अजमेर 16 अक्टूबर। शिक्षामंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि अगले
शिक्षा सत्र से कक्षा 10 व 12 के नये पाठ्यक्रम के माध्यम से वर्ष 1975 में
लागू किये गये आपातकाल के दौरान 19 महीनों में रही लोकतंत्र की स्थिति,
चुनाव साक्षरता और नागरिक सुरक्षा से जुडे़ विभिन्न पहलुओं से
विद्यार्थियों को अवगत कराया जायेगा।
एन.सी.सी. व स्काउड के माध्यम से स्कूली बच्चों को नागरिक सुरक्षा की टेªनिंग भी दी जायेगी। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि चाईनिज पटाखों और लाईटिंग का बहिष्कार करे ताकि पाकिस्तान को चीन द्वारा दिये जा रहे आर्थिक सहयोग पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सका।
प्रो. देवनानी रविवार को राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सृजनात्मक प्रतियोगिताओं के समापन समरोह में विजेयी प्रतियोगियों का पुरस्कार वितरित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सन् 1975 में आपातकाल के दौरान जिस तरह देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का हृास हुआ उससे देश की भावी पीढ़ी को अवगत कराना इसलिए जरूरी है ताकि कोई चुनी हुई सरकार लोकतंत्र के साथ दुबारा खिलवाड़ न कर सकें। चीन और पाकिस्तान द्वारा की जा रही नापाक हरकतों को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान के विद्यार्थी को नागरिक सुरक्षा की जानकारी के माध्यम से इस प्रदेश का प्रहरी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बोर्ड को निर्देश दिये कि नई पाठ्यक्रम की पुस्तकों के लेखन का कार्य आगामी 15 नवम्बर तक पूरा कर लिया जाये।
शिक्षामंत्री ने कहा कि राजस्थान बोर्ड देश के अन्य बोर्डों की तरह मात्र स्कूली विद्यार्थियों की परीक्षा देने वाला संस्थान नहीं है अपितु विद्यार्थियों और शिक्षकों के सर्वांगीण विकास की दिशा में ठोस कार्य कर रहा है। आजादी के पश्चात् राजस्थान में अजमेर राज्य के जिले के समय अजमेर को सौगात के रूप में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिया गया था। उस समय की अवधारणा को राजस्थान बोर्ड अपनी सुचारू परीक्षा व्यवस्था के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा सौंपे गये अन्य दायित्व भी बाखूबी निभा रहा है। देश भर में राजस्थान बोर्ड की कार्यप्रणाली और परीक्षाओं की गुणवत्ता अव्वल दर्जें की मानी जाती है। यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थी की सोच को सकारात्मक बनाये। हर बच्चे में एक विशेष गुण होता है। अध्यापक का दायित्व है कि वे इस विशिष्ट गुण को पहचान कर उसे तराशे। उन्होंने कहा कि एक ही अध्यापक से पढ़ने वाला उसी कक्षा का बच्चा मेरिट में भी आता है और फेल भी होता है। विद्यार्थी के फेल होने का करण उसमें एकाग्रता का अभाव और नकारात्मता का भाव है। अध्यापकों को बच्चों के मन, बुद्धि और मस्तिष्क से नकारात्मता भाव दूर करने के लिए उनकी सोच में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में ठोस पहल करनी होगी।
प्रो. देवनानी ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष चाईनिज माल का 50 हजार करोड़ का व्यापार होता है। विद्यार्थी अपने परिवार को प्रेरित करे कि चाईनिज माल को न खरीद कर चीन द्वारा पाकिस्तान को दिये जा रहे नापाक सहयोग पर आर्थिक चोट की जाये। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग भी अपने लिये खरीदारी करते समय चाईनिज सामान से पूर्णतयाः परहेज करे।
राजस्थान बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा कि विद्यार्थी में छुपी प्रतिभा के लिए उसे छोटी उम्र में मंच मुहैया कराना जरूरी है। शिक्षक को ऐसे विद्यार्थियों को समाज के आगे लाना होगा जो मौके और मंच के अभाव में जिनकी प्रतिभायें दब गई हो। कर्मशील और सर्वगुण सम्पन्न युवाओं का निर्माण करना शिक्षकों का ही दायित्व है। भारत का टेक्नोलॉजी और संचार प्रौद्योगिकी में विश्व में डंका बज रहा है परन्तु बचपन पर भी टेक्नोलॉजी का प्रभाव हावी हो रहा है। बच्चा छोटी उम्र से इन्टरनेट और मोबाइल के जाल में फंसकर गायन, चित्रकला और आउडोर गेम्स जैसी विधाओं से दूर हो गया है। राजस्थान बोर्ड बचपन की इन्हीं विधाओं को विद्यार्थियों में जीवन्त करने के लिए कटिबद्ध है। इसी दृष्टि से बोर्ड द्वारा अपने से संबद्ध लगभग 30 हजार विद्यालयों को ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर गायन, निबन्ध, चित्रकला, आशुभाषण और क्विज जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ज्ञानप्रभा उ.मा.वि. डीडवाना की कु. अनीशा मीणा द्वितीय स्थान पर रा. आदर्श बा. उ.मा.वि. शाहपीनी, हनुमानगढ़ की अमनदीप व तृतीय स्थान पर रा.उ.मा.वि., बिछिवाड़ा, डूंगरपुर के हेमन्त कुमार। आशुभाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, छापड (चुरू) की नाजमीन माठीयार द्वितीय स्थान पर आदर्श रा.उ.मा.विद्यालय, उम्मेदपुर (जालोर) की कु. खुशबु कंवर और तृतीय स्थान पर पायोनियर उ.मा.विद्यालय, प्रतापुर (बासंवाड़ा) के यश व्यास। क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, सैती (चित्तौडगढ़) के मनोज शर्मा द्वितीय स्थान पर रा.बा.उ.मा.विद्यालय, हनुमानगढ़ जक्शन की कु. ललिता और तृतीय स्थान पर रा. उ.मा.विद्यालय, गुमानपुरा (दौसा) के राधामोहन महावर रहे। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.नगर .मा.विद्यालय, बांसवाड़ा की कु. शिफा हुसैन द्वितीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, अरनिया खेड़ा (भीलवाड़ा) के राजकुमार माली और तृतीय स्थान पर रा. बा.उ.मा.विद्यालय, तलवंडी, कोटा की कु. निशा प्रजापति रही। एकलगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, छापड़ (चुरू) के जय कुमार चौहान द्वितीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, प्रतापनगर (भीलवाड़ा) के दिलीप कुमार ढोली और तृतीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, सागवाड़ा जिला डूंगरपुर के भावेश खींची रहे।
प्रारम्भ में बोर्ड की विशेषाधिकारी श्रीमती प्रिया भार्गव ने आगुन्तकों का स्वागत किया। बोर्ड के सहायक निदेशक डॉ. मनोज उपाध्याय ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और अन्त में विद्यालय के प्राचार्य बिरदीचंद गहलोत ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का संचालन राजकीय बालिका सीनियर सैकण्डरी स्कूल की प्राचार्या श्रीमती वृर्त्तिका शर्मा ने किया।
– राजेन्द्र गुप्ता, उप निदेशक (जनसम्पर्क)
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एन.सी.सी. व स्काउड के माध्यम से स्कूली बच्चों को नागरिक सुरक्षा की टेªनिंग भी दी जायेगी। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि चाईनिज पटाखों और लाईटिंग का बहिष्कार करे ताकि पाकिस्तान को चीन द्वारा दिये जा रहे आर्थिक सहयोग पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सका।
प्रो. देवनानी रविवार को राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सृजनात्मक प्रतियोगिताओं के समापन समरोह में विजेयी प्रतियोगियों का पुरस्कार वितरित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सन् 1975 में आपातकाल के दौरान जिस तरह देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का हृास हुआ उससे देश की भावी पीढ़ी को अवगत कराना इसलिए जरूरी है ताकि कोई चुनी हुई सरकार लोकतंत्र के साथ दुबारा खिलवाड़ न कर सकें। चीन और पाकिस्तान द्वारा की जा रही नापाक हरकतों को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान के विद्यार्थी को नागरिक सुरक्षा की जानकारी के माध्यम से इस प्रदेश का प्रहरी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बोर्ड को निर्देश दिये कि नई पाठ्यक्रम की पुस्तकों के लेखन का कार्य आगामी 15 नवम्बर तक पूरा कर लिया जाये।
शिक्षामंत्री ने कहा कि राजस्थान बोर्ड देश के अन्य बोर्डों की तरह मात्र स्कूली विद्यार्थियों की परीक्षा देने वाला संस्थान नहीं है अपितु विद्यार्थियों और शिक्षकों के सर्वांगीण विकास की दिशा में ठोस कार्य कर रहा है। आजादी के पश्चात् राजस्थान में अजमेर राज्य के जिले के समय अजमेर को सौगात के रूप में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिया गया था। उस समय की अवधारणा को राजस्थान बोर्ड अपनी सुचारू परीक्षा व्यवस्था के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा सौंपे गये अन्य दायित्व भी बाखूबी निभा रहा है। देश भर में राजस्थान बोर्ड की कार्यप्रणाली और परीक्षाओं की गुणवत्ता अव्वल दर्जें की मानी जाती है। यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थी की सोच को सकारात्मक बनाये। हर बच्चे में एक विशेष गुण होता है। अध्यापक का दायित्व है कि वे इस विशिष्ट गुण को पहचान कर उसे तराशे। उन्होंने कहा कि एक ही अध्यापक से पढ़ने वाला उसी कक्षा का बच्चा मेरिट में भी आता है और फेल भी होता है। विद्यार्थी के फेल होने का करण उसमें एकाग्रता का अभाव और नकारात्मता का भाव है। अध्यापकों को बच्चों के मन, बुद्धि और मस्तिष्क से नकारात्मता भाव दूर करने के लिए उनकी सोच में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में ठोस पहल करनी होगी।
प्रो. देवनानी ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष चाईनिज माल का 50 हजार करोड़ का व्यापार होता है। विद्यार्थी अपने परिवार को प्रेरित करे कि चाईनिज माल को न खरीद कर चीन द्वारा पाकिस्तान को दिये जा रहे नापाक सहयोग पर आर्थिक चोट की जाये। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग भी अपने लिये खरीदारी करते समय चाईनिज सामान से पूर्णतयाः परहेज करे।
राजस्थान बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा कि विद्यार्थी में छुपी प्रतिभा के लिए उसे छोटी उम्र में मंच मुहैया कराना जरूरी है। शिक्षक को ऐसे विद्यार्थियों को समाज के आगे लाना होगा जो मौके और मंच के अभाव में जिनकी प्रतिभायें दब गई हो। कर्मशील और सर्वगुण सम्पन्न युवाओं का निर्माण करना शिक्षकों का ही दायित्व है। भारत का टेक्नोलॉजी और संचार प्रौद्योगिकी में विश्व में डंका बज रहा है परन्तु बचपन पर भी टेक्नोलॉजी का प्रभाव हावी हो रहा है। बच्चा छोटी उम्र से इन्टरनेट और मोबाइल के जाल में फंसकर गायन, चित्रकला और आउडोर गेम्स जैसी विधाओं से दूर हो गया है। राजस्थान बोर्ड बचपन की इन्हीं विधाओं को विद्यार्थियों में जीवन्त करने के लिए कटिबद्ध है। इसी दृष्टि से बोर्ड द्वारा अपने से संबद्ध लगभग 30 हजार विद्यालयों को ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर गायन, निबन्ध, चित्रकला, आशुभाषण और क्विज जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ज्ञानप्रभा उ.मा.वि. डीडवाना की कु. अनीशा मीणा द्वितीय स्थान पर रा. आदर्श बा. उ.मा.वि. शाहपीनी, हनुमानगढ़ की अमनदीप व तृतीय स्थान पर रा.उ.मा.वि., बिछिवाड़ा, डूंगरपुर के हेमन्त कुमार। आशुभाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, छापड (चुरू) की नाजमीन माठीयार द्वितीय स्थान पर आदर्श रा.उ.मा.विद्यालय, उम्मेदपुर (जालोर) की कु. खुशबु कंवर और तृतीय स्थान पर पायोनियर उ.मा.विद्यालय, प्रतापुर (बासंवाड़ा) के यश व्यास। क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, सैती (चित्तौडगढ़) के मनोज शर्मा द्वितीय स्थान पर रा.बा.उ.मा.विद्यालय, हनुमानगढ़ जक्शन की कु. ललिता और तृतीय स्थान पर रा. उ.मा.विद्यालय, गुमानपुरा (दौसा) के राधामोहन महावर रहे। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.नगर .मा.विद्यालय, बांसवाड़ा की कु. शिफा हुसैन द्वितीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, अरनिया खेड़ा (भीलवाड़ा) के राजकुमार माली और तृतीय स्थान पर रा. बा.उ.मा.विद्यालय, तलवंडी, कोटा की कु. निशा प्रजापति रही। एकलगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, छापड़ (चुरू) के जय कुमार चौहान द्वितीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, प्रतापनगर (भीलवाड़ा) के दिलीप कुमार ढोली और तृतीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, सागवाड़ा जिला डूंगरपुर के भावेश खींची रहे।
प्रारम्भ में बोर्ड की विशेषाधिकारी श्रीमती प्रिया भार्गव ने आगुन्तकों का स्वागत किया। बोर्ड के सहायक निदेशक डॉ. मनोज उपाध्याय ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और अन्त में विद्यालय के प्राचार्य बिरदीचंद गहलोत ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का संचालन राजकीय बालिका सीनियर सैकण्डरी स्कूल की प्राचार्या श्रीमती वृर्त्तिका शर्मा ने किया।
– राजेन्द्र गुप्ता, उप निदेशक (जनसम्पर्क)
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