मत्स्य यूनिवर्सिटी का दूसरा चौंकाने वाला नतीजा सोमवार को जारी हुआ। कला प्रथम वर्ष के रिजल्ट में नियमित स्वयंपाठी विद्यार्थियों को मिलाकर कुल 23.94 फीसदी विद्यार्थी ही पास हो पाए हैं। 32446 विद्यार्थियों में महज 7775 ही पास हुए है। कॉमर्स के बाद यह दूसरा रिजल्ट है जिसमें सिर्फ कॉलेज बल्कि खुद यूनिवर्सिटी भी फेल दिखाई दे रही है।
दोनों ही पास होने के लिए न्यूनतम 33 फीसदी अंक भी बच्चों को नहीं दिला पाए। बीए के रिजल्ट के बाद कॉलेजों में नियमित पढ़ाई पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बीएससी,बीकॉम के बाद बीए का रिजल्ट भी सवालों के दायरे में गया है। राजस्थान यूनिवर्सिटी से अलग होने के बाद यह पहली बार है,जब कई कॉलेजों का परिणाम 10 फीसदी तक सिमट गया। यूनिवर्सिटी परीक्षा नियंत्रक सप्तेश कुमार ने बताया कि बीए प्रथम वर्ष में 20 हजार 326 ने नियमित के रूप में परीक्षा दी थी। इनमें से 5 हजार 845 उत्तीर्ण हुए। जो महज 28.75 फीसदी है। 4850 को द्वितीय वर्ष में प्रवेश के योग्य घोषित किया गया। इस प्रकार कुल 20 हजार 326 में से 10 हजार 695 ही पास द्वितीय वर्ष के योग्य पाए गए। वहीं 12 हजार 120 विद्यार्थी स्वयंपाठी के रूप में परीक्षा में शामिल हुए इनमें से 1930 ही पास हो पाए जो कि कुल का 15.92 प्रतिशत है। 3405 को द्वितीय वर्ष में प्रवेश के योग्य माना गया है। स्वयंपाठी विद्यार्थियों में 1500 विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित होने के कारण अनुत्तीर्ण घोषित किए गए हैं।
रिजल्ट में विद्यार्थियों के साथ यूनिवर्सिटी कॉलेजों के फेल होने का मामला सिर्फ अलवर का ही नहीं है। मत्स्य यूनिवर्सिटी के साथ इस साल अस्तित्व में आई बृज और शेखावाटी यूनिवर्सिटी के हालात भी ऐसे ही हैं। फेल होने वालों की बड़ी संख्या तीनों यूनिवर्सिटी में है। शेखावाटी यूनिवर्सिटी के अब तक 13 नतीजे आए हैं। 99 हजार 890 विद्यार्थियों में से 59 हजार फेल हो गए। यानि 59.15 फीसदी फेल हो गए। राजस्थान यूनिवर्सिटी से अलग होने के बाद यह पहली बार है,जब कई कॉलेजों का परिणाम 10 फीसदी तक सिमट गया।
फर्म:एक्सपर्टके अनुसार रिजल्ट ऑनलाइन डालने वाली फर्म के स्तर पर भी गड़बड़ी हो सकती है। यूनिवर्सिटी को जांच टीम बनाकर पता करना चाहिए कि फर्म के स्तर पर तो गड़बड़ी नहीं हुई। उत्तर पुस्तिकाएं जांचने में देरी हुई थी। ऐसे में फर्म पर भी दबाव हो सकता है कि रिजल्ट जल्द अपलोड किया जाए।
व्याख्याता:अलवरके अलावा अन्य जिलों के व्याख्याताओं को भी कॉपियां भेजी गई। यूनिवर्सिटी के निर्देश थे कि प्राइवेट कॉलेजों के व्याख्याताओं को कॉपी देने के लिए यह सर्टिफिकेट लेना था कि उसके पांच साल का अनुभव है। जांच होनी चाहिए कि कम अनुभव वालों को तो उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दी गई।
1.पुनर्मूल्यांकन
इसमेंविश्वविद्यालय के छात्र की उत्तर पुस्तिका की जांच दोबारा होगी। यदि अंकों में 20 फीसदी से ज्यादा का अंतर सामने आता है तो थर्ड एक्जामिनर से ही जांच कराई जाती है।
2.आरटीआई
अभ्यर्थीको अधिकार है कि वह आरटीआई लगाते हुए उत्तर पुस्तिका की कॉपी मांग सकता है। वहीं,उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करते हुए देख सकता है कि अंक सही हैं या नहीं।
^12वीं मे मैरिट और उसके नजदीक रहने वालों को फेल किया जाना,अपने में ही सवाल है। जांच जरूरी है। मुकेश,छात्र
^यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों से धोखा कर रही है और पैसा एंठने के चक्कर में है। पुनर्मूल्यांकन कराना हर किसी के बस की बात नहीं। छात्रों को दुबारा से मशाल हाथ में लेने का समय गया है। हम पुरजोर विरोध करते हुए रिजल्ट को रिव्यू करने की मांग करेंगे। विष्णुचावड़ा,छात्रनेता
^मत्स्य यूनिवर्सिटी के रिजल्ट में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। फेल हुए परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच दोबारा होनी चाहिए। आरडी शर्मा,छात्रनेता
अलवर.राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
दोनों ही पास होने के लिए न्यूनतम 33 फीसदी अंक भी बच्चों को नहीं दिला पाए। बीए के रिजल्ट के बाद कॉलेजों में नियमित पढ़ाई पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बीएससी,बीकॉम के बाद बीए का रिजल्ट भी सवालों के दायरे में गया है। राजस्थान यूनिवर्सिटी से अलग होने के बाद यह पहली बार है,जब कई कॉलेजों का परिणाम 10 फीसदी तक सिमट गया। यूनिवर्सिटी परीक्षा नियंत्रक सप्तेश कुमार ने बताया कि बीए प्रथम वर्ष में 20 हजार 326 ने नियमित के रूप में परीक्षा दी थी। इनमें से 5 हजार 845 उत्तीर्ण हुए। जो महज 28.75 फीसदी है। 4850 को द्वितीय वर्ष में प्रवेश के योग्य घोषित किया गया। इस प्रकार कुल 20 हजार 326 में से 10 हजार 695 ही पास द्वितीय वर्ष के योग्य पाए गए। वहीं 12 हजार 120 विद्यार्थी स्वयंपाठी के रूप में परीक्षा में शामिल हुए इनमें से 1930 ही पास हो पाए जो कि कुल का 15.92 प्रतिशत है। 3405 को द्वितीय वर्ष में प्रवेश के योग्य माना गया है। स्वयंपाठी विद्यार्थियों में 1500 विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित होने के कारण अनुत्तीर्ण घोषित किए गए हैं।
रिजल्ट में विद्यार्थियों के साथ यूनिवर्सिटी कॉलेजों के फेल होने का मामला सिर्फ अलवर का ही नहीं है। मत्स्य यूनिवर्सिटी के साथ इस साल अस्तित्व में आई बृज और शेखावाटी यूनिवर्सिटी के हालात भी ऐसे ही हैं। फेल होने वालों की बड़ी संख्या तीनों यूनिवर्सिटी में है। शेखावाटी यूनिवर्सिटी के अब तक 13 नतीजे आए हैं। 99 हजार 890 विद्यार्थियों में से 59 हजार फेल हो गए। यानि 59.15 फीसदी फेल हो गए। राजस्थान यूनिवर्सिटी से अलग होने के बाद यह पहली बार है,जब कई कॉलेजों का परिणाम 10 फीसदी तक सिमट गया।
फर्म:एक्सपर्टके अनुसार रिजल्ट ऑनलाइन डालने वाली फर्म के स्तर पर भी गड़बड़ी हो सकती है। यूनिवर्सिटी को जांच टीम बनाकर पता करना चाहिए कि फर्म के स्तर पर तो गड़बड़ी नहीं हुई। उत्तर पुस्तिकाएं जांचने में देरी हुई थी। ऐसे में फर्म पर भी दबाव हो सकता है कि रिजल्ट जल्द अपलोड किया जाए।
व्याख्याता:अलवरके अलावा अन्य जिलों के व्याख्याताओं को भी कॉपियां भेजी गई। यूनिवर्सिटी के निर्देश थे कि प्राइवेट कॉलेजों के व्याख्याताओं को कॉपी देने के लिए यह सर्टिफिकेट लेना था कि उसके पांच साल का अनुभव है। जांच होनी चाहिए कि कम अनुभव वालों को तो उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दी गई।
1.पुनर्मूल्यांकन
इसमेंविश्वविद्यालय के छात्र की उत्तर पुस्तिका की जांच दोबारा होगी। यदि अंकों में 20 फीसदी से ज्यादा का अंतर सामने आता है तो थर्ड एक्जामिनर से ही जांच कराई जाती है।
2.आरटीआई
अभ्यर्थीको अधिकार है कि वह आरटीआई लगाते हुए उत्तर पुस्तिका की कॉपी मांग सकता है। वहीं,उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करते हुए देख सकता है कि अंक सही हैं या नहीं।
^12वीं मे मैरिट और उसके नजदीक रहने वालों को फेल किया जाना,अपने में ही सवाल है। जांच जरूरी है। मुकेश,छात्र
^यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों से धोखा कर रही है और पैसा एंठने के चक्कर में है। पुनर्मूल्यांकन कराना हर किसी के बस की बात नहीं। छात्रों को दुबारा से मशाल हाथ में लेने का समय गया है। हम पुरजोर विरोध करते हुए रिजल्ट को रिव्यू करने की मांग करेंगे। विष्णुचावड़ा,छात्रनेता
^मत्स्य यूनिवर्सिटी के रिजल्ट में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। फेल हुए परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच दोबारा होनी चाहिए। आरडी शर्मा,छात्रनेता
अलवर.राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
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