श्रीगंगानगर सिलेबस एेसा कि पुराने तरीकों के बजाय नए जमाने और अपने आसपास हो रहे बदलाव का वैज्ञानिक तरीका। टीचर या लेक्चरर की वहां उपस्थित होने की जरूरत भी नहीं है। यह सब कुछ किसी स्कूली बच्चे के सपने पर लिखा निबंध नहीं बल्कि इलाके में एेसे पांच स्कूलों को ई स्कूल के रूप में तब्दील करने का प्रयोग किया जा रहा है।
जिला कलक्टर पीसी किशन खुद इन ई स्कूलों को तैयार कराने के लिए जुट गए हैं। कलक्टर ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक में यह खुलासा किया। उनका कहना था कि बच्चों में बदलाव आ रहा है, इंटरनेट और फेसबुक के इस जमाने में पुराना सिलबेस पढऩे के प्रति सरकारी स्कूलो के बच्चों में रुझान घटा है। एेसे में स्कूल को अपडेट करने का समय आ गया है, इसकी शुरुआत अभी से होनी चाहिए।
जब मन किया तब सुने गाने
जिला कलक्टर ने बताया कि क्लास रूम जेल की तरह नहीं हो, इसके लिए ई स्कूल की कक्षा में जब विद्यार्थियों को यह लगे कि अब मन गाना सुनने का है तो वहां इंटरनेट से किसी भी गीतकार के नए या पुराने गीत सुन सकेंगे। जब मन हो फिल्म देखने का तो कॉमेडी या प्रेरणादायक हिन्दी फिल्म देखने का आंनद उठाया जा सकता है। कलक्टर ने यह भी दावा किया ई लाइब्रेरी से भी क्लास रूम को जोड़ा जाएगा। इस ई लाइब्रेरी में वैज्ञानिकों की जीवनी पर आधारित सिलबेस अपलोड हो सकेगा।
शहरी क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा रहती है लेकिन घड़साना जैसे दूरराज इलाके में यह सर्विस नहीं मिलती। एेसे में लोकल इंटरनेट की सुविधा से संबधित स्कूल की क्लास रूम को जोड़ा जा सकेगा, यह लोकल नेटवर्क बैटरी से चल सकता है।
पीसी किशन, जिला कलक्टर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जिला कलक्टर पीसी किशन खुद इन ई स्कूलों को तैयार कराने के लिए जुट गए हैं। कलक्टर ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक में यह खुलासा किया। उनका कहना था कि बच्चों में बदलाव आ रहा है, इंटरनेट और फेसबुक के इस जमाने में पुराना सिलबेस पढऩे के प्रति सरकारी स्कूलो के बच्चों में रुझान घटा है। एेसे में स्कूल को अपडेट करने का समय आ गया है, इसकी शुरुआत अभी से होनी चाहिए।
जब मन किया तब सुने गाने
जिला कलक्टर ने बताया कि क्लास रूम जेल की तरह नहीं हो, इसके लिए ई स्कूल की कक्षा में जब विद्यार्थियों को यह लगे कि अब मन गाना सुनने का है तो वहां इंटरनेट से किसी भी गीतकार के नए या पुराने गीत सुन सकेंगे। जब मन हो फिल्म देखने का तो कॉमेडी या प्रेरणादायक हिन्दी फिल्म देखने का आंनद उठाया जा सकता है। कलक्टर ने यह भी दावा किया ई लाइब्रेरी से भी क्लास रूम को जोड़ा जाएगा। इस ई लाइब्रेरी में वैज्ञानिकों की जीवनी पर आधारित सिलबेस अपलोड हो सकेगा।
शहरी क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा रहती है लेकिन घड़साना जैसे दूरराज इलाके में यह सर्विस नहीं मिलती। एेसे में लोकल इंटरनेट की सुविधा से संबधित स्कूल की क्लास रूम को जोड़ा जा सकेगा, यह लोकल नेटवर्क बैटरी से चल सकता है।
पीसी किशन, जिला कलक्टर
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