जयपुर. हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि भर्ती के लिए केवल लिखित परीक्षा ही होती है तो अभ्यर्थी परीक्षा समाप्त होने से तक और लिखित परीक्षा व साक्षात्कार दोनों हो तो साक्षात्कार तक पात्रता प्राप्त कर सकता है। न्यायाधीश मनीष भंडारी ने यह निर्देश कमलेश कटारिया की याचिका की सुनवाई के दौरान दिए।
पहली और आखिरी परीक्षा का फेर
प्रार्थी ने अगस्त - 2013 में निकली हैड मास्टर भर्ती के लिए आवेदन किया था। विज्ञापन के अनुसार अध्ययन पूरा कर चुके व अध्ययनरत दोनों ही प्रकार के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे। 12 जुलाई 2014 को पहले और 27 सितंबर 2014 को आखिरी पेपर की परीक्षा हुई थी। इस बीच 25 सितंबर 2014 को प्रार्थी का बीएड का परीक्षा परिणाम आ गया था। लेकिन आरपीएससी ने उसे यह कहकर नियुक्ति देने से इनकार कर दिया कि प्रार्थी ने परीक्षा प्रारंभ होने से पहले तक पात्रता की शर्त पूरी नहीं की थी। जबकि प्रार्थी ने आखिरी परीक्षा होने से पहले पात्रता पूरी करने के आधार पर नियुक्ति की गुहार की थी।
अपात्रता नहीं होने की स्थिति में मैरिट के आधार पर नियुक्ति दें
कोर्ट ने कहा है कि यदि भर्ती के लिए लिखित परीक्षा व साक्षात्कार दोनों हों तो अभ्यर्थी का साक्षात्कार तक पात्रता पूरी होना जरुरी है लेकिन यदि केवल लिखित परीक्षा ही हो तो अंतिम परीक्षा तक पात्रता हासिल की जा सकती है। कोर्ट ने प्रार्थी को अन्य कोई अपात्रता नहीं होने की स्थिति में मैरिट के आधार पर नियुक्ति देने के निर्देश दिए हैं।
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पहली और आखिरी परीक्षा का फेर
प्रार्थी ने अगस्त - 2013 में निकली हैड मास्टर भर्ती के लिए आवेदन किया था। विज्ञापन के अनुसार अध्ययन पूरा कर चुके व अध्ययनरत दोनों ही प्रकार के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे। 12 जुलाई 2014 को पहले और 27 सितंबर 2014 को आखिरी पेपर की परीक्षा हुई थी। इस बीच 25 सितंबर 2014 को प्रार्थी का बीएड का परीक्षा परिणाम आ गया था। लेकिन आरपीएससी ने उसे यह कहकर नियुक्ति देने से इनकार कर दिया कि प्रार्थी ने परीक्षा प्रारंभ होने से पहले तक पात्रता की शर्त पूरी नहीं की थी। जबकि प्रार्थी ने आखिरी परीक्षा होने से पहले पात्रता पूरी करने के आधार पर नियुक्ति की गुहार की थी।
अपात्रता नहीं होने की स्थिति में मैरिट के आधार पर नियुक्ति दें
कोर्ट ने कहा है कि यदि भर्ती के लिए लिखित परीक्षा व साक्षात्कार दोनों हों तो अभ्यर्थी का साक्षात्कार तक पात्रता पूरी होना जरुरी है लेकिन यदि केवल लिखित परीक्षा ही हो तो अंतिम परीक्षा तक पात्रता हासिल की जा सकती है। कोर्ट ने प्रार्थी को अन्य कोई अपात्रता नहीं होने की स्थिति में मैरिट के आधार पर नियुक्ति देने के निर्देश दिए हैं।
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