धौलपुर । शिक्षकों के टोटे से जूझ रहे प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सेवानिवृत्त शिक्षक भी ढूंढे से भी नहीं मिल रहे हैं। इससे स्कूलों में शिक्षकों की पूर्ति करने के ये प्रयास भी नाकाम साबित हो रहे हैं। राज्य सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग को संविदा पर सेवानिवृत्त शिक्षक लगाने के आदेश दिए।
इस पर विभाग ने 15 सितम्बर को सेवानिवृत्त अध्यापकों से आवेदन मांगे, लेकिन तीस सितम्बर तक मात्र 41 आवेदन आए। इनमें से तैंतीस शिक्षकों को ही स्कूलों में लगाया गया है। जबकि जिले में प्रारम्भिक शिक्षा में करीब 1800 शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी चिंतित हैं। इन अध्यापकों को ऐसे स्कूलों में लगाया गया है, जहां शिक्षकों की अधिक कमी है और वे शिक्षकों के निवास के पास हैं। इन शिक्षकों को संत्रांत या फिर नई भर्ती होने तक के लिए लगाया गया है।
लेकिन 1800 रिक्त पदों के मुकाबले 33 शिक्षकों का पदस्थापन ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी भी सेवानिवृत्त अध्यापकों का इंतजार कर रहे हैं। इन शिक्षकों को रिटायर के समय मिलने वाली पे-स्केल के हिसाब से 12 से 15 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। इन शिक्षकों में लेवल-1 तथा लेवल-2 दोनों स्तर के शिक्षक शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षा विभाग ने 65 वर्ष आयु वर्ग के सेवानिवृत्त शिक्षकों से ही आवेदन आमंत्रित किए हैं।
किस ब्लॉक में कितने शिक्षक
जिले के पांच ब्लॉक में सेवानिवृत्त अध्यापकों को लगाया गया है। इनमें से धौलपुर में 11, सैंपऊ में 6, बसेड़ी में 5, बाड़ी में 9 तथा राजाखेड़ा में 2 शिक्षकों को लगाया गया है। शेष आवेदनों में पूर्ण जानकारी व सम्पर्क सूत्र नहीं होने के कारण उन्हें लम्बित रखा गया है।
आए दिन होते हैं प्रदर्शन
जिले के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण आए दिन विद्यार्थी तथा ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कई स्कूलों में तो तालाबंदी भी हो चुकी है। दूसरी ओर शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई में व्यवधान आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में तो कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों से बच्चों की टीसी कटवाकर सरकारी स्कूलों में भर्ती कराया था। जिससे उच्च शिक्षित अध्यापकों द्वारा पढ़ाई कराई जा सके, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद अब अभिभावकों पर भी भारी पड़ रहे हैं।
श्वेतसिंह मेहता जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक धौलपुर ने बताया कि जिले के स्कूलोंं में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए सेवानिवृत्त अध्यापकों से आवेदन मांगे गए थे। लेकिन अभी तक मात्र 41 आवेदन आए हैं, इनमें से 33 को स्कूलों में लगा दिया है। स्कूलों में करीब 1800 पद खाली है। जिससे पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इस पर विभाग ने 15 सितम्बर को सेवानिवृत्त अध्यापकों से आवेदन मांगे, लेकिन तीस सितम्बर तक मात्र 41 आवेदन आए। इनमें से तैंतीस शिक्षकों को ही स्कूलों में लगाया गया है। जबकि जिले में प्रारम्भिक शिक्षा में करीब 1800 शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी चिंतित हैं। इन अध्यापकों को ऐसे स्कूलों में लगाया गया है, जहां शिक्षकों की अधिक कमी है और वे शिक्षकों के निवास के पास हैं। इन शिक्षकों को संत्रांत या फिर नई भर्ती होने तक के लिए लगाया गया है।
लेकिन 1800 रिक्त पदों के मुकाबले 33 शिक्षकों का पदस्थापन ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी भी सेवानिवृत्त अध्यापकों का इंतजार कर रहे हैं। इन शिक्षकों को रिटायर के समय मिलने वाली पे-स्केल के हिसाब से 12 से 15 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। इन शिक्षकों में लेवल-1 तथा लेवल-2 दोनों स्तर के शिक्षक शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षा विभाग ने 65 वर्ष आयु वर्ग के सेवानिवृत्त शिक्षकों से ही आवेदन आमंत्रित किए हैं।
किस ब्लॉक में कितने शिक्षक
जिले के पांच ब्लॉक में सेवानिवृत्त अध्यापकों को लगाया गया है। इनमें से धौलपुर में 11, सैंपऊ में 6, बसेड़ी में 5, बाड़ी में 9 तथा राजाखेड़ा में 2 शिक्षकों को लगाया गया है। शेष आवेदनों में पूर्ण जानकारी व सम्पर्क सूत्र नहीं होने के कारण उन्हें लम्बित रखा गया है।
आए दिन होते हैं प्रदर्शन
जिले के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण आए दिन विद्यार्थी तथा ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कई स्कूलों में तो तालाबंदी भी हो चुकी है। दूसरी ओर शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई में व्यवधान आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में तो कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों से बच्चों की टीसी कटवाकर सरकारी स्कूलों में भर्ती कराया था। जिससे उच्च शिक्षित अध्यापकों द्वारा पढ़ाई कराई जा सके, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद अब अभिभावकों पर भी भारी पड़ रहे हैं।
श्वेतसिंह मेहता जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक धौलपुर ने बताया कि जिले के स्कूलोंं में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए सेवानिवृत्त अध्यापकों से आवेदन मांगे गए थे। लेकिन अभी तक मात्र 41 आवेदन आए हैं, इनमें से 33 को स्कूलों में लगा दिया है। स्कूलों में करीब 1800 पद खाली है। जिससे पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है।
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