जयपुर, 12 सितम्बर। वर्ष 2015-16 के लिए मान्यता प्राप्त ऎसे निजी विद्यालय जिन्होंने भूमि रूपान्तरण हेतु सक्षम अधिकारी के सम्मुख आवेदन प्रस्तुत कर दिया है, उनके द्वारा यदि भू रूपान्तरण की रसीद प्रस्तुत कर दी जाती है तो उन्हें शैक्षिक सत्र 2016-17 हेतु अस्थाई मान्यता दे दी जाएगी।
शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि छात्र हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि ऎसे निजी विद्यालयों को सत्र 2016-17 हेतु मान्यता इस शर्त के साथ प्रदान की जाएगी कि सत्र समाप्ति से पूर्व वे भूमि रूपान्तरण करवा लें। ऎसा नहीं करने अथवा भूमि रूपान्तरण हेतु प्रस्तुत उनके आवेदन पत्र को निरस्त करने की स्थिति में उनकी अस्थाई मान्यता स्वतः ही समाप्त समझी जाएगी। प्रो. देवनानी ने बताया कि चूंकि 31 अगस्त 2012 से पूर्व भूमि रूपान्तरण की शर्त लागू नहीं थी, इस कारण से इससे पहले संचालित विद्यालयों को क्रमोन्नति में भूमि रूपान्तरण की शर्त में शिथिलन प्रदान किया जा रहा है परन्तु भवन परिवर्तन में इस शर्त में शिथिलन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि छात्र हित को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 31 अगस्त 2012 से पूर्व मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय यदि किराए के भवन में संचालित है और वे किराए के भवन में स्थान परिवर्तन करते है तो उन्हें भूमि रूपान्तरण की शर्त में शिथिलन प्रदान कर दिया जाएगा परन्तु यदि भवन परिवर्तन निजी भवन में हो तो भूमि रूपान्तरण आवश्यक होगा।
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शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि छात्र हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि ऎसे निजी विद्यालयों को सत्र 2016-17 हेतु मान्यता इस शर्त के साथ प्रदान की जाएगी कि सत्र समाप्ति से पूर्व वे भूमि रूपान्तरण करवा लें। ऎसा नहीं करने अथवा भूमि रूपान्तरण हेतु प्रस्तुत उनके आवेदन पत्र को निरस्त करने की स्थिति में उनकी अस्थाई मान्यता स्वतः ही समाप्त समझी जाएगी। प्रो. देवनानी ने बताया कि चूंकि 31 अगस्त 2012 से पूर्व भूमि रूपान्तरण की शर्त लागू नहीं थी, इस कारण से इससे पहले संचालित विद्यालयों को क्रमोन्नति में भूमि रूपान्तरण की शर्त में शिथिलन प्रदान किया जा रहा है परन्तु भवन परिवर्तन में इस शर्त में शिथिलन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि छात्र हित को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 31 अगस्त 2012 से पूर्व मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय यदि किराए के भवन में संचालित है और वे किराए के भवन में स्थान परिवर्तन करते है तो उन्हें भूमि रूपान्तरण की शर्त में शिथिलन प्रदान कर दिया जाएगा परन्तु यदि भवन परिवर्तन निजी भवन में हो तो भूमि रूपान्तरण आवश्यक होगा।
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