परीक्षाएं जारी हैं. तो कई स्कूलों में अभी भी कक्षाएं लग रही हैं. परिणाम आए बगैर ही पांचवी, आठवीं और दसवीं के विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में प्रवेश दिया जा रहा हैं. लिहाजा प्रवेश के साथ कक्षाएं भी लगानी पड़ रही हैं. शिक्षकों की माने तो इस गर्मी में परिणाम से पहले दाखिले देकर विद्यार्थियों के लिए परेशानियां बढ़ाई हैं. जिन स्कूल भवनों में बिजली की व्यवस्था नहीं हैं वहां हालात बहुत ज्यादा बुरे हैं. इससे उपस्थिति भी इन दिनों काफी कम हो गई हैं.
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