भास्कर संवाददाता | बाड़मेर राज्यमें शिक्षक भर्ती 2013 में गृह जिलों में पदस्थापित हुए शिक्षकों
को रिलीव करने में शिक्षा विभाग के अफसरों की कारगुजारी सामने आई है।
हाईकोर्ट जोधपुर के निर्देश पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर
से सभी जिलों के सीईओ को जारी किए गए सर्कुलर की बीईईओ ने पालना नहीं करते
हुए मर्जी से करीब 5000 शिक्षकों को रिलीव कर दिया।
यह मामला प्रकाश में आने पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईओ को पत्र भेजकर गृह जिलों में पदस्थापित शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। बाड़मेर में 200 शिक्षकों को नियम विरुद्ध रिलीव करने के मामले में डीईओ ने सभी बीईईओ से संबंधित शिक्षकों का रिकार्ड तलब करने के साथ लापरवाही बरतने वाले शिव, सिणधरी, धोरीमन्ना चौहटन बीईईओ को चार्जशीट जारी करने के आदेश दिए हैं। शिक्षक भर्ती 2012 में विभिन्न जिलों में कार्यरत शिक्षकों ने भर्ती 2013 की परीक्षा दी और उनका जिलों में चयन हो गया। राजस्थान पंचायतीराज के सेवा अधिनियम के तहत समान पद पर चयन होने पर कर्मचारी को पूर्व में दी गई सेवाओं का परिलाभ देने का प्रावधान नहीं है। इस लिहाज से गृह जिलों में चयनित हुए शिक्षकों को इस शर्त पर रिलीव करना था कि उन्हें पूर्व के कार्यकाल की सेवाएं वेतनवृद्धि, फिक्सेशन, नियमितिकरण का परिलाभ नहीं मिलेगा। इसकी पालना करने पर पूर्व की सेवाएं स्वतः ही समाप्त मानी जाकर नियोक्ता को नए स्थान पर नियुक्ति तिथि से वेतन देने का प्रावधान था।
नियमों को ताक पर रखते हुए करीब दस से अधिक जिलों के बीईईओ ने आनन-फानन में शिक्षकों को बिना शर्त के रिलीव कर दिया। इसके चलते उनकी पूर्व में नियुक्त स्थान की सेवाएं समाप्त होने की बजाय निरंतर जारी रहने से सभी प्रकार के परिलाभ मिल रहे हैं। इसका फायदा उन्हें सेवानिवृत होने तक मिलेगा। इससे सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी। यह मामला प्रकाश में आने पर निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर ने सभी डीईओ को 2013 की शिक्षक भर्ती के बाद रिलीव किए गए शिक्षकों को रिलीव करने के मामले की जांच के आदेश दिए है।
मामला गंभीर है जांच करवाएंगे
^शिक्षकभर्ती 2012 के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों का 2013 की भर्ती में गृह जिले में चयन होने पर नियम विरुद्ध रिलीव करने का मामला गंभीर है। इस प्रकरण की जांच करवाकर दोषी पाए गए अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। -आनंदकुमार, शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की स्थाई समिति ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार 2 सितंबर 2015 को सभी जिला परिषद के सीईओ को सर्कुलर जारी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के नियोक्ता तथा चयन अधिकारी वर्तमान में भर्ती 2013 के अंतर्गत चयन के नियोक्ता तथा चयन अधिकारी भिन्न-भिन्न है तथा सेवा नियमों में पूर्व की समान पद पर की गई सेवाओं का परिलाभ देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट नियोक्ता को इस शर्त के साथ रिलीव होने की अनुमति दी जा सकती है कि उन्हें अन्य परिलाभ तथा पूर्व नियोक्ता के अधीन सेवाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
उच्च न्यायालय जोधपुर में शिक्षकों ने रिलीव नहीं करने के मामले को लेकर याचिकाएं दायर करवाई। इस पर कोर्ट ने 22 मई को फैसला सुनाते हुए कहा कि चयनित शिक्षकों को कार्यमुक्त कर नए स्थान पर उनकी वरिष्ठता कार्यग्रहण की तिथि से मानी जाएगी। उनकी सेवाओं का नियमितिकरण, वेतन वृद्धि आदी के लिए संबंधित सेवा नियमों के अनुसार कार्य के निर्देश दिए।
नियम विरुद्ध रिलीव होने वाले पचास फीसदी शिक्षक जयपुर, अलवर, दौसा, सीकर, भरतपुर, झूंझनू, हनुमानगढ़, कोटा, जोधपुर नागौर के शामिल है। इन जिलों के अभ्यर्थियों का शिक्षक भर्ती 2012 में अन्य जिलों में चयन हुआ। एक साल तक नौकरी करने के बाद 2013 की शिक्षक भर्ती में गृह जिलों में चयन होने पर नियम विरुद्ध रिलीव हो गए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यह मामला प्रकाश में आने पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईओ को पत्र भेजकर गृह जिलों में पदस्थापित शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। बाड़मेर में 200 शिक्षकों को नियम विरुद्ध रिलीव करने के मामले में डीईओ ने सभी बीईईओ से संबंधित शिक्षकों का रिकार्ड तलब करने के साथ लापरवाही बरतने वाले शिव, सिणधरी, धोरीमन्ना चौहटन बीईईओ को चार्जशीट जारी करने के आदेश दिए हैं। शिक्षक भर्ती 2012 में विभिन्न जिलों में कार्यरत शिक्षकों ने भर्ती 2013 की परीक्षा दी और उनका जिलों में चयन हो गया। राजस्थान पंचायतीराज के सेवा अधिनियम के तहत समान पद पर चयन होने पर कर्मचारी को पूर्व में दी गई सेवाओं का परिलाभ देने का प्रावधान नहीं है। इस लिहाज से गृह जिलों में चयनित हुए शिक्षकों को इस शर्त पर रिलीव करना था कि उन्हें पूर्व के कार्यकाल की सेवाएं वेतनवृद्धि, फिक्सेशन, नियमितिकरण का परिलाभ नहीं मिलेगा। इसकी पालना करने पर पूर्व की सेवाएं स्वतः ही समाप्त मानी जाकर नियोक्ता को नए स्थान पर नियुक्ति तिथि से वेतन देने का प्रावधान था।
नियमों को ताक पर रखते हुए करीब दस से अधिक जिलों के बीईईओ ने आनन-फानन में शिक्षकों को बिना शर्त के रिलीव कर दिया। इसके चलते उनकी पूर्व में नियुक्त स्थान की सेवाएं समाप्त होने की बजाय निरंतर जारी रहने से सभी प्रकार के परिलाभ मिल रहे हैं। इसका फायदा उन्हें सेवानिवृत होने तक मिलेगा। इससे सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी। यह मामला प्रकाश में आने पर निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर ने सभी डीईओ को 2013 की शिक्षक भर्ती के बाद रिलीव किए गए शिक्षकों को रिलीव करने के मामले की जांच के आदेश दिए है।
मामला गंभीर है जांच करवाएंगे
^शिक्षकभर्ती 2012 के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों का 2013 की भर्ती में गृह जिले में चयन होने पर नियम विरुद्ध रिलीव करने का मामला गंभीर है। इस प्रकरण की जांच करवाकर दोषी पाए गए अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। -आनंदकुमार, शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की स्थाई समिति ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार 2 सितंबर 2015 को सभी जिला परिषद के सीईओ को सर्कुलर जारी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के नियोक्ता तथा चयन अधिकारी वर्तमान में भर्ती 2013 के अंतर्गत चयन के नियोक्ता तथा चयन अधिकारी भिन्न-भिन्न है तथा सेवा नियमों में पूर्व की समान पद पर की गई सेवाओं का परिलाभ देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट नियोक्ता को इस शर्त के साथ रिलीव होने की अनुमति दी जा सकती है कि उन्हें अन्य परिलाभ तथा पूर्व नियोक्ता के अधीन सेवाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
उच्च न्यायालय जोधपुर में शिक्षकों ने रिलीव नहीं करने के मामले को लेकर याचिकाएं दायर करवाई। इस पर कोर्ट ने 22 मई को फैसला सुनाते हुए कहा कि चयनित शिक्षकों को कार्यमुक्त कर नए स्थान पर उनकी वरिष्ठता कार्यग्रहण की तिथि से मानी जाएगी। उनकी सेवाओं का नियमितिकरण, वेतन वृद्धि आदी के लिए संबंधित सेवा नियमों के अनुसार कार्य के निर्देश दिए।
नियम विरुद्ध रिलीव होने वाले पचास फीसदी शिक्षक जयपुर, अलवर, दौसा, सीकर, भरतपुर, झूंझनू, हनुमानगढ़, कोटा, जोधपुर नागौर के शामिल है। इन जिलों के अभ्यर्थियों का शिक्षक भर्ती 2012 में अन्य जिलों में चयन हुआ। एक साल तक नौकरी करने के बाद 2013 की शिक्षक भर्ती में गृह जिलों में चयन होने पर नियम विरुद्ध रिलीव हो गए।
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