कस्बेके भीतर बाड़ी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षिका
के भरोसे आठ कक्षाएं संचालित हैं। विद्यालय में कार्यरत एक मात्र अध्यापिका
इंदु खत्री ने बताया कि सभी कक्षाओं को एक साथ पढ़ाई कराने में परेशानियां
आती है।
स्कूल का नामांकन 146 बच्चों का है, इसमें 116 बच्चे प्राइमरी 30 बच्चे अपर प्राइमरी सेक्शन के हैं। शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में अतिरिक्त शिक्षक लगाने के लिए उच्चाधिकारियों से आग्रह किया हुआ है। स्कूल की सभी आठ कक्षाओं की जिम्मेदारी एक मात्र शिक्षिका पर होने से अध्ययन कार्य में परेशानी होती है। बच्चों ने भी बताया कि स्कूल में अध्यापक और होने चाहिए।
स्कूल में एक मात्र शिक्षिका होने से विद्यालय के संचालन के लिए जरुरी अन्य कार्य भी प्रभावित होते हैं। एक मात्र अध्यापक को विभागीय बैठकों में भाग लेना, डाक बनाना पोषाहार का जिम्मा गया है। वहीं एक मात्र शिक्षक के आपात स्थिति में अवकाश पर रहने पर स्कूल पर ताला लगने की नौबत तक जाती है।
12 दिन से नहीं बन रहा पोषाहार
इसविद्यालय में पोषाहार बनाने के लिए जरुरी सामग्री का अभाव होने से गत बारह दिनों से पोषाहार भी नहीं बन पा रहा है। ऐसे में बच्चों को पोषाहार भी नहीं मिल पा रहा है। शिक्षिका ने बताया कि पोषाहार सामग्री का अभाव होने से पोषाहार नहीं बन पा रहा है। गत दिनों मिड डे मील के सघन निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने भी विद्यालय का निरीक्षण किया था। बीईईओ बयाना सुनील सारस्वत ने बताया कि आवश्यकता वाले सहित एकल विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक लगाने के लिए जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इन्हें भिजवाया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही आगामी दिनों में अतिरिक्त शिक्षक लगने से व्यवस्था में सुधार होगा। उल्लेखनीय है कि जिले में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है। इसके चलते पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इस समस्या के चलते परिजन अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने के बजाए निजी विद्यालयों में एडमिशन कराना उचित समझते हैँं।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
स्कूल का नामांकन 146 बच्चों का है, इसमें 116 बच्चे प्राइमरी 30 बच्चे अपर प्राइमरी सेक्शन के हैं। शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में अतिरिक्त शिक्षक लगाने के लिए उच्चाधिकारियों से आग्रह किया हुआ है। स्कूल की सभी आठ कक्षाओं की जिम्मेदारी एक मात्र शिक्षिका पर होने से अध्ययन कार्य में परेशानी होती है। बच्चों ने भी बताया कि स्कूल में अध्यापक और होने चाहिए।
स्कूल में एक मात्र शिक्षिका होने से विद्यालय के संचालन के लिए जरुरी अन्य कार्य भी प्रभावित होते हैं। एक मात्र अध्यापक को विभागीय बैठकों में भाग लेना, डाक बनाना पोषाहार का जिम्मा गया है। वहीं एक मात्र शिक्षक के आपात स्थिति में अवकाश पर रहने पर स्कूल पर ताला लगने की नौबत तक जाती है।
12 दिन से नहीं बन रहा पोषाहार
इसविद्यालय में पोषाहार बनाने के लिए जरुरी सामग्री का अभाव होने से गत बारह दिनों से पोषाहार भी नहीं बन पा रहा है। ऐसे में बच्चों को पोषाहार भी नहीं मिल पा रहा है। शिक्षिका ने बताया कि पोषाहार सामग्री का अभाव होने से पोषाहार नहीं बन पा रहा है। गत दिनों मिड डे मील के सघन निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने भी विद्यालय का निरीक्षण किया था। बीईईओ बयाना सुनील सारस्वत ने बताया कि आवश्यकता वाले सहित एकल विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक लगाने के लिए जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इन्हें भिजवाया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही आगामी दिनों में अतिरिक्त शिक्षक लगने से व्यवस्था में सुधार होगा। उल्लेखनीय है कि जिले में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है। इसके चलते पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इस समस्या के चलते परिजन अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने के बजाए निजी विद्यालयों में एडमिशन कराना उचित समझते हैँं।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
No comments:
Post a Comment