भर्तियों में पूर्व सैनिकों के पद पर हो रहे सलेक्शन आवेदन संदेह के दायरे में हैं क्योंकि कई अभ्यर्थियों की उम्र 25 साल ही है. कई पदों पर लड़कियां पूर्व सैनिकों के आरक्षित पद पर सलेक्शन पा रही हैं.
संदेह की सिर्फ दो वजह हैं जिनमें पहली ये है कि सैनिक कोटा तभी मिलता है जब कोई अभ्यर्थी सेना में 15 साल तक नौकरी करे, जबकि सलेक्शन पाने वाले अभ्यर्थियों की उम्र ही 25 साल है. ऐसे में सवाल है कि क्या अभ्यर्थी 10 साल की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे?
भर्तियों में शर्तें जोड़कर छीना जा रहा है पूर्व सैनिकों का आरक्षण
इस पर उठ रहे हैं सवाल
दूसरी वजह लड़कियों का पूर्व सैनिकों के कोटे में सलेक्शन होना है. असल में सैनिक पद पर लड़कियों को मौका ही नहीं मिलता. डीएलबी में हुई क्लर्क सेकंड की भर्ती के सलेक्शन लिस्ट के बाद पूरी भर्ती संदेह के दायरे में गई है. इस भर्ती में 20 से ज्यादा पदों पर पूर्व सैनिकों के सलेक्शन पर सवाल उठ रहे हैं. यह भर्ती फरवरी 2016 में हुई थी. इसी तरह आरपीएससी की प्रस्ताविक सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती में भी कई लड़कियों का आवेदन एक्स सर्विसमैन के कोटे से है. इसी तरह एसआई भर्ती में पूर्व सैनिकों के कोटे में 40 में से 18 पदों पर फीमेल उम्मीदवार हैं.
नहीं मिल रहा आरक्षण
विद्यालय सहायक भर्ती की विज्ञप्ति में पूर्व सैनिकों को 12.5 प्रतिशत का आरक्षण बताया गया, लेकिन विद्यालय अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त जोड़कर आरक्षण से वंचित कर दिया गया. साल 2015 में हुई राजस्थान वन विभाग की वन रक्षक, वनपाल भर्ती में भी 33.33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, लेकिन कई शर्तें जोड़कर यह हक भी छीन लिया. अक्टूबर 2016 में हुई आरपीएससी द्वारा कनिष्ठ लेखाकार भर्ती-2013 में भूतपूर्व सैनिकों को किसी प्रकार का आरक्षण नहीं दिया गया. आरपीएससी की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2016 में भी पूर्व सैनिकों के लिए 40 प्रतिशत न्यूनतम अंक लागू कर और आयु सीमा भी 40 वर्ष का मापदंड लागू किया गया है.
पूर्व सैनिकों के साथ किया जा रहा अन्याय
प्रयोगशाला भर्ती में भी इस मापदंड को लागू किया गया है. ग्राम सेवक एवं छात्रावास अधीक्षक भर्ती में 40 प्रतिशत न्यूनतम अंक की अनावश्यक शर्त लागू की गई. इससे पूर्व सैनिक भर्ती में हिस्सा नहीं ले सके. कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे बैंकिंग भर्तियों में भी लागू नहीं है. पूर्व सैनिकों को 12.5 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. परीक्षाओं में गड़बडिय़ों के साथ अनावश्यक नियम प्रक्रिया लागू कर राज्य के पूर्व सैनिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है. आरपीएससी की सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती अप्रैल में प्रस्तावित है. इस भर्ती के आवेदन पत्रों को सूची देखने के बाद इसमें भी फर्जीवाड़े को लेकर सवाल उठे हैं.
ये लगाया पूर्व सैनिकों ने आरोप
पूर्व सैनिकों का आरोप है कि फीमेल कैटेगरी में 29 महिला उम्मीदवार हैं. इसमें संस्कृत, साइंस, सोशल साइंस हिंदी विषयों में पूर्व सैनिकों के कोटे से आवेदन हुए हैं. इसी तरह एसआई भर्ती में पूर्व सैनिकों के 40 पद हैं, जिनमें से 18 पद पर फीमेल अभ्यर्थी हैं. डीएलबी के क्लर्क सेकंड ग्रेड की भर्ती में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है. सलेक्शन लिस्ट की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारी मिली. इस भर्ती में कई लड़कियों का सलेक्शन पूर्व सैनिकों की कैटेगरी में हुआ है. कई पुरुष अभ्यर्थी कम उम्र में ही सलेक्शन पा गए. अब इसके खिलाफ पूर्व सैनिकों ने आवाज बुलंद करने का फैसला ले लिया है.
सीएम से की जाएगी शिकायत
मंगलवार को बड़ी संख्या में प्रदेशभर के पूर्व सैनिक जयपुर पहुंचने वाले हैं और वे सीएम के सामने सारी स्थिति रखकर मामले में दखल देने की मांग करेंगे. इसी क्रम में झुंझुनूं में भी विभिन्न जगहों से बसों में सवार होकर पूर्व सैनिक जयपुर के लिए रवाना हुए. झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर शहीद स्मारक के सामने से ये बसें रवाना हुई. जिन्हें संघर्ष समिति संयोजक होशियारसिंह, गौरव सैनानी शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजपाल फोगाट, पूर्व सैनिक संगठन के संयोजक कै. मोहनलाल और जिप सदस्य दिनेश सुंडा ने रवाना किया. सुंडा ने आंदोलन में हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन दिया है.
संदेह की सिर्फ दो वजह हैं जिनमें पहली ये है कि सैनिक कोटा तभी मिलता है जब कोई अभ्यर्थी सेना में 15 साल तक नौकरी करे, जबकि सलेक्शन पाने वाले अभ्यर्थियों की उम्र ही 25 साल है. ऐसे में सवाल है कि क्या अभ्यर्थी 10 साल की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे?
भर्तियों में शर्तें जोड़कर छीना जा रहा है पूर्व सैनिकों का आरक्षण
इस पर उठ रहे हैं सवाल
दूसरी वजह लड़कियों का पूर्व सैनिकों के कोटे में सलेक्शन होना है. असल में सैनिक पद पर लड़कियों को मौका ही नहीं मिलता. डीएलबी में हुई क्लर्क सेकंड की भर्ती के सलेक्शन लिस्ट के बाद पूरी भर्ती संदेह के दायरे में गई है. इस भर्ती में 20 से ज्यादा पदों पर पूर्व सैनिकों के सलेक्शन पर सवाल उठ रहे हैं. यह भर्ती फरवरी 2016 में हुई थी. इसी तरह आरपीएससी की प्रस्ताविक सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती में भी कई लड़कियों का आवेदन एक्स सर्विसमैन के कोटे से है. इसी तरह एसआई भर्ती में पूर्व सैनिकों के कोटे में 40 में से 18 पदों पर फीमेल उम्मीदवार हैं.
नहीं मिल रहा आरक्षण
विद्यालय सहायक भर्ती की विज्ञप्ति में पूर्व सैनिकों को 12.5 प्रतिशत का आरक्षण बताया गया, लेकिन विद्यालय अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त जोड़कर आरक्षण से वंचित कर दिया गया. साल 2015 में हुई राजस्थान वन विभाग की वन रक्षक, वनपाल भर्ती में भी 33.33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, लेकिन कई शर्तें जोड़कर यह हक भी छीन लिया. अक्टूबर 2016 में हुई आरपीएससी द्वारा कनिष्ठ लेखाकार भर्ती-2013 में भूतपूर्व सैनिकों को किसी प्रकार का आरक्षण नहीं दिया गया. आरपीएससी की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2016 में भी पूर्व सैनिकों के लिए 40 प्रतिशत न्यूनतम अंक लागू कर और आयु सीमा भी 40 वर्ष का मापदंड लागू किया गया है.
पूर्व सैनिकों के साथ किया जा रहा अन्याय
प्रयोगशाला भर्ती में भी इस मापदंड को लागू किया गया है. ग्राम सेवक एवं छात्रावास अधीक्षक भर्ती में 40 प्रतिशत न्यूनतम अंक की अनावश्यक शर्त लागू की गई. इससे पूर्व सैनिक भर्ती में हिस्सा नहीं ले सके. कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे बैंकिंग भर्तियों में भी लागू नहीं है. पूर्व सैनिकों को 12.5 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. परीक्षाओं में गड़बडिय़ों के साथ अनावश्यक नियम प्रक्रिया लागू कर राज्य के पूर्व सैनिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है. आरपीएससी की सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती अप्रैल में प्रस्तावित है. इस भर्ती के आवेदन पत्रों को सूची देखने के बाद इसमें भी फर्जीवाड़े को लेकर सवाल उठे हैं.
ये लगाया पूर्व सैनिकों ने आरोप
पूर्व सैनिकों का आरोप है कि फीमेल कैटेगरी में 29 महिला उम्मीदवार हैं. इसमें संस्कृत, साइंस, सोशल साइंस हिंदी विषयों में पूर्व सैनिकों के कोटे से आवेदन हुए हैं. इसी तरह एसआई भर्ती में पूर्व सैनिकों के 40 पद हैं, जिनमें से 18 पद पर फीमेल अभ्यर्थी हैं. डीएलबी के क्लर्क सेकंड ग्रेड की भर्ती में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है. सलेक्शन लिस्ट की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारी मिली. इस भर्ती में कई लड़कियों का सलेक्शन पूर्व सैनिकों की कैटेगरी में हुआ है. कई पुरुष अभ्यर्थी कम उम्र में ही सलेक्शन पा गए. अब इसके खिलाफ पूर्व सैनिकों ने आवाज बुलंद करने का फैसला ले लिया है.
सीएम से की जाएगी शिकायत
मंगलवार को बड़ी संख्या में प्रदेशभर के पूर्व सैनिक जयपुर पहुंचने वाले हैं और वे सीएम के सामने सारी स्थिति रखकर मामले में दखल देने की मांग करेंगे. इसी क्रम में झुंझुनूं में भी विभिन्न जगहों से बसों में सवार होकर पूर्व सैनिक जयपुर के लिए रवाना हुए. झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर शहीद स्मारक के सामने से ये बसें रवाना हुई. जिन्हें संघर्ष समिति संयोजक होशियारसिंह, गौरव सैनानी शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजपाल फोगाट, पूर्व सैनिक संगठन के संयोजक कै. मोहनलाल और जिप सदस्य दिनेश सुंडा ने रवाना किया. सुंडा ने आंदोलन में हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन दिया है.
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