बाड़मेर. शिक्षक काउंसलिंग
के चौथे दिन मंगलवार को शिक्षकों ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए विरोध
किया। शिक्षकों ने दोपहर बाद विरोध जताते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने शिक्षक
काउंसलिंग स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया हैै, लेकिन डीईओं अपनी मनमर्जी
से काउंसलिंग प्रकिया का संचालन कर रहे हैं, ये गलत है।
इधर, डीईओ का कहना था कि उनके पास अभी तक विभागीय आदेश नहीं आया है। इसलिए नियमानुसार प्रक्रिया जारी रहेगी। बाहर शिक्षक अपने मोबाइल पर स्थगन के साथ विभागीय आदेश की प्रतियां बता रहे थे, लेकिन डीईओ फिर भी नहीं माने।
प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में सेटअप परिवर्तन को लेकर शिक्षक काउंसलिंग मंगलवार को विरोध के बावजूद चलती रही। इसमें सर्वप्रथम महिलाओं को बुलाया गया। शाम करीब 6:30 बजे तक महिला शिक्षकों की काउंसलिंग हुई। इनके बाद पुरुष शिक्षकों का नंबर आया और देर शाम तक काउंसलिंग का दौर चलता रहा।
न टेंट, न बैठने की व्यवस्था
हाई स्कूल के बंद कमरे में सेटअप परिवर्तन की प्रक्रिया चल रही है। कमरे के बाहर टेंट की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में भीषण गर्मी में शिक्षकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काउंसलिंग प्रक्रिया बंद कमरे में चल रही है, इससे शिक्षकों को खिड़कियों पर लटक कर नंबर देखना पड़ रहा है।
करते रहे विरोध, चलती रही काउंसलिंग
मंगलवार को शिक्षक संघ सियाराम के बैनर तले शिक्षकों ने काउंसलिंग में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। जिलाध्यक्ष छगनसिंह लूणू के नेतृत्व में शिक्षक हाई स्कूल मैदान पहुंचे और काउंसलिंग में पक्षपात करने, अपने मिलने वाले शिक्षकों के लिए नजदीक के विद्यालय काउंसलिंग में शामिल नहीं करने सहित कई आरोप लगाते हुए विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने शिक्षक काउंसलिंग पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है।
वरिष्ठता दरकिनार करने का आरोप
शिक्षकों ने विरोध जताते हुए कहा कि हमारी परिवेदना लेकर लेवल एवं विषय वार वरिष्ठता के आधार पर सूचियां बनाई जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यालय की आेर से बनाई सूची में वरिष्ठता का कोई ध्यान नहीं रखा गया। उसमें 1992 में नियुक्त शिक्षकों को छोड़ दिया। वहीं 2005 एवं 2007 में नियुक्त शिक्षकों को 6डी के तहत सेटअप परिवर्तन के लिए सूची में शामिल किया गया, जो सरासर गलत है। इसके अलावा शाला दर्पण के तहत रिक्त पदों को पूरी तरह से नहीं दर्शाया गया है।
7:30 घंटे देरी से शुरू
शिक्षकों ने बताया कि हमें सुबह आठ बजे बुलाया गया, लेकिन काउंसलिंग प्रक्रिया शाम चार बजे शुरू हुई। इससे हमें दिन भर गर्मी में परेशान होना पड़ा। उन्होंने बताया कि ऐसा कहीं नोटिस नहीं चस्पा किया हुआ था कि महिलाओं को पहले बुलाया जाएगा।
मेरे पास आदेश नहीं है
मेरे पास इस प्रकार का कोई आदेश नहीं आया है। शेष सभी जिलों में काउंसलिंग हो गई है। यहां पर भी पूरी कर रहा हूं।
गोरधनराम सुथार, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इधर, डीईओ का कहना था कि उनके पास अभी तक विभागीय आदेश नहीं आया है। इसलिए नियमानुसार प्रक्रिया जारी रहेगी। बाहर शिक्षक अपने मोबाइल पर स्थगन के साथ विभागीय आदेश की प्रतियां बता रहे थे, लेकिन डीईओ फिर भी नहीं माने।
प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में सेटअप परिवर्तन को लेकर शिक्षक काउंसलिंग मंगलवार को विरोध के बावजूद चलती रही। इसमें सर्वप्रथम महिलाओं को बुलाया गया। शाम करीब 6:30 बजे तक महिला शिक्षकों की काउंसलिंग हुई। इनके बाद पुरुष शिक्षकों का नंबर आया और देर शाम तक काउंसलिंग का दौर चलता रहा।
न टेंट, न बैठने की व्यवस्था
हाई स्कूल के बंद कमरे में सेटअप परिवर्तन की प्रक्रिया चल रही है। कमरे के बाहर टेंट की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में भीषण गर्मी में शिक्षकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काउंसलिंग प्रक्रिया बंद कमरे में चल रही है, इससे शिक्षकों को खिड़कियों पर लटक कर नंबर देखना पड़ रहा है।
करते रहे विरोध, चलती रही काउंसलिंग
मंगलवार को शिक्षक संघ सियाराम के बैनर तले शिक्षकों ने काउंसलिंग में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। जिलाध्यक्ष छगनसिंह लूणू के नेतृत्व में शिक्षक हाई स्कूल मैदान पहुंचे और काउंसलिंग में पक्षपात करने, अपने मिलने वाले शिक्षकों के लिए नजदीक के विद्यालय काउंसलिंग में शामिल नहीं करने सहित कई आरोप लगाते हुए विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने शिक्षक काउंसलिंग पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है।
वरिष्ठता दरकिनार करने का आरोप
शिक्षकों ने विरोध जताते हुए कहा कि हमारी परिवेदना लेकर लेवल एवं विषय वार वरिष्ठता के आधार पर सूचियां बनाई जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यालय की आेर से बनाई सूची में वरिष्ठता का कोई ध्यान नहीं रखा गया। उसमें 1992 में नियुक्त शिक्षकों को छोड़ दिया। वहीं 2005 एवं 2007 में नियुक्त शिक्षकों को 6डी के तहत सेटअप परिवर्तन के लिए सूची में शामिल किया गया, जो सरासर गलत है। इसके अलावा शाला दर्पण के तहत रिक्त पदों को पूरी तरह से नहीं दर्शाया गया है।
7:30 घंटे देरी से शुरू
शिक्षकों ने बताया कि हमें सुबह आठ बजे बुलाया गया, लेकिन काउंसलिंग प्रक्रिया शाम चार बजे शुरू हुई। इससे हमें दिन भर गर्मी में परेशान होना पड़ा। उन्होंने बताया कि ऐसा कहीं नोटिस नहीं चस्पा किया हुआ था कि महिलाओं को पहले बुलाया जाएगा।
मेरे पास आदेश नहीं है
मेरे पास इस प्रकार का कोई आदेश नहीं आया है। शेष सभी जिलों में काउंसलिंग हो गई है। यहां पर भी पूरी कर रहा हूं।
गोरधनराम सुथार, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC