भास्कर संवाददाता|बांसवाड़ा माध्यमिकशिक्षा विभाग के शाला दर्पण की ऑनलाइन फीडिंग में गड़बड़ियां सामने आई है। इस सत्र में उत्तीर्ण हुए छात्र छात्राओं की तो सही ढंग से फीडिंग हो पाई है और ही स्कूलों के संस्थाप्रधानों ने शाला दर्पण में आवश्यकतानुसार सुधार किया है।
इसके चलते पूरे जिले के 450 स्कूलों के संस्थाप्रधानों को एक साथ अब यह बताया जाएगा कि जो गलती की है,उसमें सुधार किस तरह से कर सकते हैं। इसको लेकर निदेशालय और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ने 11 नवंबर का दिन तय किया है और इस दिन वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सेमिनार होगी।
विभाग ने इसके पहले इन गलतियों को गंभीरता लेते हुए तत्कालीन निदेशक बीएस स्वर्णकार ने करीब 15 दिन पहले कॉमन नोटिस जारी कर सुधार के निर्देश दिए थे,लेकिन सुधार नजर नहीं आया। हालांकि शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक यहीं स्थिति केवल बांसवाड़ा की है,लेकिन पूरे प्रदेश में भी यही हाल है। इसके चलते विभाग ने प्रदेश की सभी स्कूलों के लिए अलग अलग समय पर यह व्यवस्था की है। ताकि कोई भी गड़बड़ी रहे।
शिक्षा विभाग की स्कूलों की सभी तरह की जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध हो,इसलिए शाला दर्पण के नाम से ऑनलाइन फीडिंग सिस्टम विभाग ने शुरू किया था। जिसमें प्रत्येक स्कूल के बच्चों की संख्या,बच्चों की जानकारी,स्टाफ सहित तमाम जानकारी इस पोर्टल पर ऑनलाइन करनी है। ताकि कोई भी कहीं भी पोर्टल को खोलकर किसी भी स्कूल के संबंध में जानकारी हासिल कर सकता है।
रमसा की उपायुक्त और प्रभारी शाला दर्पण तुलिका सैनी ने बताया कि वीसी में प्रमुख रूप से नवक्रमोन्नत स्कूलों का डेटा और फीडिंग की जानकारी ली जाएगी। साथ ही वास्तविक नामांकन और शाला दर्पण में दर्ज नामांकन में जो अंतर रहा है,उस अंतर के बारे में पूछा जाएगा। इसी तरह से 100 से कम नामांकन वाले स्कूलों की जानकारी,जो माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूलों के आसपास है।
छोटी मोटी जो भी गड़बड़ियां सामने आई है,उसके पीछे वजह यही है कि समय पर ऑनलाइन काम नहीं हो पाया। एक संस्थाप्रधान के मुताबिक दीपावली के अवकाश हो गए। इसके पहले दूसरी गतिविधियों के काम सामने थे। ऐसे में शाला दर्पण के संबंधित काम नहीं हो पाया। हालांकि डीईओ फूलशंकर मीणा का कहना है कि बांसवाड़ा में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं है। और ही ऐसा कोई मामला सामने आया है। हा,कुछ काम जरूर बाकी हो सकता है,जिसे समय पर पूरा करा लिया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इसके चलते पूरे जिले के 450 स्कूलों के संस्थाप्रधानों को एक साथ अब यह बताया जाएगा कि जो गलती की है,उसमें सुधार किस तरह से कर सकते हैं। इसको लेकर निदेशालय और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ने 11 नवंबर का दिन तय किया है और इस दिन वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सेमिनार होगी।
विभाग ने इसके पहले इन गलतियों को गंभीरता लेते हुए तत्कालीन निदेशक बीएस स्वर्णकार ने करीब 15 दिन पहले कॉमन नोटिस जारी कर सुधार के निर्देश दिए थे,लेकिन सुधार नजर नहीं आया। हालांकि शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक यहीं स्थिति केवल बांसवाड़ा की है,लेकिन पूरे प्रदेश में भी यही हाल है। इसके चलते विभाग ने प्रदेश की सभी स्कूलों के लिए अलग अलग समय पर यह व्यवस्था की है। ताकि कोई भी गड़बड़ी रहे।
शिक्षा विभाग की स्कूलों की सभी तरह की जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध हो,इसलिए शाला दर्पण के नाम से ऑनलाइन फीडिंग सिस्टम विभाग ने शुरू किया था। जिसमें प्रत्येक स्कूल के बच्चों की संख्या,बच्चों की जानकारी,स्टाफ सहित तमाम जानकारी इस पोर्टल पर ऑनलाइन करनी है। ताकि कोई भी कहीं भी पोर्टल को खोलकर किसी भी स्कूल के संबंध में जानकारी हासिल कर सकता है।
रमसा की उपायुक्त और प्रभारी शाला दर्पण तुलिका सैनी ने बताया कि वीसी में प्रमुख रूप से नवक्रमोन्नत स्कूलों का डेटा और फीडिंग की जानकारी ली जाएगी। साथ ही वास्तविक नामांकन और शाला दर्पण में दर्ज नामांकन में जो अंतर रहा है,उस अंतर के बारे में पूछा जाएगा। इसी तरह से 100 से कम नामांकन वाले स्कूलों की जानकारी,जो माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूलों के आसपास है।
छोटी मोटी जो भी गड़बड़ियां सामने आई है,उसके पीछे वजह यही है कि समय पर ऑनलाइन काम नहीं हो पाया। एक संस्थाप्रधान के मुताबिक दीपावली के अवकाश हो गए। इसके पहले दूसरी गतिविधियों के काम सामने थे। ऐसे में शाला दर्पण के संबंधित काम नहीं हो पाया। हालांकि डीईओ फूलशंकर मीणा का कहना है कि बांसवाड़ा में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं है। और ही ऐसा कोई मामला सामने आया है। हा,कुछ काम जरूर बाकी हो सकता है,जिसे समय पर पूरा करा लिया जाएगा।
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