चूरू । नर्सेज भर्ती 2013 में बोनस अंक देने को लेकर दायर याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक से जवाब तलब किया है। 30 मार्च को दिए आदेश में निदेशक को चार सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिए हैं।
यह था प्रकरण
याचिकाकर्ता भरतीया अस्पताल के नर्सिंगकर्मी आशीष ढाका, किशनसिंह राठौड़, जुरदीपसिंह राठौड़, मनोज व अन्य ने बताया कि सरकार ने 2013 में नर्सिंग ग्रेड द्वितीय भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसके बाद कुछ नए नर्सिंग प्रशिक्षणार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाकर बोनस अंक कम करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने 5, 10 व 15 बोनस अंक देने के आदेश दिए। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 10, 20 व 30 अंक यथावत रखने की मांग की। साथ में नर्सिंगकर्मियों व अन्य ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। कुछ माह बाद सरकार बदल गई और भाजपा सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली और 15773 की जगह 11028 नर्सेज की भर्ती कर ली। लेकिन सभी संवर्ग के संविदाकर्मियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10, 20 व 30 अंक देने के आदेश दे दिए।
इसके बाद इस मामले में फिर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को जवाब-तलब किया है। याचिका की पैरवी अधिवक्ता टवर सिंह राठौड़ व एमएल देवड़ा ने की।
यह था प्रकरण
याचिकाकर्ता भरतीया अस्पताल के नर्सिंगकर्मी आशीष ढाका, किशनसिंह राठौड़, जुरदीपसिंह राठौड़, मनोज व अन्य ने बताया कि सरकार ने 2013 में नर्सिंग ग्रेड द्वितीय भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसके बाद कुछ नए नर्सिंग प्रशिक्षणार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाकर बोनस अंक कम करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने 5, 10 व 15 बोनस अंक देने के आदेश दिए। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 10, 20 व 30 अंक यथावत रखने की मांग की। साथ में नर्सिंगकर्मियों व अन्य ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। कुछ माह बाद सरकार बदल गई और भाजपा सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली और 15773 की जगह 11028 नर्सेज की भर्ती कर ली। लेकिन सभी संवर्ग के संविदाकर्मियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10, 20 व 30 अंक देने के आदेश दे दिए।
इसके बाद इस मामले में फिर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को जवाब-तलब किया है। याचिका की पैरवी अधिवक्ता टवर सिंह राठौड़ व एमएल देवड़ा ने की।
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